दक्षिण कश्मीर में अनंतनाग के हलमुल्ला में अपने क्रिकेट बल्ले के कारखाने में बल्लों को रवाना करने से पहले चमकाते कामगारों को हिदायतें देते फौजुल कबीर जज्बाती हो उठते हैं. आखिर उनका कारखाना आइसीसी (इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल) के खास निर्देशों के मुताबिक क्रिकेट के बल्ले बनाने का ऑर्डर पाने वाला इकलौता है. वे कहते हैं, "हमें इस विश्व कप में 20 अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों के लिए 300 क्रिकेट बल्ले तैयार करने हैं. आधा ऑर्डर पूरा हो चुका है, बाकी के लिए हम देर शाम तक काम कर रहे हैं. अक्तूबर में आइसीसी एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट विश्व कप की तीन टीमों-श्रीलंका, बांग्लादेश और अफगानिस्तान-के क्रिकेटर उनकी 'जीआर8 स्पोट्र्स' में तैयार बल्लों से खेलेंगे. कबीर कहते हैं, "हमारे लिए यह फन की बात है. हमारी इकाई से निकले बल्ले पहली बार वन डे वर्ल्ड कप में इस्तेमाल होंगे, जिससे इंग्लिश विलो का एकाधिकार टूट जाएगा."
पिछले साल तक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कश्मीर विलो का नामो-निशान तक नहीं था. इंग्लिश विलो क्रिकेट खेलने वाले देशों का पसंदीदा हुआ करता था, जो अपने नॉक, दानेदार हल्के वजन और धार की वजह से आसानी से फटता नहीं. 44 वर्षीय कबीर के मरहूम वालिद अब्दुल कबीर डार ने 1974 में यह कारखाना लगाया था. वे बताते हैं, "हमें कच्चे माल के पैसे मिलते, पर मान्यता नहीं. हम मेरठ और जालंधर के बड़े ब्रांडों को ट्रक के ट्रक फट्टे (अधबने बल्ले) भेजा करते थे." 2010 में कबीर के कारोबार में उतरने के बाद चीजें बदलने लगीं. कारोबार के मौकों की तलाश में वे ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड और वेस्ट इंडीज गए. वहां उन्हें नई चीजें सीखने को मिलीं. वे कहते हैं, “किसी को हमारी इंडस्ट्री के बारे में पता तक नहीं था, न ही क्रिकेटर कश्मीर विलो का इस्तेमाल करते थे. हमें ब्रांडिंग और बल्लों के लिए अंतरराष्ट्रीय निर्देशों का अता-पता नहीं था. हमें कुछ पता नहीं था, न स्वीट स्पॉट के बारे में, या बैलेंस, लंबाई, चौड़ाई... कुछ पता नहीं था. "
Bu hikaye India Today Hindi dergisinin September 20, 2023 sayısından alınmıştır.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber ? Giriş Yap
Bu hikaye India Today Hindi dergisinin September 20, 2023 sayısından alınmıştır.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber? Giriş Yap
शादी का म्यूजिकल
फ़ाज़ा जलाली पृथ्वी थिएटर फेस्टिवल में इस बार भारतीय शादियों पर मजेदार म्यूजिकल कॉमेडी रनअवे ब्राइड्स लेकर हाजिर हुईं
शातिर शटल स्टार
हाल में एक नए फॉर्मेट में इंडोनेशिया में शुरू नई अंतरराष्ट्रीय लीग बैडमिंटन -एक्सएल के पहले संस्करण में शामिल अश्विनी पोनप्पा उसमें खेलने वाली इकलौती भारतीय थीं
पुराने नगीनों का नया नजराना
पुराने दिनों की गुदगुदाने वाली वे सिनेमाई यादें आज के परदे पर कैसी लगेंगी भला ! इसी जिज्ञासा का नतीजा है कि कई पुरानी फिल्में फिर से सिनेमाघरों में रिलीज हो रहीं और दर्शकों को खींचकर ला रहीं
जख्म, जज्बात और आजादी
निखिल आडवाणी के निर्देशन में बनी फ्रीडम ऐट मिडनाइट पर आधारित सीरीज में आजादी की उथल-पुथल से एक मुल्क बनने तक की कहानी
किस गफलत का शिकार हुए बाघ?
15 बाघों की गुमशुदगी के पीछे स्थानीय वन अधिकारियों की ढीली निगरानी व्यवस्था, राजनैतिक दबाव और आंकड़ों की अविश्वसनीयता है
कंप्यूटिंग में नई क्रांति की कवायद
आइआइएससी के शोधकर्ताओं ने मस्तिष्क प्रेरित कंप्यूटिंग की दिशा में लंबी छलांग लगाते हुए एक ऐसा उपकरण तैयार किया है जो न्यूरल सिनेप्सेज की तरह सूचनाओं को प्रोसेस करता है. इसमें रफ्तार, क्षमता और डेटा सुरक्षा की भरपूर संभावना
चीन की चुनौती
जैसे-जैसे भारत और चीन के बीच तनाव कम हो रहा और व्यापार बढ़ रहा है, भारत के सामने सस्ते चीनी आयात को किनारे लगाने तथा घरेलू उद्योग की जरूरतों को प्रोत्साहित करने की कठिन चुनौती
कौन सवारी करेगा मराठा लहर पर
मराठा समुदाय के लोगों में आक्रोश है और मनोज जरांगे - पाटील के असर में मराठवाड़ा 'से आखिरकार यह भी तय हो सकता है कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की बाजी किसके हाथ लगेगी
फिर बना सियासत का मर्कज
सुप्रीम कोर्ट ने पलटा 1968 में अजीज बाशा मामले में दिया गया फैसला. भाजपा नेताओं के निशाने पर आया एएमयू, आरक्षण, तालीम पर उठा रहे सवाल
जानलेवा तनाव
भारतीय कंपनियों में गैर - सेहतमंद कार्य - संस्कृति से कर्मचारियों की जान पर बन आई है. इससे वे तरह-तरह की मानसिक और शारीरिक बीमारियों की चपेट में आ रहे और कई मौकों पर तो यह कल्चर उनके लिए मौत का सबब बन रही