आउटलुक ग्रुप के कंसल्टिंग एसोसिएट एडिटर दिनेश आनंद के साथ हुई बातचीत में डॉ. अरविन्द कुमार कहते हैं कि 1998 में ऑल इंडिया पीएमटी में चयन के बाद मेरा दाखिला एशिया के प्रथम मेडिकल कॉलेज कोलकता में हुआ। पटना मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल से मेडिसिन में पोस्ट ग्रेजुएट किया और इसी साल तय कर लिया मुझे मेडिकल ऑन्कोलॉजी में ही आगे बढ़ना है। 2009 में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान दिल्ली में बतौर सीनियर रेजीडेंसी सेवा का अवसर मिला।
डॉ. अरविन्द आगे कहते हैं कि 2011 में एम्स, दिल्ली द्वारा आयोजित डीएम एंट्रेन्स की परीक्षा में केवल एक सीट थी, जिसमे मेरा चयन हुआ। एम्स में उन्होंने देखा की यहां कैंसर विभाग में ज्यादातर बिहार के मरीज़ इसलिए होते थे क्योंकि बिहार में उस वक्त कैंसर का इलाज पिछड़ा हुआ था। ज्यादातर ऐसे मरीज़ दिल्ली पहुंचते थे जिनका कैंसर एडवांस स्टेज तक पहुंच चुका होता था। ऐसे मरीजों को अस्पताल में बिहार स्टेज नाम दिए जाने के कारण मुझे काफी पीड़ा होती थी।
Bu hikaye Outlook Hindi dergisinin October 02, 2023 sayısından alınmıştır.
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