सताइस सितंबर (शुक्रवार) की शाम अचानक एक मैसेज सोशल मीडिया पर चमका कि नेपाल में भारी बारिश हो रही है. अगले चौबीस घंटे में कोसी बराज और गंडक बराज पर पानी का बहाव काफी तेज होने वाला है. डिस्चार्ज एक दिन में छह से सात लाख क्यूसेक तक जा सकता है. रात 9.30 बजे बिहार सरकार के जल संसाधन विभाग ने भी इस खबर की पुष्टि कर दी कि नेपाल में हुई तेज बारिश की वजह से 28 सितंबर को रात 12 बजे गंडक बराज का डिस्चार्ज छह लाख क्यूसेक और कोसी बराज का डिस्चार्ज 6.81 लाख क्यूसेक तक जाने की संभावना है.
इन दोनों बराजों से होने वाला पानी का यह अनुमानित डिस्चार्ज असामान्य और डराने वाला था क्योंकि पिछले 56 वर्ष में कोसी बराज का डिस्चार्ज कभी इस स्तर पर नहीं गया था. इससे पहले 5 अक्तूबर, 1968 को कोसी बराज का डिस्चार्ज 7.88 लाख क्यूसेक गया था. गंडक बराज का डिस्चार्ज जरूर 31 जुलाई, 2003 को 6.39 लाख क्यूसेक तक गया था. मगर उस बात को भी 21 साल बीत चुके थे. जब यह सूचना जारी हुई तो कोसी बराज से डिस्चार्ज सिर्फ 1.18 लाख क्यूसेक ही था, यानी अगले कुछ घंटों में यह डिस्चार्ज लगभग छह गुना बढ़ने वाला था.
पिछले कुछ दशकों में दोनों बराज के आसपास और नदियों के बेड में गाद की मात्रा काफी बढ़ गई. इसके अलावा बराज भी काफी बढ़ पुराना हो गया है. और ऐसा लगने लगा कि बराज और नदी पानी का इतना बहाव झेल भी पाएंगे या नहीं.
इन परिस्थितियों में बिहार के जल संसाधन महकमे ने अपने अभियंताओं की छुट्टी कैंसल कर उन्हें तटबंधों की सुरक्षा के लिए भेज दिया. आपदा प्रबंधन विभाग ने तटबंधों के बीच रहने वाले लोगों को ऊंचे स्थान पर जाने का मशविरा जारी कर दिया.
सरकार के इन दोनों महकमों ने यह दावा करना शुरू कर दिया कि उनकी तैयारी पुख्ता है. मगर कोसी में भरी गाद ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया. 27 की रात से ही पानी का बढ़ना शुरू हो गया था. 28 की शाम तक जब कोसी बराज का डिस्चार्ज 5.57 लाख क्यूसेक पर पहुंच गया तो बराज के एक क्षतिग्रस्त दरवाजे से टकरा-टकरा कर पानी बराज पर फैलने लगा. बराज से आवागमन रोक दिया गया. रात होतेहोते बराज पर कोसी का पानी बह रहा था. 29 सितंबर की सुबह पांच बजे कोसी बराज से जल बहाव 6.61 लाख क्यूसेक को पार कर गया.
Bu hikaye India Today Hindi dergisinin 16th October, 2024 sayısından alınmıştır.
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