भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है. वर्ष 2023 में इसकी जीडीपी 3.2 खरब डॉलर थी और हम पिछले दशक में 7.6 प्रतिशत की औसत दर से वृद्धि करते रहे हैं. हालांकि नजदीक से जांच करने पर कुछ महत्वपूर्ण संकेतकों से चौंकाने वाली तस्वीर का पता चलता है. प्रति व्यक्ति जीडीपी जो किसी देश की समृद्धि का वास्तविक संकेतक होती है, भारत की 2,730 डॉलर (2.3 लाख रु.) है. यह बराबर वाले दूसरे विकासशील देशों की तुलना में काफी कम है. इन देशों में ब्राजील (11,350 डॉलर) चीन (13,150 डॉलर), वियतनाम (4,620 डॉलर) और दक्षिण अफ्रीका (5,970 डॉलर) शामिल हैं. भारत के समग्र कल्याण के व्यापक संकेतक पर नजर डालें तो हमारी सामाजिक प्रगति 2022 में 169 देशों के बीच 110 नंबर पर थी, वैश्विक औसत स्कोर से करीब पांच अंक नीचे. इतना ही नहीं, सामाजिक प्रगति पर आकलन के आधार पर भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी 164 देशों के बीच 111वें स्थान पर है.
भारत को 30 खरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने का विजन हासिल करने के लिए 9.7 फीसद की वृद्धिशील दर के साथ बढ़ना होगा. यह वृद्धि दर हासिल करने से 2047 तक भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी 18,000 डॉलर हो जाएगी जो विकसित अर्थव्यवस्थाओं के बराबर होगी. भारत को राज्य और जिला स्तर पर अपने विविधतापूर्ण परिदृश्य की संभावनाओं को तेज करने की जरूरत होगी. यह इसलिए महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि भारतीय राज्य दुनिया के अधिकतर देशों की तुलना में बड़े हैं, न केवल आबादी के लिहाज से बल्कि जीडीपी में भी. मसलन बिहार और उत्तर प्रदेश इस समय भारत की आबादी का चौथाई हिस्सा हैं और फिर भी इन दोनों राज्यों की प्रति व्यक्ति आय देश में सबसे कम क्रमशः 420 डॉलर और 698 डॉलर है. लिहाजा क्षेत्रीय असमानताओं को क्षेत्रीय स्तर पर ही दूर करना महत्वपूर्ण हो जाता है. हमारे पास व्यापक तौर पर सबको शामिल करने के लिए समय बहुत कम है.
Bu hikaye India Today Hindi dergisinin August 28, 2024 sayısından alınmıştır.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber ? Giriş Yap
Bu hikaye India Today Hindi dergisinin August 28, 2024 sayısından alınmıştır.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber? Giriş Yap
शादी का म्यूजिकल
फ़ाज़ा जलाली पृथ्वी थिएटर फेस्टिवल में इस बार भारतीय शादियों पर मजेदार म्यूजिकल कॉमेडी रनअवे ब्राइड्स लेकर हाजिर हुईं
शातिर शटल स्टार
हाल में एक नए फॉर्मेट में इंडोनेशिया में शुरू नई अंतरराष्ट्रीय लीग बैडमिंटन -एक्सएल के पहले संस्करण में शामिल अश्विनी पोनप्पा उसमें खेलने वाली इकलौती भारतीय थीं
पुराने नगीनों का नया नजराना
पुराने दिनों की गुदगुदाने वाली वे सिनेमाई यादें आज के परदे पर कैसी लगेंगी भला ! इसी जिज्ञासा का नतीजा है कि कई पुरानी फिल्में फिर से सिनेमाघरों में रिलीज हो रहीं और दर्शकों को खींचकर ला रहीं
जख्म, जज्बात और आजादी
निखिल आडवाणी के निर्देशन में बनी फ्रीडम ऐट मिडनाइट पर आधारित सीरीज में आजादी की उथल-पुथल से एक मुल्क बनने तक की कहानी
किस गफलत का शिकार हुए बाघ?
15 बाघों की गुमशुदगी के पीछे स्थानीय वन अधिकारियों की ढीली निगरानी व्यवस्था, राजनैतिक दबाव और आंकड़ों की अविश्वसनीयता है
कंप्यूटिंग में नई क्रांति की कवायद
आइआइएससी के शोधकर्ताओं ने मस्तिष्क प्रेरित कंप्यूटिंग की दिशा में लंबी छलांग लगाते हुए एक ऐसा उपकरण तैयार किया है जो न्यूरल सिनेप्सेज की तरह सूचनाओं को प्रोसेस करता है. इसमें रफ्तार, क्षमता और डेटा सुरक्षा की भरपूर संभावना
चीन की चुनौती
जैसे-जैसे भारत और चीन के बीच तनाव कम हो रहा और व्यापार बढ़ रहा है, भारत के सामने सस्ते चीनी आयात को किनारे लगाने तथा घरेलू उद्योग की जरूरतों को प्रोत्साहित करने की कठिन चुनौती
कौन सवारी करेगा मराठा लहर पर
मराठा समुदाय के लोगों में आक्रोश है और मनोज जरांगे - पाटील के असर में मराठवाड़ा 'से आखिरकार यह भी तय हो सकता है कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की बाजी किसके हाथ लगेगी
फिर बना सियासत का मर्कज
सुप्रीम कोर्ट ने पलटा 1968 में अजीज बाशा मामले में दिया गया फैसला. भाजपा नेताओं के निशाने पर आया एएमयू, आरक्षण, तालीम पर उठा रहे सवाल
जानलेवा तनाव
भारतीय कंपनियों में गैर - सेहतमंद कार्य - संस्कृति से कर्मचारियों की जान पर बन आई है. इससे वे तरह-तरह की मानसिक और शारीरिक बीमारियों की चपेट में आ रहे और कई मौकों पर तो यह कल्चर उनके लिए मौत का सबब बन रही