हरियाणा के सोनीपत निवासी कुश्ती खिलाड़ी अंकित बैयनपुरिया 2022 में कंधे की चोट के चलते खेल छोड़कर सोशल मीडिया पर फिटनेस के वीडियो डालने लगे। धीरे-धीरे वे अपनी वर्जिश की तकनीकों और कठोर अनुशासन के चलते लोकप्रिय हो गए। अपने वीडियो की शुरुआत में वे अपने दर्शकों को 'राम राम भाई सारेयाणे' कह के अभिनंदन करते हैं। इस खास शैली ने उन्हें दर्शकों के साथ जुड़ने में काफी मदद की है। उन्हें प्रसिद्धि तब मिली जब अंतरराष्ट्रीय उद्यमी और लेखक एंडी फ्रिसेला से प्रेरित होकर उन्होंने '75 डे हार्ड चैलेंज' नाम की शारीरिक और मानसिक वर्जिश शुरू की। इसके बाद उनकी जिंदगी ने नया मोड़ लिया, जब बीते साल अगस्त में उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ एक वीडियो में बातचीत करते हुए लोगों ने देखा।
अपने '75 डे चैलेंज' कार्यक्रम के तहत उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के 'स्वच्छता के लिए श्रमदान' अभियान में हिस्सा लिया जो पार्टी के 'स्वच्छता ही सेवा' नामक प्रचार अभियान का अंग था। उनकी वीडियो प्रधानमंत्री के सरकारी सोशल मीडिया एकाउंट पर जारी की गई। रातोरात उनके फॉलोवर बढ़ कर दोगुने हो गए। फिलहाल इंस्टाग्राम पर बैयनपुरिया के 77 लाख से ज्यादा फॉलोवर हैं और यूट्यूब पर उनकी संख्या 37 लाख से ऊपर है। पार्टी के अभियान का हिस्सा बनने से केवल उन्हें ही फायदा नहीं हुआ बल्कि उनके अभियान ने पार्टी की रणनीति को उनके दर्शकों तक पहुंचाने का भी काम किया।
पिछले कुछ साल में राजनीतिक दल घर-घर जाकर प्रचार करने के बजाय सोशल मीडिया पर असर रखने वाले बैयनपुरिया जैसे लोगों के भरोसे हो गए हैं। ऐसे असरदार लोग पार्टी के प्रचार का वाहक बनकर उभरे हैं। बहुत महीन तरीकों से और अनौपचारिक बातचीत के माध्यम से ये लोग पार्टी के संदेश को शहर, गांव और कस्बों तक पहुंचाने का काम कर रहे हैं। खासकर ऐसे असरदार लोगों की पहुंच युवाओं तक है, जो राजनीतिक दलों के संभावित वोट बैंक हैं। ये लोग सोशल मीडिया के लोकप्रिय चेहरे होते हैं और अलग-अलग क्षेत्रों से आते हैं। इन्हें आजकल सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर कहा जाता है।
Bu hikaye Outlook Hindi dergisinin May 13, 2024 sayısından alınmıştır.
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शहरनामा - मधेपुरा
बिहार के उत्तर-पूर्वी भाग में स्थित, अपनी ऐतिहासिक धरोहर, सांस्कृतिक वैभव और प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध मधेपुरा कोसी नदी के किनारे बसा है, जिसे 'बिहार का शोक' कहा जाता है।
डाल्टनगंज '84
जब कोई ऐतिहासिक घटना समय के साथ महज राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का मुद्दा बनकर रह जाए, तब उसे एक अस्थापित लोकेशन से याद करना उस पर रचे गए विपुल साहित्य में एक अहम योगदान की गुंजाइश बनाता है।
गांधी के आईने में आज
फिल्म लगे रहो मुन्ना भाई के दो पात्र मुन्ना और गांधी का प्रेत चित्रपट से कृष्ण कुमार की नई पुस्तक थैंक यू, गांधी से अकादमिक विमर्श में जगह बना रहे हैं। आजाद भारत के शिक्षा विमर्श में शिक्षा शास्त्री कृष्ण कुमार की खास जगह है।
'मुझे ऐसा सिनेमा पसंद है जो सोचने पर मजबूर कर दे'
मूर्धन्य कलाकार मोहन अगाशे की शख्सियत के कई पहलू हैं। एक अभिनेता के बतौर उन्होंने समानांतर सिनेमा के कई प्रतिष्ठित निर्देशकों के साथ काम किया। घासीराम कोतवाल (1972) नाटक में अपनी भूमिका के लिए वे खास तौर से जाने जाते हैं। वे मनोचिकित्सक भी हैं। मानसिक स्वास्थ्य पर उन्होंने कई फिल्में बनाई हैं। वे भारतीय फिल्म और टेलिविजन संस्थान (एफटीआइआइ) के निदेशक भी रह चुके हैं। उनके जीवन और काम के बारे में हाल ही में अरविंद दास ने उनसे बातचीत की। संपादित अंशः
एक शांत, समभाव, संकल्पबद्ध कारोबारी
कारोबारी दायरे के भीतर उन्हें विनम्र और संकोची व्यक्ति के रूप में जाना जाता था, जो धनबल का प्रदर्शन करने में दिलचस्पी नहीं रखता और पशु प्रेमी था
विरासत बन गई कोलकाता की ट्राम
दुनिया की सबसे पुरानी सार्वजनिक परिवहन सेवाओं में एक कोलकाता की ट्राम अब केवल सैलानियों के लिए चला करेगी
पाकिस्तानी गर्दिश
कभी क्रिकेट की बड़ी ताकत के चर्चित टीम की दुर्दशा से वहां खेल के वजूद पर ही संकट
नशे का नया ठिकाना
कीटनाशक के नाम पर नशीली दवा बनाने वाले कारखाने का भंडाफोड़
'करता कोई और है, नाम किसी और का लगता है'
मुंबई पर 2011 में हुए हमले के बाद पकड़े गए अजमल कसाब के खिलाफ सरकारी वकील रहे उज्ज्वल निकम 1993 के मुंबई बम धमाकों, गुलशन कुमार हत्याकांड और प्रमोद महाजन की हत्या जैसे हाइ-प्रोफाइल मामलों से जुड़े रहे हैं। कसाब के केस में बिरयानी पर दिए अपने एक विवादास्पद बयान से वे राष्ट्रीय सुर्खियों में आए थे। उन्होंने 2024 में भाजपा के टिकट पर उत्तर-मध्य मुंबई से लोकसभा चुनाव लड़ा और हार गए। लॉरेंस बिश्नोई के उदय और मुंबई के अंडरवर्ल्ड पर आउटलुक के लिए राजीव नयन चतुर्वेदी ने उनसे बातचीत की। संपादित अंश:
मायानगरी की सियासत में जरायम के नए चेहरे
मायापुरी में अपराध भी फिल्मी अंदाज में होते हैं, बस एक हत्या, और बी दशकों की कई जुर्म कथाओं पर चर्चा का बाजार गरम