नेपाल के जनकपुर शहर में जानकी मंदिर के पास एक चाय दुकान में दीपक झा से मुलाकात होती है. वे स्थानीय राजनैतिक कार्यकर्ता हैं. यह जानने पर कि मैं पड़ोसी देश भारत के बिहार प्रांत से आ रहा हूं, वे देसी जुबान मैथिली में पूछ बैठते हैं, "कि यौ, सीतामढ़ी में सीता मइया के भव्य मंदिर बनि रहल छै?" उनके इस सवाल के पीछे यह भाव है कि अगर सीतामढ़ी में सचमुच सीता का भव्य मंदिर बन गया तो भारत के लोग सीता माता को अपने इलाके की बेटी क्लेम करने लगेंगे. ऐसा हुआ तो उनके जनकपुर का महत्व कहीं घट न जाए.
ऐसा ही अंदेशा एक दिन पहले सीतामढ़ी शहर में पर्यावरण और पुरातत्व के विद्वान रामशरण अग्रवाल ने जताया था. उनके शब्द थे, “जनकपुर शहर के लाखों लोगों ने यूएन की एजेंसी को आवेदन भेजा है कि उनका शहर सीता माता की जन्मभूमि है, इसलिए इस शहर को हेरिटेज सिटी घोषित किया जाए. ऐसा हुआ तो लोग मान बैठेंगे कि जनकपुर ही सीता माता की जन्मभूमि है."
कभी राजनैतिक रूप से एक ही मिथिला राज्य का हिस्सा रहे ये दो शहर आज भी सामाजिक और सांस्कृतिक रूप से लगभग एक जैसे हैं. एक-सी भाषा बोलते हैं और एक-सी परंपराओं का निर्वाह करते हैं. हैं तो एक-दूसरे से 55 किमी की दूरी पर लेकिन आज दो देशों में बंट गए हैं. दोनों शहरों के राजनेता, बुद्धिजीवी और आम लोग इन दिनों इस दुश्चिता के शिकार हैं कि कहीं सीता की विरासत पर उनका कब्जा खत्म न हो जाए. अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के आयोजन की मौजूदा तैयारियों ने उनका अंदेशा और बढ़ा दिया है.
राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का उत्साह नेपाल के जनकपुर धाम में अधिक है. वहां से पहले तो राम मंदिर की मूर्तियों के लिए गंडक नदी से शिलाएं भेजी गईं, फिर पिछले दिनों शहरवासियों ने अयोध्या मंदिर के लिए बड़े स्नेह से नेपाल की नदियों का संकलित जल और संदेशा भेजा. दोनों मौकों पर स्थानीय राजनेताओं, समाजसेवियों और आम लोगों की भी भागीदारी रही.
Bu hikaye India Today Hindi dergisinin January 24, 2024 sayısından alınmıştır.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber ? Giriş Yap
Bu hikaye India Today Hindi dergisinin January 24, 2024 sayısından alınmıştır.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber? Giriş Yap
शादी का म्यूजिकल
फ़ाज़ा जलाली पृथ्वी थिएटर फेस्टिवल में इस बार भारतीय शादियों पर मजेदार म्यूजिकल कॉमेडी रनअवे ब्राइड्स लेकर हाजिर हुईं
शातिर शटल स्टार
हाल में एक नए फॉर्मेट में इंडोनेशिया में शुरू नई अंतरराष्ट्रीय लीग बैडमिंटन -एक्सएल के पहले संस्करण में शामिल अश्विनी पोनप्पा उसमें खेलने वाली इकलौती भारतीय थीं
पुराने नगीनों का नया नजराना
पुराने दिनों की गुदगुदाने वाली वे सिनेमाई यादें आज के परदे पर कैसी लगेंगी भला ! इसी जिज्ञासा का नतीजा है कि कई पुरानी फिल्में फिर से सिनेमाघरों में रिलीज हो रहीं और दर्शकों को खींचकर ला रहीं
जख्म, जज्बात और आजादी
निखिल आडवाणी के निर्देशन में बनी फ्रीडम ऐट मिडनाइट पर आधारित सीरीज में आजादी की उथल-पुथल से एक मुल्क बनने तक की कहानी
किस गफलत का शिकार हुए बाघ?
15 बाघों की गुमशुदगी के पीछे स्थानीय वन अधिकारियों की ढीली निगरानी व्यवस्था, राजनैतिक दबाव और आंकड़ों की अविश्वसनीयता है
कंप्यूटिंग में नई क्रांति की कवायद
आइआइएससी के शोधकर्ताओं ने मस्तिष्क प्रेरित कंप्यूटिंग की दिशा में लंबी छलांग लगाते हुए एक ऐसा उपकरण तैयार किया है जो न्यूरल सिनेप्सेज की तरह सूचनाओं को प्रोसेस करता है. इसमें रफ्तार, क्षमता और डेटा सुरक्षा की भरपूर संभावना
चीन की चुनौती
जैसे-जैसे भारत और चीन के बीच तनाव कम हो रहा और व्यापार बढ़ रहा है, भारत के सामने सस्ते चीनी आयात को किनारे लगाने तथा घरेलू उद्योग की जरूरतों को प्रोत्साहित करने की कठिन चुनौती
कौन सवारी करेगा मराठा लहर पर
मराठा समुदाय के लोगों में आक्रोश है और मनोज जरांगे - पाटील के असर में मराठवाड़ा 'से आखिरकार यह भी तय हो सकता है कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की बाजी किसके हाथ लगेगी
फिर बना सियासत का मर्कज
सुप्रीम कोर्ट ने पलटा 1968 में अजीज बाशा मामले में दिया गया फैसला. भाजपा नेताओं के निशाने पर आया एएमयू, आरक्षण, तालीम पर उठा रहे सवाल
जानलेवा तनाव
भारतीय कंपनियों में गैर - सेहतमंद कार्य - संस्कृति से कर्मचारियों की जान पर बन आई है. इससे वे तरह-तरह की मानसिक और शारीरिक बीमारियों की चपेट में आ रहे और कई मौकों पर तो यह कल्चर उनके लिए मौत का सबब बन रही