मेरा भी निक नेम
दोनों नामों पर लोगों का दावा है कि दोनों असली हैं। क्या बताऊं एक शहर बोले भी, तो सुनता कौन है। हां तो मैं कह रहा था कि बेलगाम अच्छा नाम था। लेकिन मैं एक झगड़े में फंसा हुआ हूं। मराठी और कन्नड़ भाषी लोगों के बीच। कर्नाटक वाले कहते बेलगावी हमारा, महाराष्ट्र वाले कहते, हमारा। इस झगड़े में कर्नाटक सरकार ने मेरा नाम बदल कर बेलगाम से बेलगावी कर दिया। बेलगाम मेरा निक नेम हो गया है।
इतिहास भूगोल दोनों में अव्वल
पश्चिमी घाट की खूबसूरती के बारे में तो सुना ही होगा। गोवा, महाराष्ट्र राज्य की सीमाएं मेरी दोस्त हैं। मुंबई से जब आप बेलगाम आने के लिए निकलेंगे, तो खूबसूरत नजारे आपका स्वागत करेंगे। इतिहास भी मेरा कुछ कम नहीं है। बेलगाम की स्थापना 12वीं शताब्दी के अंत में रत्ता राजवंश ने की थी। ये लोग पास ही के सौंदत्ती से यहां आए थे। इनमें एक बिचिराजा नाम के अधिकारी थे, जिन्होंने 1204 में नेमिनाथ को समर्पित जैन मंदिर बनवाया। इसे कमल बसदी कहा जाता था, जो बाद में कमल बस्ती हो गया।
Bu hikaye Outlook Hindi dergisinin September 16, 2024 sayısından alınmıştır.
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