गरीब देशों के युवाओं को जंग में झोंक रहा है रूस
Sarita|April Second 2024
जिस दिन रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सैन्य लामबंदी की घोषणा की, उसी दिन से रूसी युवाओं का देश से पलायन शुरू हो गया. युद्ध के मैदान में कोई नहीं जाना चाहता. लिहाजा, साजिश के तहत रूस अब गरीब देशों के युवाओं को बड़ी धनराशि देने का लालच दे कर सेना में भरती कर रहा है.
नसीम अंसारी कोचर
गरीब देशों के युवाओं को जंग में झोंक रहा है रूस

रूस की सीमाओं पर कुछ महीनों से युवाओं की लंबी कतारें नजर आ रही हैं. अनेक रूसी युवक देश छोड़ने की हड़बड़ी में हैं. जॉर्जिया से सटी रूस की सीमा पर वाहनों की मीलों लंबी कतारें यह बताने के लिए काफी हैं। कि रूस से बड़ी संख्या में लोग पलायन कर रहे हैं जिस में युवाओं की संख्या बहुत ज्यादा है. ज्यादातर युवा जॉर्जिया की तरफ रुख कर रहे हैं. दरअसल जर्जिया रूस के उन कुछ पड़ोसी देशों में से है जहां जाने के लिए रूसी को वीजा लेने की जरूरत नहीं पड़ती है.

अनेक रूसी युवा पड़ोसी देशों में जाने के लिए पैदल या साइकिल के जरिए भी सीमा पार कर रहे हैं. अधिकांश युवा इसलिए देश छोड़ रहे हैं क्योंकि उन्हें अपनी पढ़ाई जारी रखनी है और उन को आशंका है कि रूसी राष्ट्रपति द्वारा आंशिक लामबंदी की घोषणा के तहत उन्हें युद्ध में झोंका जा सकता है. इसलिए वे 12-12 घंटे कतार में खड़े हो कर सीमा पार जाने का इंतजार कर रहे हैं.

कुछ जगह जहां हवाई रास्ते से जाया जा सकता है, वहां के लिए भी युवाओं की भीड़ उमड़ रही है. सैन्य बुलावे की घोषणा यानी कौल-अप के बाद इस्तांबुल, बेलग्राद या दुबई में फ्लाइट के दाम आसमान छू रहे हैं. तुर्किए मीडिया की मानें तो एकतरफा टिकट की बिक्री में बेतहाशा वृद्धि दर्ज की गई है. वहीं गैर वीजा वाली जगहों पर जाने वाली फ्लाइट के दाम भी 1,000 यूरो से ऊपर चले गए हैं. रूसी युवाओं के पलायन का जहां जरमनी के गृहमंत्री ने स्वागत किया है वहीं लिथुआनिया, लातविया, इस्टोनिया और चेक रिपब्लिक के स्वर बदले हुए हैं और उन्होंने रूसी शरणार्थियों को शरण देने से इनकार कर दिया है.

रूसी युवा नहीं चाहते युद्ध

गौरतलब है कि जिस दिन से रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आंशिक सैन्य लामबंदी की घोषणा की है, उस के बाद से ही रूसी युवाओं का पलायन शुरू हो गया है. यह संख्या लगातार बढ़ रही है. पुतिन की सैन्य लामबंदी के तहत देश के 3 लाख युवाओं को यूक्रेन से लड़ने के लिए बुलाया गया है. इस के लिए युवाओं को जबरन सेना में भरती किए जाने की खबरें छनछन कर आ रही हैं.

Bu hikaye Sarita dergisinin April Second 2024 sayısından alınmıştır.

Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.

Bu hikaye Sarita dergisinin April Second 2024 sayısından alınmıştır.

Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.

SARITA DERGISINDEN DAHA FAZLA HIKAYETümünü görüntüle
कंगाली और गृहयुद्ध के मुहाने पर बौलीवुड
Sarita

कंगाली और गृहयुद्ध के मुहाने पर बौलीवुड

बौलीवुड के हालात अब बदतर होते जा रहे हैं. फिल्में पूरी तरह से कौर्पोरेट के हाथों में हैं जहां स्क्रिप्ट, कलाकार, लेखक व दर्शक गौण हो गए हैं और मार्केट पहले स्थान पर है. यह कहना शायद गलत न होगा कि अब बौलीवुड कंगाली और गृहयुद्ध की ओर अग्रसर है.

time-read
10 dak  |
November First 2024
बीमार व्यक्ति से मिलने जाएं तो कैसा बरताव करें
Sarita

