अहा साहब क्या दिन आ गए. जब से मेरी मिसेज ने हमें एक से एक लजीज गंद खिलाने के लिए रैसिपीज स्कूल औफ यूट्यूब जौइन किया है, तब से हमारे घर में चाय तो बनती ही यूटूयूबिया विधि से है, पर चाय का पानी भी यूट्यूब पर, चाय का पानी कैसे गरम किया जाए, देख कर ही गरम होता है. इसलिए अब मैं ने मिसेज के मोबाइल को अनलिमिटेड डाटापैक की सुविधा मुहैया करवा दी है. अपने मोबाइल पर भले ही इनकमिंग सुविधा ही हो, तो भी चलेगा.
वैसे भी मुझे औफिस में मिसेज के सिवा किसी दूसरे का फोन तो आता नहीं और मिसेज की कौल आने पर मुझे कुछ बोलने का मौका मिल जाए, ऐसा मेरा समय कहां. आप को घर में तो छोड़िए, मिसेज की कौल आने पर उस को कुछ तो कहने का मौका कभी मिलता होगा, सो आप बहुत लकी हैं जनाब. मैं ने तो घर में फोन पर आज तक मिसेज को, बस सुना ही सुना है.
जब तक मेरी मिसेज ने रैसिपीज स्कूल औफ यूट्यूब रैग्युलर जौइन नहीं किया था तब तक मैं उस का मोबाइल डेढ़ जीबी पर डे के पैक वाला रिर्चाज करवाता था. मैं खुश था तो वह बहुत खुश पर जब से उस ने रैसिपीज स्कूल ऑफ यूट्यूब रेग्युलर जौइन किया था तब से मुझे भी लगने लगा था कि उस का अब डेढ़ जीबी में पेट नहीं भर रहा. जब ऑफिस से घर आता तो वह चुपचाप मेरी ओर देखते मोबाइल के पेट पर हाथ फेरने लग जाती. मैं तत्काल सब समझ जाता.
गुलाम पति अपनी पत्नी की हर बात उस के संकेत मात्र से समझ जाता है. जो नहीं समझता वह बातबात पर मुंह की खाता है, तब मैं जान गया कि यूट्यूब पर स्वादिष्ठ चावल बनाने की विधि में ही खोजी का एक जीबी डाटा कनज्यूम हो रहा है. अब दाल, चपाती और भी न जाने क्याक्या.
Bu hikaye Sarita dergisinin December Second 2024 sayısından alınmıştır.
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