निर्देशक रामगोपाल वर्मा हमेशा लीक से हट कर फिल्में बनाते हैं. उन की फिल्मों में वायलैंस, रोमांस, ऐक्शन का भरपूर समावेश होता है. वे आसपास की घटनाओं से प्रेरित फिल्में बनाते हैं. फिल्मों के निर्देशन के अलावा रामगोपाल स्क्रीन राइटर और प्रोड्यूसर भी हैं. हिंदी फिल्म 'शिवा', 'सत्या', 'रंगीला', 'भूत' आदि उन की चर्चित फिल्में हैं.
हिंदी फिल्मों के अलावा उन्होंने तेलुगू सिनेमा और टीवी में भी नाम कमाया है. सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर चुके रामगोपाल वर्मा को कभी लगा नहीं था कि वे एक दिन इतने बड़े निर्देशक बन जाएंगे. अच्छी फिल्में बनाने की वजह से उन्हें कई फिल्मों के लिए पुरस्कार भी मिले हैं.
घबराते नहीं
रामगोपाल वर्मा हमेशा विवादों में रहते हैं. वे कंट्रोवर्सी से घबराते नहीं और जो भी बात उन्हें सही नहीं लगती वे तुरंत कह देते हैं. उन्हें कई बार ट्वीट की वजह से लोगों के गुस्से का सामना करना पड़ा लेकिन वे पीछे नहीं हटे. वे कानून को सर्वोपरि मानते हैं. डैमोक्रेसी में कानून जिस चीज को करने की इजाजत देता है उसे करना वे पसंद करते हैं बाकी को वे पर्सनल सोच बताते हैं. उन का मानना है कि किसी प्रकार की फाइट भी कानून के साथ करें, आपस में नहीं क्योंकि इस से आपसी मतभेद बढ़ते हैं.
रामगोपाल ने अपना कैरियर वीडियो लाइब्रेरी से शुरू किया है क्योंकि यह उन का सपना था और इसे उन्होंने हैदराबाद में खोला था. बाद में उन्होंने वीडियो कैफे भी खोला और वहीं से उन्हें दक्षिण की फिल्मों में काम करने का अवसर मिला. धीरेधीरे वे प्रसिद्ध होते गए. आज वे नामचीन निर्देशकों की श्रेणी में माने जाते हैं. फिल्म 'सत्या' उन के जीवन की टर्निंग पौइंट थी.
Bu hikaye Sarita dergisinin August First 2022 sayısından alınmıştır.
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कंगाली और गृहयुद्ध के मुहाने पर बौलीवुड
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उतरन
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युवतियां ब्रेकअप से कैसे उबरें
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इकलौते बच्चे को जरूरत से ज्यादा प्रोटैक्ट करना ठीक नहीं
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मेले मामा चाचू बूआ की शादी में जलूल आना
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सांई बाबा विवाद दानदक्षिणा का चक्कर
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1947 के बाद कानूनों से बदलाव की हवा भाग-5
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न्याय की मूरत सूरत बदली क्या सीरत भी बदलेगी
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