सौंदर्य प्रसाधनों से होने वाले गंभीर रोग
Sarita|April Second 2023
सौंदर्य प्रसाधनों में भारत दुनिया का तेजी से उभरने वाला बाजार है. भारत का दुनियाभर में चौथा स्थान है जहां से सौंदर्य प्रसाधन इंडस्ट्री रैवेन्यू इकट्ठा करती है. लेकिन जितनी बड़ी यह इंडस्ट्री है उसी तरह के खतरे भी इस से पैदा हुए हैं. सवाल यह कि सुंदरता किसे कहा जाए, बाहरी लीपापोती को या अंदरूनी व्यक्तित्व को?
विभा प्रकाश श्रीवास्तव
सौंदर्य प्रसाधनों से होने वाले गंभीर रोग

सौंदर्य वह उपहार है जिसे प्रकृति ने मानव को दिया है. वैसे तो प्रकृति ने इस संबंध में कोई भेदभाव नहीं बरता है फिर भी लोगों में एक ललक होती है अत्यधिक सुंदर बनने और दूसरों को अपनी ओर आकर्षित करने की. इसी कारण सौंदर्य प्रसाधनों का प्रचलन होता है पर अब बनावट इस कदर हावी हो चुकी है कि उस ने लोगों के स्वास्थ्य पर उलटा असर दिखाना शुरू कर दिया है. बिना सोचेसमझे सौंदर्य प्रसाधनों का इस्तेमाल करना रोगों को आमंत्रण देना है.

सुंदर बनाने और सैल्फकेयर के नाम पर भारत सौंदर्य प्रसाधनों का एक उभरता बाजार बन गया है जिस में हर साल तेजी देखी जा रही है. साल 2021 में ब्यूटी और पर्सनल केयर मार्केट में सब से अधिक रैवेन्यू इकट्ठा करने में विश्व में भारत चौथे नंबर पर रहा है.

'द मिंट' में प्रकाशित लेख के मुताबिक, ब्यूटी बिजनैस तेजी से आगे बढ़ रहा है, जिस के अनुसार विश्वभर में 4 लाख करोड़ रुपए से बढ़ कर 2023 में 7 लाख करोड़ रुपए होने का अनुमान है. यूरोमौनिटर इंटरनैशनल स्टडी के अनुसार, भारत 1 लाख करोड़ की ब्रिकी के साथ दुनिया में 8वें पायदान पर है.

सामान्यतया सौंदर्य को 2 तरह का कहा जा सकता है. एक आंतरिक और दूसरी बाहरी. नाकनक्श, रंगरूप मिल कर बाहरी सौंदर्य का निर्माण करते हैं जो उम्र के साथसाथ ढलता जाता है फिर भी महिलाएं इसी सौंदर्य को बनाए रखने के लिए किसी भी सौंदर्य प्रसाधनों का इस्तेमाल करने को आतुर रहती हैं. नगरों में बढ़ते ब्यूटीपार्लर इस का एहसास कराते हैं जो जम कर तरहतरह के कैमिकल इस्तेमाल करते हैं. अब तो देश की अनपढ़ महिलाएं भी ब्यूटीपार्लरों में जाती हैं और ब्लीचिंग, स्टीमिंग, प्लकिंग, हेयरस्टाइल आदि से अपने शरीर को आकर्षक बनाती हैं.

इंगलैंड के सुप्रसिद्ध चिकित्सा विज्ञानी डा. आर एन थिन और बर्लिन यूनिवर्सिटी के त्वचा रोग विशेषज्ञ डा. गुटर स्टुटजन ने इस पर लंबे समय तक शोध कार्य किया. इन दोनों विशेषज्ञों के सम्मिलित प्रयासों से विटामिन ए ऐसिज नामक औषधि की खोज हुई जो त्वचा रोग के निवारण में सहायक सिद्ध होती है.

Bu hikaye Sarita dergisinin April Second 2023 sayısından alınmıştır.

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