कार्यस्थल पर स्त्री सुरक्षा - क्या-क्या करें उपाय
India Today Hindi|September 11, 2024
कोलकाता में बलात्कार और हत्या की जघन्य वारदात ने एक बार फिर जाहिर किया कि देश में काम करने की जगहें महिलाओं के लिए कितनी असुरक्षित हैं, उनकी सुरक्षा के पुख्ता इंतजामात के लिए संबंधित पक्षों के लिए एक ढोस-सा ब्लूप्रिंट
सोनल खेत्रपाल, सोनाली आचार्जी, जुमाना शाह, सुहानी सिंह और अर्कमय दत्ता मजूमदार
कार्यस्थल पर स्त्री सुरक्षा - क्या-क्या करें उपाय

अभया जिंदा है. कोलकाता के प्रमुख सरकारी अस्पताल आर. जी. कर मेडिकल सेंटर ऐंड हॉस्पिटल में 9 अगस्त को 31 वर्षीया ट्रेनी डॉक्टर के साथ क्रूर बलात्कार और हत्या को लेकर फूटा देशव्यापी आक्रोश थमने का नाम नहीं ले रहा. लगता है, थमेगा भी नहीं जब तक न सिर्फ उसे बल्कि देश भर की उन लाखों महिलाओं को न्याय नहीं मिल जाता, जो दफ्तरों, कारखानों और सेवा क्षेत्र में लगातार असुरक्षित होते जाते हालात में काम करती हैं. कार्यस्थल पर जघन्य हमले की शिकार अभया (पहचान छिपाने के लिए डॉक्टर को दिया गया नाम) की मौत ने कार्यस्थलों पर महिलाओं की बढ़ती तादाद की सुरक्षा आश्वस्त करने को लेकर मौजूदा बेरुखी और बेपरवाही पर तेजी से ध्यान केंद्रित किया है. डर और प्रचंड गुस्सा भी कायम है. दिल्ली के एक प्रमुख अस्पताल की युवा रेजिडेंट डॉक्टर कहती हैं, "कोलकाता में जो हुआ, वह हममें से किसी भी रेजिडेंट के साथ हो सकता है. नाइट शिफ्ट के दौरान हम सब खाली हॉल या क्लासरूम में बैठे-बैठे झपकियां लेते हैं. और जब टॉयलेट भी गंदे होते हैं, हम रात में कैफे या पेट्रोल पंप के पब्लिक रेस्टरूम तक चलकर जाते और उनका इस्तेमाल करते हैं."

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