राज्य की चन्नपट्टण, शिग्गांव और संडूर विधानसभा सीटों के लिए हुए उपचुनावों के आक्रामक चुनाव अभियानों के बीच एक अन्य घटना ने राष्ट्रीय स्तर पर ध्यान आकर्षित किया. 7 नवंबर को जगदंबिका पाल कर्नाटक आए थे. पाल उस संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के अध्यक्ष हैं जो विवादास्पद वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 की समीक्षा कर रही है जिसे अगस्त 2024 में संसद में पेश किया गया था.
पाल की विजयपुरा जिले की यात्रा बेंगलूरू से भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या के वहां के दौरे के दो हफ्ते बाद हुई है. सूर्या भी उस जेपीसी के सदस्य हैं. सूर्या ने आरोप लगाया कि उत्तरी कर्नाटक के इस जिले की हजारों एकड़ खेती की जमीन पर वक्फ बोर्ड ने अपना दावा कर दिया है. उन्होंने सिद्धरामैया के नेतृत्व वाली सरकार पर आरोप लगाए हैं कि वह किसानों को नोटिस भेजकर और बिना 'उचित कानूनी प्रक्रिया' के भूमि रिकॉर्ड में दर्ज दाखिल-खारिज में बदलाव करके वक्फ के दावे जुड़वा रही है. इससे किसानों के लिए इस भूमि का लेनदेन नामुमकिन हो जाएगा.
वक्फ का सीधा-सरल अर्थ है किसी संपत्ति को धर्म के काम के लिए अल्लाह को सौंप देना. यह धार्मिक या कल्याण के लिए समर्पित चल-अचल संपत्ति होती है. 25 अक्तूबर को सूर्या ने कहा कि उन्होंने विजयपुरा के होनावाड गांव के किसानों से मुलाकात की थी जहां की लगभग 1, 200 एकड़ खेती लायक जमीन पर वक्फ बोर्ड ने अपना दावा ठोका है.
Bu hikaye India Today Hindi dergisinin November 27, 2024 sayısından alınmıştır.
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