औथेंटिक सोल्यूशन प्रोवाइड एसोसिएशन की एक रिपोर्ट के अनुसार कोविड-19 की महामारी के दौरान नकली व खराब क्वालिटी की दवाओं की खपत 2020-21 में पहले से 47 प्रतिशत बढ़ गई क्योंकि एक तो लोग हर तरह की दवा के लिए मारेमारे फिर रहे थे, दूसरे, भ्रष्ट ड्रग इंस्पैक्टर भी कोविड के कारण छिपे हुए थे. असली दवाओं की नकल जम कर हुई और छोटीछोटी फैक्ट्रियों ने खूब चांदी काटी और आज तक एक भी मामला ऐसा नहीं दिखा जिस में किसी को पकड़ा गया हो. लाखों मौतों में कितनी नकली दवाओं के कारण हुई, कितनी कोविड-19 के कारण, यह जानने की फुरसत किसे थी.
दुनियाभर में बनने वाली नकली दवाओं में से 35 प्रतिशत नकली दवाएं अकेले भारत में बनती हैं. देश में मौजूद दवाओं में से 20 प्रतिशत या तो नकली हैं या फिर निम्न स्तर की हैं. बाजार में बिक रही दवाओं के हर 5 पत्ते में से एक नकली है. दरअसल हमारी स्वास्थ्य व्यवस्था में महत्त्वपूर्ण कमियां हैं.
दवा बाजार के विकास ने प्रोफैशनल प्रैक्टिस को प्रभावित किया है. हर चीज को लाभहानि के नजरिए से देखा जा रहा है और जानबूझ कर व्यावसायिक सेवा के महत्त्व को अनदेखा किया जा रहा है. दवा बेचने वाले व्यवसायीकरण के पहिए के दंतचक्र बन गए हैं. जहां वे बेहद गैरजिम्मेदाराना ढंग से अनुसूची एच की दवाओं को भी बिना डाक्टरी परचे के बेच रहे हैं, जबकि उन्हें सिर्फ रजिस्टर्ड मैडिकल प्रैक्टिशनर के परचे को देख कर ही बेचा जाना चाहिए.
Bu hikaye Sarita dergisinin January Second 2023 sayısından alınmıştır.
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अमेरिका अब चर्च का शिकंजा
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बौलीवुड के हालात अब बदतर होते जा रहे हैं. फिल्में पूरी तरह से कौर्पोरेट के हाथों में हैं जहां स्क्रिप्ट, कलाकार, लेखक व दर्शक गौण हो गए हैं और मार्केट पहले स्थान पर है. यह कहना शायद गलत न होगा कि अब बौलीवुड कंगाली और गृहयुद्ध की ओर अग्रसर है.
बीमार व्यक्ति से मिलने जाएं तो कैसा बरताव करें
अकसर अपने बीमार परिजनों से मिलने जाते समय लोग ऐसी हरकतें कर या बातें कह देते हैं जिस से सकारात्मकता की जगह नकारात्मकता हावी हो जाती है और माहौल खराब हो जाता है. जानिए ऐसे मौके पर सही बरताव करने का तरीका.
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कोई जिंदगीभर उतरन पहनती रही तो किसी को उतरन के साथ शेष जिंदगी गुजारनी है, यह समय का चक्र है या दौलत की ताकत.
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शादी कार्ड में जिन के द्वारा लिखवाया गया होता है कि 'मेले मामा/चाचू की शादी में जलूल आना' उन प्यारेप्यारे बच्चों के लिए सब से बड़ी सजा हो जाती है कि वे देररात तक जाग सकते नहीं.
गलत हैं नायडू स्टालिन औरतें बच्चा पैदा करने की मशीन नहीं
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1947 के बाद कानूनों से बदलाव की हवा भाग-5
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