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बसपा की जमीन छीनने पर तुले आजाद!

India Today Hindi

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April 02, 2025

बसपा की तर्ज पर संगठन खड़ा करती आ रही चंद्रशेखर आजाद की पार्टी के लखनऊ में पहले शक्ति प्रदर्शन ने कई मोर्चों पर दिया संकेत

- आशीष मिश्र

बसपा की जमीन छीनने पर तुले आजाद!

उत्तर प्रदेश में पहली बार सत्ता पर काबिज होते ही 1995 में तत्कालीन मुख्यमंत्री, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की नेता मायावती ने राजधानी लखनऊ में हजरतगंज के पास एक विशाल परिवर्तन चौक का निर्माण कराया था. दलित महापुरुषों की प्रतिमाओं को समाहित करता यह परिवर्तन चौक यूपी की राजनीति में आए बदलाव का प्रतीक है. अपने निर्माण के करीब 30 वर्ष बाद परिवर्तन चौक 10 मार्च को प्रदेश की राजनीति में एक नए बदलाव का गवाह बना. चौक और इसके आसपास का इलाका नीले झंडों और बैनरों से पटा था. गले में नीला पटका पहने कार्यकर्ता भोर से ही यहां इकट्ठा थे. माहौल वैसा ही था जैसा आमतौर पर बसपा की रैलियों के दौरान दिखता है. लेकिन इस बार परिवर्तन चौक पर जुटने वाले कार्यकर्ता आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के थे जो दलितों, आदिवासियों, मुसलमानों और पिछड़ों पर कथित अत्याचार के खिलाफ प्रदर्शन के लिए जमा हो रहे थे.

पार्टी प्रमुख और नगीना से सांसद चंद्रशेखर आजाद ने विभिन्न राज्यों के राज्यपालों के माध्यम से राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को ज्ञापन भेजने के लिए विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया था. इसी क्रम में आजाद समाज पार्टी (आसपा) कार्यकर्ताओं ने ज्ञापन सौंपने के लिए लखनऊ के परिवर्तन चौक से राजभवन तक मार्च निकालने का प्रस्ताव रखा था. राजधानी लखनऊ में असपा का यह पहला बड़ा प्रदर्शन था जिसे रोकने के लिए शहर भर में भारी पुलिस बल तैनात था. जगह-जगह बैरिकेडिंग की गई थी. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सुनील कुमार चित्तौड़ लखनऊ में नजरबंद थे. राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद को बिहार से वापस आते वक्त चंदौली सीमा पर ही रोककर दिल्ली भेज दिया गया. परिवर्तन चौक पर प्रदर्शन कर रहे कई कार्यकर्ताओं को पुलिस ने हिरासत में ले लिया. शहर भर में अफरातफरी के माहौल के बीच आसपा कार्यकर्ताओं ने लखनऊ जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा. चित्तौड़ बताते हैं, "विरोध प्रदर्शन के लिए करीब 20,000 लोगों के आने की उम्मीद थी, लेकिन दुर्भाग्य से लोकतंत्र में पहली बार पुलिस ने हमारे पार्टी कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया. फिर भी करीब 1,000 लोग परिवर्तन चौक पहुंचे और अधिकारियों को ज्ञापन दिया."

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