बात उन दिनों की है जब 2012 में पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह जिंदा थे और कौल सिंह हुआ करते थे कांग्रेस अध्यक्ष। आज कुछ वर्षों पुरानी यह बातें जेहन में अचानक कौंध गई, जब टीवी और सोशल मीडिया में हिमाचल के राजनीतिक घटनाक्रम को देश देख रहा था। हिमाचल कांग्रेस में आंख दिखाने का घटनाक्रम कोई नया नहीं है। दबाव की राजनीति भी कोई नई नहीं है। हां, इतना जरूर है कि वीरभद्र परिवार को कभी किसी ‘कांधे’ की जरूरत नहीं पड़ी लेकिन इस बार कांधा भाजपा का मिला है।
Bu hikaye Outlook Hindi dergisinin March 18, 2024 sayısından alınmıştır.
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राष्ट्रीय दिशा को तय करने वाले नतीजे
हरियाणा चुनाव के नतीजों के बाद अब महाराष्ट्र के नतीजे तय करने वाले हैं कि भाजपा अपनी सियासत और एजेंडे को देश में जारी रख सकेगी या उसे विपक्ष से कोई चुनौती मिलेगी
शहरनामा - हुगली
यूं तो पश्चिम बंगाल में गंगा नदी के किनारे बसा जिला हुगली 1350 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है, लेकिन यहां हुगली नाम का एक छोटा-सा शहर भी है।
इन्फ्लुएंसरों के भरोसे बॉलीवुड
स्क्रीन पर सोशल मीडिया और इन्फ्लुएंसरों का बॉलीवुड कर रहा अच्छा, बुरा और बदसूरत चित्रण
घर के शेर, घर में ढेर
लंबे दौर बाद घरेलू मैदान पर न्यूजीलैंड से एकतरफा हार से सितारों और कोच पर उठे सवाल
'तलापति' का सियासी दांव
दक्षिण की सियासत में एक नए सितारे और उसकी पार्टी के प्रवेश ने पुराने सवालों को जिंदा कर दिया है
उलझन सुलझे ना
विधानसभा में हार के बाद कांग्रेस के लिए अब नेता प्रतिपक्ष चुनना भी बना भारी चुनौती
आधा देश जद में
पचास सीटों पर विधानसभा और संसदीय उपचुनाव केंद्र की सत्ताधारी पार्टी और विपक्षी दलों की बेचैनी के कारण आम चुनाव जितने अहम
दोतरफा जंग के कई रूप
सीधी लड़ाई भले भाजपा और झामुमो के बीच, लेकिन निर्दलीय उम्मीदवारों और छोटे दलों की भूमिका नतीजों को तय करने में अहम
मराठी महाभारत
यह चुनाव उद्धव ठाकरे और शरद पवार की अगुआई वाली क्षेत्रीय पार्टियों के लिए अपनी पहचान और राजनैतिक अस्तित्व बचाने की लड़ाई, तो सत्तारूढ़ भाजपा के लिए भी उसकी राजनीति की अग्निपरीक्षा
पहचान बचाओ
मराठा अस्मिता से लेकर आदिवासी अस्मिता तक चले अतीत के संघर्ष अब वजूद बचाने के कगार पर आ चुके