जड़ों से गहरे जुड़ाव वाले
India Today Hindi|July 24, 2024
ये सांसद जमीन से जुड़े ऐसे नेता हैं जो किसानों के मुद्दों से लेकर तमाम जमीनी मुद्दे उठाते हुए संसद तक पहुंचे
अमरनाथ के. मेनन, प्रशांत श्रीवास्तव और जुमाना शाह
जड़ों से गहरे जुड़ाव वाले

सेल्वराज वी., 63 वर्ष | भाकपा | नागपट्टिनम (एससी), तमिलनाडु

पार्टी के तिरुवरूर जिला सचिव सेल्वराज जिले के कीझनालानल्लूर गांव में रहने वाले किसान परिवार के हैं. चार दशक से ज्यादा लंबे राजनैतिक करियर में उन्होंने यह पहला आम चुनाव लड़ा. पार्टी ने नागपट्टिनम से चार बार के सांसद और उनके हमनाम एम. सेल्वराज (जो बीमार थे और 13 मई को गुजर गए) की जगह उन्हें चुना. नागपट्टिनम कावेरी नदी के अंतिम छोर पर है और सेल्वराज ने पहले भी सिंचाई के लिए नाकाफी पानी और समुद्र में मछली पकड़ने के लिए जाने वाले मछुआरों के संकट और उन्हें सरकारी सहायता नहीं मिलने के मुद्दों को उठाया. उस इलाके में किसान आंदोलनों के साथ उनकी पार्टी के जुड़ाव और जाति व्यवस्था के खिलाफ लड़ाई की वजह से वे अक्सर किसानों के अभियानों में आगे रहे. सेल्वराज ने एआइएडीएमके के सुरसित शंकर जी को 2,08,957 वोटों के अंतर से हराया.

शशांक मणि त्रिपाठी, 54 वर्ष | भाजपा | देवरिया, उत्तर प्रदेश

त्रिपाठी आइआइटी दिल्ली से ग्रेजुएट और देवरिया के पूर्व सांसद दिवंगत लेफ्टिनेंट जनरल श्रीप्रकाश मणि त्रिपाठी के बेटे हैं. सामाजिक क्षेत्र में दशक भर काम करने और साथ ही पार्टी की गतिविधियों से जुड़े रहने के बाद उन्होंने चुनावी राजनीति में कदम रखा. त्रिपाठी ने पूर्वांचल (पूर्वी उत्तर प्रदेश) के देवरिया, कुशीनगर, गोरखपुर और महाराजगंज सरीखों जिलों में उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए 2008 में गैर-लाभकारी पहल जागृति यात्रा का गठन किया. देवरिया के अपने पैतृक गांव बरैलर में उन्होंने जागृति एंटरप्राइज सेंटर पूर्वांचल की नींव रखी. त्रिपाठी ने तीन किताबें भी लिखी हैं-मिडल ऑफ द डायमंड इंडिया, भारत एक स्वर्णिम यात्रा, और इंडिया: ए जर्नी थ्रु डिग्री ए हीलिंग सिविलाइजेशन. उन्होंने देवरिया सीट कांग्रेस के अखिलेश प्रताप सिंह को 34,842 वोटों के अंतर से हराकर जीती.

सच्चिदानंदम आर., 54 वर्ष | माकपा | डिंडीगुल, तमिलनाडु

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