दलील और तकनीक का मेल
India Today Hindi|July 03, 2024
यह संस्थान छात्रों को भविष्य की कानूनी लड़ाइयों के लिए तैयार करने के उद्देश्य से जेन एआइ जैसे नए जमाने के टूल्स से परिचित कराने के पुख्ता तरीके अपना रहा है
अजय सुकुमारन
दलील और तकनीक का मेल

बेंगलूरू स्थित नेशनल लॉ स्कूल ऑफ इंडिया यूनिवर्सिटी (एनएलएसआइयू) के हरे-भरे परिसर में पिछले एक साल के दौरान खासा कायापलट हो चुका है. लाइब्रेरी ब्लॉक की बगल में एक नया एम्फीथिएटर बना है. वहीं, परिसर में कुछ जगहों पर प्राकृतिक नजारों से भरपूर तालाब बनाए गए हैं, ताकि छात्र खुली जगहों पर खुशनुमा माहौल में संवाद-चर्चा कर सकें. संस्थान के प्रमुख रास्ते को दृष्टिबाधित लोगों की सुविधाओं को ध्यान में रखकर फिर से डिजाइन किया गया है. समावेशिता और विविधता के सिद्धांत पर चलने वाले देश के इस प्रमुख विधि संस्थान ने बुनियादी ढांचे में यह सारे बदलाव शैक्षणिक विकास क्रम के तहत किए हैं.

वाइस चांसलर सुधीर कृष्णास्वामी ने बताया कि 2024 में संस्थान अपने प्रमुख बीए एलएलबी पाठ्यक्रम में 300 छात्रों, तीन वर्षीय एलएलबी कार्यक्रम में 120 और एलएलएम में भी इतने ही छात्रों को प्रवेश देगा. इससे विभिन्न बैच में छात्रों की कुल संख्या करीब 1,300 हो जाएगी. बढ़ती छात्र संख्या के मद्देनजर एनएलएसआइयू अपने संकाय की संख्या भी बढ़ा रहा है. वे कहते हैं, "जुलाई 2024 से हमारा संकाय आंकड़ा 100 तक पहुंच जाएगा और फिर हम इसे 125 तक ले जाएंगे." इससे इस संस्थान में शिक्षक छात्र अनुपात करीब 1:15 बनाए रखने में मदद मिलेगी.

जेनरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस या जेन एआइ आने से शिक्षा क्षेत्र में पिछले 12-18 महीनों में एक बड़ा बदलाव आया है. कृष्णास्वामी कहते हैं, "कानून उन पेशों में एक है जिस पर जेन एआइ का सबसे गहरा असर पड़ने के आसार हैं. ऐसे में एक विधि विश्वविद्यालय के तौर पर हमारे लिए तीन चीजें सबसे ज्यादा अहम हो जाती हैं. सबसे पहले, हमें अपने छात्रों को इसमें महारत वाला यूजर बनाना होगा, जो नए जमाने के खास टूल से परिचित हों. लेकिन इससे कहीं आगे जाकर पाठ्यक्रम के लिहाज से हम उन्हें यह सिखाते हैं कि यह तकनीक कैसे काम करती है ताकि वे इसके डिजाइनर और निर्माता दोनों बन सकें. यहीं नहीं, अगर शैक्षणिक जरूरतों को देखें तो यही कहा जा सकता है कि हर छात्र के फोन में एक ट्यूटर के तौर पर जेन एआइ खासी संभावनाएं रखता है."

यह दूसरों से अलग कैसे है

एनएलएसयूआइ के छात्रों को 14.3 लाख रुपए प्रति वर्ष के औसत वार्षिक वेतन (घरेलू) की पेशकश; उच्चतम 19.5 लाख रुपए

Bu hikaye India Today Hindi dergisinin July 03, 2024 sayısından alınmıştır.

Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.

Bu hikaye India Today Hindi dergisinin July 03, 2024 sayısından alınmıştır.

Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.

