शिक्षा प्रौद्योगिकी की कंपनी अनअकेडमी ने हाल ही में अपने अलगअलग विभागों से करीब 250 कर्मचारियों की छंटनी कर दी। इसमें 150 लोग सेल्स, मार्केटिंग और टेक्नोलॉजी की टीम में थे । हाल के वर्षों में यह कंपनी की तीसरे दौर की छंटनी है। मार्च 2023 में कंपनी ने अपने कार्यबल में कथित रूप से 12 प्रतिशत की कटौती कर दी थी, जो 380 कर्मचारियों के आसपास था। उससे पहले अप्रैल 2022 में कंपनी ने अनुबंधित और पूर्णकालिक 1000 लोगों को नौकरी से निकाला था। हालिया छंटनी को कंपनी के एक प्रवक्ता ने अनिवार्य बताते हुए कहा कि यह कंपनी के लक्ष्यों और नजरिये के लिहाज से जरूरी था क्योंकि कंपनी अब मुनाफा कमाने की क्षमता और टिकाऊ वृद्धि पर खुद को केंद्रित कर रही है। इसके बाद कंपनी के संस्थापक गौरव मुंजाल ने ट्विटर पर बताया कि मुनाफे और वृद्धि के हिसाब से यह साल कंपनी के लिए सबसे अच्छा रहने वाला है, "हमारे आगे अभी बहुत साल हैं। हम लोग लंबी दौड़ के लिए अनअकेडमी को तैयार कर रहे हैं। अफवाहों पर ध्यान मत दीजिए।"
अनअकेडमी में हुई यह छंटनी हाल ही में मेडिकल प्रवेश परीक्षा की तैयारी करवाने वाले कंपनी के मंच प्रेपलैडर में कटौती का नतीजा है, जिसमें 145 कर्मचारियों को नौकरी से निकाला गया है। प्रेपलैडर में बीते तीन साल में यह तीसरी छंटनी है। अन अकेडमी ने 2020 में प्रेपलैडर को पांच करोड़ डॉलर में खरीदा था।
अनअकेडमी ने 2010 में एक यूट्यूब चैनल के रूप में अपनी शुरुआत की थी। इसे इंजीनियरिंग के एक छात्र गौरव मुंजाल ने खोला था और 'देश में शिक्षा को लोकतांत्रिक बनाना' इसका उद्देश्य बताया था। चैनल से यह एक डिजिटल मंच में तब्दील हुआ। इसका शुरुआती विचार एक ऐप बनाने का ही था ताकि तीन से चार घंटे में सीखी जाने वाली चीज को तीन से चार मिनट में सीखा जा सके। मुंजाल ने एक ब्लॉग में 2015 में लिखा था कि "यह ऐप बनाने का खयाल सीखने को बहुत आसान बना देगा।"
Bu hikaye Outlook Hindi dergisinin August 05, 2024 sayısından alınmıştır.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber ? Giriş Yap
Bu hikaye Outlook Hindi dergisinin August 05, 2024 sayısından alınmıştır.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber? Giriş Yap
'वाह उस्ताद' बोलिए!
पहला ग्रैमी पुरस्कार उन्हें विश्व प्रसिद्ध संगीतकार मिकी हार्ट के साथ काम करके संगीत अलबम के लिए मिला था। उसके बाद उन्होंने कुल चार ग्रैमी जीते
सिने प्रेमियों का महाकुंभ
विविध संस्कृतियों पर आधारित फिल्मों की शैली और फिल्म निर्माण का सबसे बड़ा उत्सव
विश्व चैंपियन गुकेश
18वें साल में काले-सफेद चौखानों का बादशाह बन जाने वाला युवा
सिनेमा, समाज और राजनीति का बाइस्कोप
भारतीय और विश्व सिनेमा पर विद्यार्थी चटर्जी के किए लेखन का तीन खंडों में छपना गंभीर सिने प्रेमियों के लिए एक संग्रहणीय सौगात
रफी-किशोर का सुरीला दोस्ताना
एक की आवाज में मिठास भरी गहराई थी, तो दूसरे की आवाज में खिलंदड़ापन, पर दोनों की तुलना बेमानी
हरफनमौला गायक, नेकदिल इंसान
मोहम्मद रफी का गायन और जीवन समर्पण, प्यार और अनुशासन की एक अभूतपूर्व कहानी
तुम मुझे यूं भुला ना पाओगे
रफी जैसा बनने में केवल हुनर काम नहीं आता, मेहनत, समर्पण और शख्सियत भी
'इंसानी भावनाओं को पर्दे पर उतारने में बेजोड़ थे राज साहब'
लव स्टोरी (1981), बेताब (1983), अर्जुन (1985), डकैत (1987), अंजाम (1994), और अर्जुन पंडित (1999) जैसी हिट फिल्मों के निर्देशन के लिए चर्चित राहुल रवैल दो बार सर्वश्रेष्ठ निर्देशक के लिए फिल्मफेयर पुरस्कार के लिए नामांकित हो चुके हैं।
आधी हकीकत, आधा फसाना
राज कपूर की निजी और सार्वजनिक अभिव्यक्ति का एक होना और नेहरूवादी दौर की सिनेमाई छवियां
संभल की चीखती चुप्पियां
संभल में मस्जिद के नीचे मंदिर होने का दावा करने वाली याचिका के बाद हुई सांप्रदायिकता में एक और कड़ी