लगभग साढ़े पांच दशक तक भोजपुरी और मैथिली पहचान का पर्याय बनी रहीं बिहार कोकिला शारदा सिन्हा ने 5 नवंबर को अंतिम सांस ली। वे पिछले पांच साल से कैंसर से लड़ रही थीं। संयोग देखिए कि उन्होंने छठ के दौरान दुनिया से विदा ली, जब चारों ओर उन्हीं के गाये गीत बज रहे थे। शारदा सिन्हा 2020 में कोरोना महामारी की चपेट में आई थीं। तब सोशल मीडिया में उनके निधन की फर्जी खबरें आ गई थीं। वे कोरोना से जंग जीत गईं, लेकिन उन्हें कैंसर ने घेर लिया। इसी साल सितम्बर में पति के निधन ने शारदा सिन्हा को भीतर तक तोड़ दिया था।
Bu hikaye Outlook Hindi dergisinin December 09, 2024 sayısından alınmıştır.
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