दुनिया भर की सेनाओं पर हमेशा यह आरोप लगाया जाता रहा है कि वे युद्ध की जो रणनीतियां बनाती हैं वे गुजरे जमाने की हैं. जब वे भविष्योन्मुखी होना चाहते हैं, तो उन पर बहुत अधिक साइंस फिक्शन देखने के आरोप लगाए जाते हैं. सच्चाई, हमेशा की तरह इन दोनों के बीच में कहीं है. अतीत की विज्ञान कथा आज की वास्तविकता है, ठीक वैसे ही जैसे आज की विज्ञान कथा भविष्य की सच्चाई हो सकती है. युद्धकौशल समय और जरूरत के अनुसार विकसित हुआ है. इसके चरित्र में इतना बदलाव आया है कि एक पीढ़ी पहले का सैनिक भी खुद को वर्तमान युद्धक्षेत्र की वास्तविकताओं के साथ तालमेल बिठाने में असमर्थ पाएगा. इसी तरह, आज की पीढ़ी 20 साल बाद युद्ध के माहौल से समान रूप से भ्रमित होगी, क्योंकि तकनीक में जिस गति से परिवर्तन आज देखा जा रहा है वह अतीत की तुलना में कहीं अधिक है. देश की सशस्त्र सेनाओं को भविष्य के लिए तैयार करना है तो अतीत की अंतर्दृष्टि का उपयोग, वर्तमान के अनुभवों से सबक और भविष्य में इनका दोहन आवश्यक होगा.
सबसे महत्वपूर्ण पहलू है कि हम उस 'श्रेष्ठता या बढ़त' को पहचानें और उसे अपने नियंत्रण में लेने में सक्षम हो जाएं, जो जीत के लिए बहुत जरूरी है. अतीत में जो पक्ष पहाड़ की चोटियों पर दबदबा बनाए रखता था वह निश्चित रूप से लाभ में होता था, क्योंकि इससे न केवल उनकी स्थिति अधिक सुरक्षित हो जाती थी, बल्कि वह यह भी देख सकता था कि ‘पहाड़ी के दूसरी तरफ' क्या है. आगे चलकर इस ‘उच्च स्थान या हाइ ग्राउंड' का स्वरूप बदला और वर्चस्व ऊंचे स्थान पर कब्जा जमाए पक्ष का न रहकर उसका हो गया जिसका वायु क्षेत्र पर अधिक दबदबा हो. अब सफल जमीनी अभियानों के संचालन के लिए वायु क्षेत्र पर प्रभुत्व एक पूर्व- आवश्यकता बन गई है. हम इसके आगे कहां जाएंगे?
Bu hikaye India Today Hindi dergisinin August 28, 2024 sayısından alınmıştır.
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परदेस में परचम
भारतीय अकादमिकों और अन्य पेशेवरों का पश्चिम की ओर सतत पलायन अब अपने आठवें दशक में है. पहले की वे पीढ़ियां अमेरिकी सपना साकार होने भर से ही संतुष्ट हो ती थीं या समृद्ध यूरोप में थोड़े पांव जमाने का दावा करती थीं.
भारत का विशाल कला मंच
सांफ्ट पावर से लेकर हार्ड कैश, हाई डिजाइन से लेकर हाई फाइनेंस आदि के संदर्भ में बात करें तो दुनिया के अन्य हिस्सों की तरह भारत की शीर्ष स्तर की कला हस्तियां भी भौतिक सफलता और अपनी कल्पनाओं को परवान चढ़ाने के बीच एक द्वंद्व को जीती रहती हैं.
सपनों के सौदागर
हम ऐसी दुनिया में रहते हैं जहां मनोरंजन से हौवा खड़ा हो है और उसी से राहत भी मिलती है.
पासा पलटने वाले महारथी
दरअसल, जिंदगी की तरह खेल में भी उतारचढ़ाव का दौर चलता रहता है.
गुरु और गाइड
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निडर नवाचारी
खासी उथल-पुथल मचा देने वाली गतिविधियों से भरपूर भारतीय उद्यमिता के क्षेत्र में कुछ नया करने वालों की नई पौध कारोबार, टेक्नोलॉजी और सामाजिक असर पैदा करने के नियम नए सिरे से लिख रही है.
अलहदा और असाधारण शख्सियतें
किसी सर्जन के चीरा लगाने वाली ब्लेड की सटीकता उसके पेशेवर कौशल की पहचान होती है.
अपने-अपने आसमान के ध्रुवतारे
महानता के दो रूप हैं. एक वे जो अपने पेशे के दिग्गजों के मुकाबले कहीं ज्यादा चमक और ताकत हासिल कर लेते हैं.
बोर्डरूम के बादशाह
ढर्रा-तोड़ो या फिर अपना ढर्रा तोड़े जाने के लिए तैयार रहो. यह आज के कारोबार में चौतरफा स्वीकृत सिद्धांत है. प्रतिस्पर्धा से प्रेरित होकर भारत के सबसे ताकतवर कारोबारी अगुआ अपने साम्राज्यों को मजबूत कर रहे हैं. इसके लिए वे नए मोर्चे तलाश रहे हैं, गति और पैमाने के लिए आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस सरीखे उथल-पुथल मचा देने वाले टूल्स का प्रयोग कर रहे हैं और प्रतिस्पर्धी बने रहने के लिए नवाचार बढ़ा रहे हैं.
देश के फौलादी कवच
लबे वक्त से माना जाता रहा है कि प्रतिष्ठित शख्सियतें बड़े बदलाव की बातें करते हुए सियासी मैदान में लंबे-लंबे डग भरती हैं, वहीं किसी का काम अगर टिकता है तो वह अफसरशाही है.