आम लोगों की कैसे भी मने, सरकार की दीवाली शानदार तरीके से मनने वाली है, यह अक्तूबर की पहली तारीख को ही आई इस खबर से साफ हो गया था कि इस साल सितंबर तक जीएसटी की कुल वसूली ने पिछले तमाम रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. वित्त मंत्रालय ने फख से आंकड़े जारी करते हुए अपनी पीठ थपथपाई थी कि यह राशि 1 लाख 47 हजार 686 करोड़ रुपए है और यह लगातार 7वां महीना है जब जीएसटी कलैक्शन 1 लाख 40 हजार करोड़ से ज्यादा हुआ है. यह पिछले साल यानी पिछली दीवाली से 26 फीसदी ज्यादा है.
जीएसटी के दीप कैसे जगमगा रहे हैं, इस का गहरा ताल्लुक 1 अक्तूबर को ही कुछ अखबारों में छपी इस खबर से है कि इस साल अब तक जरूरी किराना सामान के दाम 22 फीसदी तक बढ़े हैं. रिटेल एनालिटिक्स प्लेटफौर्म बिजोम के हवाले से दी गई इस खबर में बताया गया था कि रोजाना इस्तेमाल होने वाले किराना आइटम्स की कीमतों में 10 से ले कर 22 फीसदी तक की बढ़ोतरी हुई है. कुछ अखबारों ने तो बाकायदा पूरी लिस्ट छापी थी कि किस आइटम पर कितने फीसदी दाम बढ़े हैं. दिलचस्प कह लें या चिंतनीय, बात यह थी कि मसाले के दाम 17 फीसदी तक बढ़े जबकि भारत की गिनती सब से बड़े मसाला निर्यातकों में शुमार होती है.
मसालों के अलावा दीवाली पर रसोई जिन चीजों से महकती है, मसलन खाने का तेल, मैदा, आटा, घी, दूध, पनीर, बेसन, मावा वगैरह सब के सब सिरे से महंगे हैं. लिहाजा, जीएसटी का बढ़ना तो लाजिमी है क्योंकि इस की पहुंच या मार अब हदें पार कर चुकी है.
Bu hikaye Sarita dergisinin October Second 2022 sayısından alınmıştır.
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