INDIA TODAY HINDI DERGISINDEN DAHA FAZLA HIKAYETümünü görüntüle
'छोटी-छोटी फिल्में करना अच्छा लगता है'
India Today Hindi

'छोटी-छोटी फिल्में करना अच्छा लगता है'

नवाजुद्दीन सिद्दीकी जी फाइव पर रिलीज होने वाली अपनी अगली फिल्म राउतू का राज, संघर्ष के दिनों और ऐक्टिंग के तजुर्बे पर

time-read
2 dak  |
July 03, 2024
अब डिजाइन के नए अवतार
India Today Hindi

अब डिजाइन के नए अवतार

व्यावहारिक प्रशिक्षण, नेटवर्किंग और उद्योग के अंदरूनी लोगों के साथ मेंटोरशिप के मौके, साथ ही शानदार रिसर्च प्रोजेक्ट. ऐसे तमाम पहलू डिजाइनर बनने की चाहत रखने वालों के लिए एनआइएफटी दिल्ली को बना देते हैं बेहतरीन संस्थान

time-read
6 dak  |
July 03, 2024
मानवीय जुड़ाव
India Today Hindi

मानवीय जुड़ाव

फील्ड वर्क और किताबी सीख से आगे बढ़कर मिलने वाला अनुभव टी आइएसएस के स्नातकों को किसी भी हालात में ढलने और उसका सामना करने का आत्मविश्वास देता है

time-read
4 dak  |
July 03, 2024
कोडिंग का कौशल
India Today Hindi

कोडिंग का कौशल

उद्योग के अनुभवी लोगों और अपने पूर्व छात्रों के साथ घनिष्ठ संपर्क. इन्हीं के जरिए क्राइस्ट का कंप्यूटर विज्ञान विभाग यह पक्का कर रहा कि टेक्नोलॉजी के तेज विकास के साथ कदमताल करते हुए 'उसके छात्र चुनौतियों और आने वाले अवसरों के लिए अच्छे से तैयार हों

time-read
3 dak  |
July 03, 2024
अच्छी संगत से रगत
India Today Hindi

अच्छी संगत से रगत

एसएससीबीएस के छात्र अपडेटेड सिलेबस पढ़ते हैं जिसमें सैद्धांतिकी के साथ प्रैक्टिस भी में जुड़ी होती है. इंडस्ट्री में इस कॉलेज के अपने संपर्क ग्रेजुएट्स को प्रमुख एमएनसी तक पहुंचने मदद करते हैं

time-read
4 dak  |
July 03, 2024
मेहमाननवाजी में नहीं कोई सानी
India Today Hindi

मेहमाननवाजी में नहीं कोई सानी

यह होटल प्रबंधन संस्थान नवीनतम रुझानों से अवगत है, विभिन्न संबद्ध विषयों में नए पाठ्यक्रम पेश कर रहा है

time-read
2 dak  |
July 03, 2024
मीडिया के लिए ट्रेनिंग में अब भी बेमिसाल
India Today Hindi

मीडिया के लिए ट्रेनिंग में अब भी बेमिसाल

मीडिया इंडस्ट्री के बदलते मिजाज के अनुरूप नए-नए कोर्स तैयार करने वाला आइआइएमसी जन संचार के छात्रों के लिए अब भी पसंदीदा प्लेटफॉर्म

time-read
3 dak  |
July 03, 2024
दलील और तकनीक का मेल
India Today Hindi

दलील और तकनीक का मेल

यह संस्थान छात्रों को भविष्य की कानूनी लड़ाइयों के लिए तैयार करने के उद्देश्य से जेन एआइ जैसे नए जमाने के टूल्स से परिचित कराने के पुख्ता तरीके अपना रहा है

time-read
4 dak  |
July 03, 2024
नवाचार के गढ़ रहे नए प्रतिमान
India Today Hindi

नवाचार के गढ़ रहे नए प्रतिमान

नवीनतम डिजाइन स्टूडियो और आला दर्जे की प्रयोगशालाओं में सैद्धांतिक ज्ञान को जमीन पर उतारा जा रहा. संकल्प है टिकाऊपन. आइआइटी रुड़की के डिपार्टमेंट ऑफ आर्किटेक्चर ऐंड प्लानिंग की भविष्य के लिए तैयारी बेहद सावधानी भरी

time-read
3 dak  |
July 03, 2024
अगुआ गढ़े जाते हैं यहां
India Today Hindi

अगुआ गढ़े जाते हैं यहां

बिट्स पिलानी ने शिक्षा में इनोवेशन को बढ़ावा देने का काम किया है. अपनी जीरो-अटेंडेंस पॉलिसी और आंत्रेप्रेन्योरशिप पर केंद्रित पाठ्यक्रम के चलते संस्थान इंडस्ट्री की दुनिया के अगुआ लोगों को तैयार करने में अग्रणी भूमिका निभा रहा

time-read
2 dak  |
July 03, 2024