आम चुनाव 2024 के पहले चरण में 19 अप्रैल को राज्य की कुल 11 में से एकमात्र सीट बस्तर में 69 प्रतिशत मतदान हुआ, जो 2019 (66.04 प्रतिशत) से करीब 3 प्रतिशत ज्यादा है। ऐसा तब है जब माओवादियों ने यहां चुनाव बहिष्कार की अपील की थी और मतदान से पहले भारी मुठभेड़ हुई थी। सियासी हलकों में पहले चरण के मतदान से ठीक पहले पुलिस और माओवादियों के बीच हुई मुठभेड़ पर हैरानी जताई जा रही है। पुलिस के सूत्रों के मुताबिक 13 अप्रैल की दोपहर बस्तर में खुफिया विभाग को कथित रूप से सूचना मिली थी कि कांकेर जिले के घने जंगलों में माओवादियों का एक दल देखा गया है।
लगभग दो दिन तक बस्तर, रायपुर और दिल्ली में सूचना और निर्देशों का आदान-प्रदान हुआ। 15 अप्रैल को तकनीकी इनपुट आते ही सुरक्षा एजेंसियों ने अपने ऑपरेशन का प्लान तैयार कर डाला। रात के अंधेरे में धीरे-धीरे कांकेर जिले के थाना छोटे बेटिया क्षेत्र के बिनागुंडा और कोरोनार के बीच हापाटोला के जंगल (थाना छोटेबेटिया लगभग 15 किलोमीटर पूर्व दिशा) में डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड (डीआरजी) और बीएसएफ की संयुक्त पार्टी ने इलाके की घेराबंदी कर ली। अगली सुबह उनका कथित माओदियों से आमना-सामना हुआ। संदिग्ध माओवादियों और पुलिसबल के बीच लगभग चार घंटे तक गोलीबारी होती रही।
Bu hikaye Outlook Hindi dergisinin May 13, 2024 sayısından alınmıştır.
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