श्रेया कुमारी और नीकू झा दो किशोरवय बालिकाएं महीने भर पहले राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर के गांव सिमरिया (बेगूसराय) में थीं. दोनों अभी स्कूली पढ़ाई कर रही हैं लेकिन वहां वे दिनकर के जीवन पर शोध करने गई थीं और ग्राउंड वर्क करके लौटी हैं. अब उनका इरादा दिनकर पर किताब लिखने का है.
इनसे पहले प्रवीण कुमार और राज आर्यन कथाकार फणीश्वरनाथ रेणु के गांव से लौटे हैं. वे 22 अप्रैल को उनके गांव अररिया जिले के औराही हिंगना गए थे. वहां दोनों किशोरों ने रेणु के छोटे बेटे दक्षिणेश्वर राय, उनके पोते निशांतर और रेणु के पुराने दोस्तों से मुलाकात की थी. उनका भी मकसद रेणु पर एक पुस्तक लिखना है.
उनके साथी अतुल राय और चिंटू कुमार ने बिहार के ही एक और बड़े कवि नागार्जुन के जीवन पर किताब लिखने का मन बनाया है. शोध के लिए वे जल्द ही नागार्जुन के गांव जाने की तैयारी कर रहे हैं. नागार्जुन के छोटे बेटे से उनकी बातचीत चल रही है.
यह बिहार के किशोरवय लेखकों की नई पौध है, जो शोध करके किताब लिखने की तैयारी कर रही है. उनकी निगाह फिलहाल राज्य के महापुरुषों और खास कर साहित्यकारों के जीवन पर है. वे उन पर ऐसी किताब लिखना चाहते हैं, जो स्कूली बच्चों के लिए रुचिकर हो.
इन किशोरों में कॉमन बात यह है कि ये सभी बिहार की राजधानी पटना में किशोरवय बच्चों के जीवन के बहुमुखी विकास के लिए काम कर रही संस्था किलकारी (बिहार बाल भवन) से जुड़े हैं, वहां ये रचनात्मक लेखन का प्रशिक्षण ले रहे हैं. किलकारी बिहार सरकार के शिक्षा विभाग से जुड़ी संस्था है, जो किशोरवय बच्चों के बीच कला, विज्ञान, साहित्य, खेल, संगीत, नाटक वगैरह के कौशल विकसित करने का काम करती है. यहां से प्रशिक्षित बच्चे कई क्षेत्रों में सफल हुए हैं.
Bu hikaye India Today Hindi dergisinin August 16, 2023 sayısından alınmıştır.
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