स्वास्थ्य क्षेत्र - 2% वृद्धि की गई है स्वास्थ्य देखभाल और परिवार कल्याण क्षेत्र के बजट आंवटन में, और इसे में 2023-24 89,155 करोड़ रुपए से बढ़ाकर इस बार 90,958 करोड़ रुपए कर दिया गया है
दरअसल, साल 2024-25 के केंद्रीय बजट में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण के लिए धन आवंटन में करीब दो फीसद की ही वृद्धि की गई है जो जरूरत से बेहद कम है. इतना ही नहीं, इसमें जीवन रक्षक दवाओं और इमरजेंसी इलाज के लिए करों को तर्कसंगत बनाने, स्वास्थ्य देखभाल को सस्ता और सुलभ बनाने के मामले में सुधार के लिए निजी क्षेत्र को प्रोत्साहन और जीएसटी सुधार - खास तौर पर मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं के लिए जो 18 फीसद के अच्छे खासे स्तर पर है - सरीखे कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों का ध्यान भी नहीं रखा गया है. बजट को लेकर इस उद्योग से जुड़े लोगों की यही राय है. यह खास तौर पर इसलिए भी सच है क्योंकि इसमें पिछले साल केंद्र की ओर से स्वास्थ्य देखभाल पर किए गए संशोधित व्यय अनुमानों का ही अनुसरण किया गया है, जो इससे पहले के बजट अनुमानों से करीब 10,000 करोड़ रुपए कम था.
Bu hikaye India Today Hindi dergisinin 7th August, 2024 sayısından alınmıştır.
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परदेस में परचम
भारतीय अकादमिकों और अन्य पेशेवरों का पश्चिम की ओर सतत पलायन अब अपने आठवें दशक में है. पहले की वे पीढ़ियां अमेरिकी सपना साकार होने भर से ही संतुष्ट हो ती थीं या समृद्ध यूरोप में थोड़े पांव जमाने का दावा करती थीं.
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अपने-अपने आसमान के ध्रुवतारे
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बोर्डरूम के बादशाह
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लबे वक्त से माना जाता रहा है कि प्रतिष्ठित शख्सियतें बड़े बदलाव की बातें करते हुए सियासी मैदान में लंबे-लंबे डग भरती हैं, वहीं किसी का काम अगर टिकता है तो वह अफसरशाही है.