संगीत, कहानियों, उल्लास, ढेर सी भावनाओं और लंबे इतिहास, आस्था, क्रांतिकारी भावना और हिंसा को उद्घाटित करता हुआ पंजाब अब नशे और पतन का साक्षी बन रहा है। लोकप्रिय हिंदी सिनेमा भी इन बदलावों को महसूस कर रहा है। उड़ता पंजाब (2016), मनमर्जियां (2018), डंकी (2023), पाताल लोक (2020), टब्बर (2021), कोहरा (2023), कैट (2022) और हालिया आईं ऐसी कई फिल्में और शो हैं, जिसमें यह दुख दिखाई। पड़ रहा है। तब फिर, हिंदी सिनेमा का क्या होगा, जो अपनी ऊर्जा के लिए पंजाब पर निर्भर था? इसकी प्रतिक्रिया दो तरह से सामने आती है। पहली, मिथकों को खत्म करने के लिए पंजाब के इतिहास को देखना पड़ेगा। दूसरा पंजाब को नई नजर से देखना होगा। लाल सिंह चड्ढा (2022) और अमर सिंह चमकीला (2024) यही काम करती हैं।
ऐसा लग सकता है कि दोनों फिल्मों के बीच नायकों के नाम पर फिल्म का शीर्षक होने के अलावा क्या साम्यता हो सकती है। आमिर खान पहली बार सिख बने। उन्होंने लाल नाम के व्यक्ति की भूमिका भूमिका निभाई। इसके उलट पंजाबी गायक -सुपरस्टार दिलजीत दोसांझ चमकीला में बिना पगड़ी के दिखाई दिए। दोनों अभिनेताओं ने हिंदी सिनेमा में पंजाब की संस्कृति में अपना योगदान दिया। रंग दे बसंती (2006) में आमिर खान और पंजाबी के साथ हिंदी फिल्म फिल्लौरी (2017) में दिलजीत दोसांझ ने। चमकीला का निर्देशन करने वाले इम्तियाज अली ने जब वी मेट (2007), लव आज कल (2009) और जब हैरी मेट सेजल (2017) जैसी फिल्मों में 'पंजाबियत' की नियमित खुराक दी, जो शायद किसी भी अन्य समकालीन बॉलीवुड निर्देशक से ज्यादा है।
Bu hikaye Outlook Hindi dergisinin December 23, 2024 sayısından alınmıştır.
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बालमन के गांधी
ऐसे दौर में जब गांधी की राजनीति, अर्थनीति, समाजनीति, सर्व धर्म समभाव सबसे देश काफी दूर जा चुका है, बच्चों की पढ़ाई-लिखाई का रंग-ढंग बदलता जा रहा है, समूचे इतिहास की तरह स्वतंत्रता संग्राम के पाठ में नई इबारत लिखी जा रही है, गांधी के छोटे-छोटे किस्सों को बच्चों के मन में उतारने की कोशिश वाकई मार्के की है। नौंवी कक्षा की छात्रा रेवा की 'बापू की डगर' समकालीन भारत में विरली कही जा सकती है।
स्मृतियों का कोलाज
वंशी माहेश्वरी भारतीय और विश्व कविता की हिंदी अनुवाद की पत्रिका तनाव लगभग पचास वर्षों से निकालते रहे हैं। सक्षम कवि ने अपने कवि रूप को पीछे रखा और बिना किसी प्रचार-प्रसार के निरंतर काव्य- सजून करते रहे हैं।
लाल और चमकीला का पंजाब
बॉलीवुड के लिए कहानियों और संगीत का समृद्ध स्रोत रहा राज्य अब परदे पर नशे, फूहड़पन का पर्याय बना
दिखा महिला टीम का दम
एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी की जीत से टीम का आत्मविश्वास बढ़ा, चीन से हार का बदला भी पूरा हुआ
ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत करना प्राथमिकता
हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस सरकार के दो साल पूरे होने पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से आउटलुक के मनीष पाण्डेय ने सरकार के कामकाज, उपलब्धियों और परेशानियों के बारे विस्तृत बातचीत की। मुख्य अंश:
ढोल से डीजे तक का सफर
शादी में नाचने से ही रौनक आती है, नाचने के लिए धुन या गाने ऐसे हों कि बस कदम रुके ही नहीं
परंपरा और अर्थव्यवस्था का संगम
शादी के आभूषण अर्थव्यवस्था के साथ समाजिक और सांस्कृतिक परिदृश्यों को भी प्रभावित करते हैं
असरदार हैं मशहूर लोगों की महंगी शादियां
शादी बड़ी हो या छोटी, अब हर शादी को यादगार पल बनाने की कोशिशें हो रही हैं
विवाह बाजार में आमद
भारत में महंगी और भव्य शादियों की चाह ने इसे एक अलग व्यापार बना दिया है, यह बाजार लगातार तेजी से बढ़ता जा रहा और कंपनियों की पेशकश भी बढ़ रही
दो सियासी खानदानों पर प्रश्नचिन्ह
विधानसभा चुनावों में अपने-अपने दलों की जबरदस्त हार के बाद क्या शरद पवार और उद्धव ठाकरे उबर पाएंगे