बीमार व्यक्ति से मिलने जाएं तो कैसा बरताव करें

अकसर अपने बीमार परिजनों से मिलने जाते समय लोग ऐसी हरकतें कर या बातें कह देते हैं जिस से सकारात्मकता की जगह नकारात्मकता हावी हो जाती है और माहौल खराब हो जाता है. जानिए ऐसे मौके पर सही बरताव करने का तरीका.

time-read
4 dak  |
November First 2024
उतरन
Sarita

उतरन

कोई जिंदगीभर उतरन पहनती रही तो किसी को उतरन के साथ शेष जिंदगी गुजारनी है, यह समय का चक्र है या दौलत की ताकत.

time-read
10+ dak  |
November First 2024
युवतियां ब्रेकअप से कैसे उबरें
Sarita

युवतियां ब्रेकअप से कैसे उबरें

ब्रेकअप के बाद सब का अपना अलग हीलिंग प्रोसैस होता है लेकिन खुद से प्यार करना और समय देना सब से जरूरी होता है.

time-read
4 dak  |
November First 2024
इकलौते बच्चे को जरूरत से ज्यादा प्रोटैक्ट करना ठीक नहीं
Sarita

इकलौते बच्चे को जरूरत से ज्यादा प्रोटैक्ट करना ठीक नहीं

जिन परिवारों में इकलौता बच्चा होता है वे बच्चे की सुरक्षा के प्रति बहुत सजग रहते हैं. उसे हर वक्त अपनी निगरानी में रखते हैं. लेकिन बच्चे की अत्यधिक सुरक्षा उस के भविष्य और कैरियर को तबाह कर सकती है.

time-read
7 dak  |
November First 2024
मेले मामा चाचू बूआ की शादी में जलूल आना
Sarita

मेले मामा चाचू बूआ की शादी में जलूल आना

शादी कार्ड में जिन के द्वारा लिखवाया गया होता है कि 'मेले मामा/चाचू की शादी में जलूल आना' उन प्यारेप्यारे बच्चों के लिए सब से बड़ी सजा हो जाती है कि वे देररात तक जाग सकते नहीं.

time-read
4 dak  |
November First 2024
गलत हैं नायडू स्टालिन औरतें बच्चा पैदा करने की मशीन नहीं
Sarita

गलत हैं नायडू स्टालिन औरतें बच्चा पैदा करने की मशीन नहीं

महिलाएं बड़ी बड़ी बाधाएं पार कर उस मुकाम पर पहुंची हैं जहां उन का अपना अलग अस्तित्व, पहचान और स्वाभिमान वगैरह होते हैं. ऐसा आजादी के तुरंत बाद नेहरू सरकार के बनाए कानूनों के अलावा शिक्षा और जागरूकता के चलते संभव हो पाया. महिलाओं ने अब इस बात से साफ इनकार कर दिया कि वे सिर्फ बच्चे पैदा करने की मशीन नहीं बने रहना चाहती हैं.

time-read
7 dak  |
November First 2024
सांई बाबा विवाद दानदक्षिणा का चक्कर
Sarita

सांई बाबा विवाद दानदक्षिणा का चक्कर

वाराणसी के हिंदू मंदिरों से सांईं बाबा की मूर्तियों को हटाने की सनातनी मुहिम फुस हो कर रह गई है तो इस की अहम वजह यह है कि हिंदू ही इस मसले पर दोफाड़ हैं. लेकिन इस से भी बड़ी वजह पंडेपुजारियों का इस में ज्यादा दिलचस्पी न लेना रही क्योंकि उन की दक्षिणा मारी जा रही थी.

time-read
10 dak  |
November First 2024
1947 के बाद कानूनों से बदलाव की हवा भाग-5
Sarita

1947 के बाद कानूनों से बदलाव की हवा भाग-5

1990 के बाद का दौर भारत में भारी उथलपुथल भरा रहा. एक तरफ नई आर्थिक नीतियों ने कौर्पोरेट को नई जान दी, दूसरी तरफ धर्म का बोलबाला अपनी ऊंचाइयों पर था. धार्मिक और आर्थिक इन बदलावों ने भारत के राजनीतिक और सामाजिक परिदृश्य को बदल कर रख दिया, जिस का असर संसद पर भी पड़ा.

time-read
10 dak  |
November First 2024
न्याय की मूरत सूरत बदली क्या सीरत भी बदलेगी
Sarita

न्याय की मूरत सूरत बदली क्या सीरत भी बदलेगी

भावनात्मक तौर पर 'न्याय की देवी' के भाव बदलने की सीजेआई की कोशिश अच्छी है, लेकिन व्यवहार में इस देश में निष्पक्ष और त्वरित न्याय मिलने व कानून के प्रभावी अनुपालन की कहानी बहुत आश्वस्त करने वाली नहीं है.

time-read
6 dak  |
November First 2024