महज 18 साल में 18वां विश्व शतरंज चैंपियनशिप जीतकर तमिलनाडु के गुकेश डोमाराजा ने इतिहास रच दिया। रोमांचक मुकाबले में चीन के डिंग लीरेन को हराकर वे विश्वनाथन आनंद के बाद यह प्रतिष्ठित खिताब जीतने वाले दूसरे भारतीय और यह उपलब्धि हासिल करने वाले सबसे कम उम्र के खिलाड़ी हैं। शतरंज की दुनिया में भारत का नाम रोशन करने वाले डी. गुकेश ने कड़ी मेहनत, लगन और असाधारण प्रतिभा के दम पर खुद को महान खिलाड़ी के रूप में स्थापित किया है। कम उम्र से ही शतरंज के कई रिकॉर्ड तोड़ने वाले गुकेश ने भारतीय शतरंज को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया। विश्व चैंपियनशिप जीतने पर केश को 11.45 करोड़ रुपये की इनामी राशि मिली है। गुकेश का कहना है कि वे पैसे के लिए शतरंज नहीं खेलते हैं। वे जीत के पल का आनंद लेने के लिए खेलते हैं। वे कहते हैं, "बचपन से ही चेसबोर्ड मुझे बहुत पसंद है। यह मेरा पसंदीदा खिलौना रहा है। शतंरज मेरा पहला प्यार है।"
Bu hikaye Outlook Hindi dergisinin January 06, 2025 sayısından alınmıştır.
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