शायद यह भी फायदा दे गया कि उनके शब्दकोश में नाराजगी शब्द नहीं है। उनसे 2022 के विश्व आदिवासी दिवस के वक्त ही राज्य में पार्टी की कमान उनसे ले ली गई। लेकिन उन्होंने कोई मलाल जाहिर किए बगैर संगठन के काम में जुट गए और लोगों को भाजपा से जोड़ते रहे।
इस साल चुनाव का ऐलान हुआ, तो पार्टी के लिए आदिवासी बहुल सीटों पर अपनी पकड़ वापस पाना बेहद जरूरी था, जो पिछले 2018 के चुनाव में उसके हाथ से छिटक गई थीं। प्रदेश में तकरीबन 33 फीसदी आदिवासी वोटरों की अहमियत यह है कि जिस पार्टी के हक में उनकी सीटें जाती हैं, उसी की राज्य में सरकार बन जाती है। आदिवासी बहुल जशपुर से विष्णुदेव चुनाव लड़ रहे थे। वहां की सभा में पार्टी के चुनाव रणनीतिकार केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, "विष्णुदेव जी हमारे अनुभवी नेता हैं। सांसद रहे, विधायक रहे, प्रदेश अध्यक्ष रहे। अनुभवी नेता को भारतीय जनता पार्टी आपके सामने लाई है। आप इनको विधायक बना दो। उनको बड़ा आदमी बनाने का काम हम करेंगे।"
Bu hikaye Outlook Hindi dergisinin January 08, 2024 sayısından alınmıştır.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber ? Giriş Yap
Bu hikaye Outlook Hindi dergisinin January 08, 2024 sayısından alınmıştır.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber? Giriş Yap
'वाह उस्ताद' बोलिए!
पहला ग्रैमी पुरस्कार उन्हें विश्व प्रसिद्ध संगीतकार मिकी हार्ट के साथ काम करके संगीत अलबम के लिए मिला था। उसके बाद उन्होंने कुल चार ग्रैमी जीते
सिने प्रेमियों का महाकुंभ
विविध संस्कृतियों पर आधारित फिल्मों की शैली और फिल्म निर्माण का सबसे बड़ा उत्सव
विश्व चैंपियन गुकेश
18वें साल में काले-सफेद चौखानों का बादशाह बन जाने वाला युवा
सिनेमा, समाज और राजनीति का बाइस्कोप
भारतीय और विश्व सिनेमा पर विद्यार्थी चटर्जी के किए लेखन का तीन खंडों में छपना गंभीर सिने प्रेमियों के लिए एक संग्रहणीय सौगात
रफी-किशोर का सुरीला दोस्ताना
एक की आवाज में मिठास भरी गहराई थी, तो दूसरे की आवाज में खिलंदड़ापन, पर दोनों की तुलना बेमानी
हरफनमौला गायक, नेकदिल इंसान
मोहम्मद रफी का गायन और जीवन समर्पण, प्यार और अनुशासन की एक अभूतपूर्व कहानी
तुम मुझे यूं भुला ना पाओगे
रफी जैसा बनने में केवल हुनर काम नहीं आता, मेहनत, समर्पण और शख्सियत भी
'इंसानी भावनाओं को पर्दे पर उतारने में बेजोड़ थे राज साहब'
लव स्टोरी (1981), बेताब (1983), अर्जुन (1985), डकैत (1987), अंजाम (1994), और अर्जुन पंडित (1999) जैसी हिट फिल्मों के निर्देशन के लिए चर्चित राहुल रवैल दो बार सर्वश्रेष्ठ निर्देशक के लिए फिल्मफेयर पुरस्कार के लिए नामांकित हो चुके हैं।
आधी हकीकत, आधा फसाना
राज कपूर की निजी और सार्वजनिक अभिव्यक्ति का एक होना और नेहरूवादी दौर की सिनेमाई छवियां
संभल की चीखती चुप्पियां
संभल में मस्जिद के नीचे मंदिर होने का दावा करने वाली याचिका के बाद हुई सांप्रदायिकता में एक और कड़ी