हरियाणा के उप-मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के निर्वाचन क्षेत्र उचाना के एक सरकारी स्कूल की छात्रा ने 30 सितंबर को मौत को गले लगा लिया। प्रिंसिपल 52 वर्षीय करतार सिंह के ऊपर कई साल तक इस छात्रा के यौन उत्पीड़न का आरोप है। पुलिस जांच कमेटी के समक्ष स्कूल की 9वीं और 10वीं की 142 छात्राओं ने अपने बयानों में प्रिंसिपल पर छह साल से यौन उत्पीड़न करने के आरोप लगाए हैं। यह अकेला मामला नहीं है। विधानसभा में दिसंबर में यह उठ चुका है। हरियाणा के सरकारी स्कूलों में छात्राओं के यौन शोषण के मामलों ने अभिभावकों की नींद उड़ा रखी है। खासकर ग्रामीण इलाकों में खौफजदा अभिभावक दसवीं से आगे लड़कियों की पढ़ाई जारी रखने के हक में नहीं हैं। 37 फीसदी लड़कियां दसवीं से आगे पढ़ाई नहीं कर पा रही हैं। स्कूल में लड़कियों के यौन शोषण का खौफ, घर से स्कूल की दूरी और शौचालय जैसी मूलभूत सुविधा का अभाव भी लड़कियों के स्कूल छोड़ने के प्रमुख कारण बताए जा रहे हैं।
दिसंबर 2023 में विधानसभा के शीतकालीन सत्र में विपक्ष ने सरकारी स्कूलों में छात्राओं के यौन शोषण का मामला उठाया तो सरकार ने राज्य के सभी स्कूलों में 2005 से लेकर 2023 तक यौन उत्पीड़न के मामलों की जांच के लिए शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर की अध्यक्षता में कमेटी गठित की। 21 दिसंबर 2023 को शिक्षा विभाग के जारी निर्देशों में कहा गया कि स्कूलों के प्रिंसिपल के कार्यालय, प्रयोगशाला और कक्षाओं में पर्दे और काले शीशे न लगे हों। एडवाइजरी में कहा गया है कि स्कूलों में शिकायत पेटियां और सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं।
Bu hikaye Outlook Hindi dergisinin March 04, 2024 sayısından alınmıştır.
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