वर्ष 1986 में अपने पिता के अस्पताल डॉ. एम. ए रहमान नर्सिंग होम से शुरुआत करने वाले डॉ. मो. तबरेज़ अजीज ने बिहार के चिकित्सा जगत में अपनी अमिट छाप छोड़ी हैं। डॉ. मो. अजीज का मानना हैं कि "जिंदगी तो काम करने की जगह और कब्र आराम करने की जगह है।" 22 जनवरी 1957 को बिहार के मोतीहारी जिले में जन्मे डॉ मो. तबरेज़ अजीज किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। डॉ. मो. तबरेज अजीज ने 1971 में अलीगढ़ के प्रसिद्ध विश्वविद्यालय अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से मैट्रिक की परीक्षा पास की और इसी विश्वविद्यालय से 1973 में आई.एस.सी की परीक्षा पास की।
डॉ मो. तबरेज़ अजीज ने एसकेएमसीएच मुजफ्फरपुर से एमबीबीएस पूरा कर 1982 में स्वर्ण पदक हासिल किया उसके बाद वह हाउस सर्जनशिप के लिए दिल्ली के राम मोनहर लोहिया अस्पताल चले गये साथ ही 1986 में जी एस वी एम कानपुर से एम एस (सर्जरी) की डिग्री हासिल की। डॉ मो. तबरेज़ अजीज आरएमएल के पूर्व सर्जरी रसिडेंट डॉक्टर रह चुके हैं साथ ही उन्होंने भारत के प्रमुख विभिन्न अस्पताल जैसे, एम्स, सर गंगा राम अस्पताल में अपना योगदान दे चुके हैं।
Bu hikaye Outlook Hindi dergisinin September 18, 2023 sayısından alınmıştır.
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शहरनामा - मधेपुरा
बिहार के उत्तर-पूर्वी भाग में स्थित, अपनी ऐतिहासिक धरोहर, सांस्कृतिक वैभव और प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध मधेपुरा कोसी नदी के किनारे बसा है, जिसे 'बिहार का शोक' कहा जाता है।
डाल्टनगंज '84
जब कोई ऐतिहासिक घटना समय के साथ महज राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का मुद्दा बनकर रह जाए, तब उसे एक अस्थापित लोकेशन से याद करना उस पर रचे गए विपुल साहित्य में एक अहम योगदान की गुंजाइश बनाता है।
गांधी के आईने में आज
फिल्म लगे रहो मुन्ना भाई के दो पात्र मुन्ना और गांधी का प्रेत चित्रपट से कृष्ण कुमार की नई पुस्तक थैंक यू, गांधी से अकादमिक विमर्श में जगह बना रहे हैं। आजाद भारत के शिक्षा विमर्श में शिक्षा शास्त्री कृष्ण कुमार की खास जगह है।
'मुझे ऐसा सिनेमा पसंद है जो सोचने पर मजबूर कर दे'
मूर्धन्य कलाकार मोहन अगाशे की शख्सियत के कई पहलू हैं। एक अभिनेता के बतौर उन्होंने समानांतर सिनेमा के कई प्रतिष्ठित निर्देशकों के साथ काम किया। घासीराम कोतवाल (1972) नाटक में अपनी भूमिका के लिए वे खास तौर से जाने जाते हैं। वे मनोचिकित्सक भी हैं। मानसिक स्वास्थ्य पर उन्होंने कई फिल्में बनाई हैं। वे भारतीय फिल्म और टेलिविजन संस्थान (एफटीआइआइ) के निदेशक भी रह चुके हैं। उनके जीवन और काम के बारे में हाल ही में अरविंद दास ने उनसे बातचीत की। संपादित अंशः
एक शांत, समभाव, संकल्पबद्ध कारोबारी
कारोबारी दायरे के भीतर उन्हें विनम्र और संकोची व्यक्ति के रूप में जाना जाता था, जो धनबल का प्रदर्शन करने में दिलचस्पी नहीं रखता और पशु प्रेमी था
विरासत बन गई कोलकाता की ट्राम
दुनिया की सबसे पुरानी सार्वजनिक परिवहन सेवाओं में एक कोलकाता की ट्राम अब केवल सैलानियों के लिए चला करेगी
पाकिस्तानी गर्दिश
कभी क्रिकेट की बड़ी ताकत के चर्चित टीम की दुर्दशा से वहां खेल के वजूद पर ही संकट
नशे का नया ठिकाना
कीटनाशक के नाम पर नशीली दवा बनाने वाले कारखाने का भंडाफोड़
'करता कोई और है, नाम किसी और का लगता है'
मुंबई पर 2011 में हुए हमले के बाद पकड़े गए अजमल कसाब के खिलाफ सरकारी वकील रहे उज्ज्वल निकम 1993 के मुंबई बम धमाकों, गुलशन कुमार हत्याकांड और प्रमोद महाजन की हत्या जैसे हाइ-प्रोफाइल मामलों से जुड़े रहे हैं। कसाब के केस में बिरयानी पर दिए अपने एक विवादास्पद बयान से वे राष्ट्रीय सुर्खियों में आए थे। उन्होंने 2024 में भाजपा के टिकट पर उत्तर-मध्य मुंबई से लोकसभा चुनाव लड़ा और हार गए। लॉरेंस बिश्नोई के उदय और मुंबई के अंडरवर्ल्ड पर आउटलुक के लिए राजीव नयन चतुर्वेदी ने उनसे बातचीत की। संपादित अंश:
मायानगरी की सियासत में जरायम के नए चेहरे
मायापुरी में अपराध भी फिल्मी अंदाज में होते हैं, बस एक हत्या, और बी दशकों की कई जुर्म कथाओं पर चर्चा का बाजार गरम