दसेक साल पहले भारत को 'नाजुक पांच' अर्थव्यवस्थाओं में से एक माना जाता था, जिसकी व्यापक आर्थिक बुनियाद हिली हुई थी. अर्थव्यवस्था में भरोसा कम होता जा रहा था और महंगाई बढ़ती जा रही थी. भले ही '90 के दशक में अर्थव्यवस्था को उदार बनाया गया था लेकिन नियमों का जाल अभी भी मौजूद था, जिसने भारत को व्यापार करने के लिए सबसे मुश्किल देशों में से एक बना दिया था. हमने पिछले एक दशक में यह सब बदलाव देखा है. भारत अब वैश्विक अर्थव्यवस्था में एक 'उज्ज्वल स्थान' है, जो वित्त वर्ष '24 में 8.2 फीसद की वृद्धि दर्ज कर रहा है.
हालांकि हमें एक आर्थिक महाशक्ति बनने के लिए आने वाले दशकों तक इस विकास दर को बनाए रखना होगा. तभी हमारी प्रति व्यक्ति आय तीन दशकों में 2,100 से बढ़कर 18,000+ डॉलर हो पाएगी और हम अधिक आय वाला देश बन जाएंगे. अगर हम इन दरों को बनाए नहीं रख पाए तो मध्यम आय के जाल में फंस सकते हैं. घरेलू बचत के साथ ही निवेश दर बढ़ाने की जरूरत होगी. घरेलू आय और बचत केवल बड़े पैमाने पर रोजगार वृद्धि के साथ ही बढ़ेगी.
Bu hikaye India Today Hindi dergisinin August 28, 2024 sayısından alınmıştır.
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