एक अक्तूबर को मालदीव की सरकारी प्रसारण सेवा ने मोहम्मद मुइज्जू को निर्वाचित राष्ट्रपति घोषित किया और कुछ ही मिनटों बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उन्हें बधाई देने वाले 'पहले नेता' थे. मोदी ने अपने संदेश में स्पष्ट तौर पर कहा कि उनकी सरकार समय की कसौटी पर खरे उतरे भारत-मालदीव द्विपक्षीय रिश्तों को मजबूती देने और 'हिंद महासागर क्षेत्र में समग्र सहयोग' बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है. हालांकि, ताजा घटनाक्रम भारत के लिए एक सिरदर्द बन गया है. दरअसल, पीपल्स नेशनल कांग्रेस पार्टी के चीन समर्थक मुइज्जू का 'इंडिया आउट' अभियान के साथ मालदीव की सत्ता हासिल करना इन आशंकाओं को बल देता है कि ये द्वीप राष्ट्र चीन की 'स्ट्रिंग ऑफ पर्ल्स' योजना का एक ठिकाना बन सकता है. इस योजना के साथ चीन क्षेत्र में अपना सैन्य और वाणिज्यिक दबदबा कायम करना चाहता है. मुइज्जू का रुख इससे भी साफ जाहिर है कि उन्होंने 8 अक्तूबर को माले स्थित दूतावास में चीन के राष्ट्रीय दिवस समारोह में भाग लेने के तुरंत बाद घोषणा की, "मालदीववासी नहीं चाहते कि कोई भी विदेशी सैनिक उनकी जमीन पर मौजूद रहे, चाहे वह भारत का हो या किसी अन्य देश का." हालांकि, उन्होंने यह जरूर दोहराया कि भारत के साथ सैन्य सहयोग जारी रहेगा. मोदी नवंबर, 2018 में भारत समर्थक इब्राहिम मोहम्मद सोलिह के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने वाले एकमात्र प्रमुख राष्ट्राध्यक्ष थे. इस साल भारत विरोध को चुनावी मुद्दा बनाकर मैदान में उतरे मुइज्जू ने 17 नवंबर को जब शपथ ग्रहण की तो भारत का प्रतिनिधित्व केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्री किरण रिजिजू ने किया. भारत की तरफ से प्रतिनिधित्व स्तर को घटाना एक तरह से मालदीव की नई सरकार के लिए एक संदेश माना जा रहा है.
Bu hikaye India Today Hindi dergisinin December 06, 2023 sayısından alınmıştır.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber ? Giriş Yap
Bu hikaye India Today Hindi dergisinin December 06, 2023 sayısından alınmıştır.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber? Giriş Yap
मजबूत हाथों में भविष्य
भविष्य के बिजनेस लीडर्स को गढ़ने में बिजनेस स्कूलों की बेहद निर्णायक भूमिका है, ऐसा भविष्य जिसकी अगुआई टेक्नोलॉजी करेगी
कॉर्पोरेट के पारखी
आइआइएम कलकत्ता के छात्रों को महज बिजनेस दिग्गज बनने के लिए ही प्रशिक्षित नहीं किया जा रहा, वे पार्टनरशिप्स के जरिए राज्य की नौकरशाही को ऊर्जावान बनाने में भी मदद कर रहे
विरासत की बड़ी लड़ाई
बड़े दांव वाले शक्ति प्रदर्शन के लिए मैदान सज गया है, राजनैतिक दिग्गज और ताकतवर परिवार आदिवासी बहुल क्षेत्र पर कब्जे के लिए आ गए हैं आमने-सामने
कौन दमदार शिवसेना
महाराष्ट्र में किसका राज चलेगा, यह लोगों के वोट से तय होगा लेकिन साथ ही यह भी तय होगा कि कौन-सी शिवसेना असली है-ठाकरे की या शिंदे की
सीखने का सुखद माहौल
स्वास्थ्य प्रबंधन में एक नए पाठ्यक्रम से लेकर ब्लॉकचेन तकनीक पर केंद्रित कार्यक्रम तक, आइआइएम लखनऊ अपने नए ईकोसिस्टम के साथ अग्रणी भूमिका निभा रहा
ट्रंप की नजर में दुनिया
अमेरिका के लोगों ने दूसरी बार डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व में अपनी आस्था जताई है. ऐसे में भारत और बाकी दुनिया इस बात के लिए अपने को तैयार कर रही कि व्यापार और भू-राजनीतिक व्यवस्था के संदर्भ में 47वें राष्ट्रपति के अमेरिका-प्रथम के एजेंडे का आखिर क्या मायने होगा?
नवाचार की शानदार चमक
इस संस्थान में शिक्षा का मतलब ऐसे समाधान तैयार करना है जिनके केंद्र में देश की सामाजिक वास्तविकता मजबूती से जुड़ी हो
योगी बनाम अखिलेश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 26 अगस्त को आगरा में ताज महल पश्चिमी द्वार स्थित पुरानी मंडी चौराहे पर दुर्गादास राठौर मु की प्रतिमा का अनावरण करने पहुंचे थे.
लैब कॉर्पोरेट लीडरशिप की
सख्त एकेडमिक अनुशासन, रिसर्च पर फोकस और विश्वस्तरीय गुणवत्ता के जरिए आइआइएम-के बिजनेस एजुकेशन की नई परिभाषा गढ़ रहा
सत्ता पर दबदबे की नई होड़
इन दिनों धुंध की मोटी चादर में लिपटी कश्मीर घाटी में छह साल के इंतजार के बाद नई उम्मीद जगी है. केंद्र शासित प्रदेश की नवनिर्वाचित नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) की सरकार ने आते ही अपने इरादे साफ कर दिए - जम्मू-कश्मीर को फिर से राज्य का दर्जा दिलाना उनका पहला संकल्प है.