समाज में एक कहावत बहुत प्रचलित है कि 'घी का लड्डू टेढ़ा भला' यानी लड़का कैसा भी हो अच्छा ही माना जाता है, खासकर घरपरिवार, शादीविवाह में ऐसे उदाहरण बहुत दिए जाते हैं. लड़का अगर सांवला है तो भी घर वाले परेशान नहीं होते हैं. वहीं जब लड़की सांवली हो तो उस की शादी की चिंता उस के पैदा होते ही होने लगती है. कई बार शादी टूटने का बड़ा कारण लड़की का रंगरूप होता है. अब हालात बदल रहे हैं. लड़कियों की संख्या तो कम हो ही रही है, वे आत्मनिर्भर भी हो कर अपने फैसले खुद कर रही हैं. ऐसे में वे काले रंग के लड़के के साथ भी शादी कर नहीं रहना चाहतीं.
यह बात और है कि कई जोड़े ऐसे भी हैं जो चमड़ी के रंग को छोड़ कर खुशीखुशी रह रहे हैं. कई गोरी पत्नियों को अपने सांवले रंग वाले पति में आकर्षण नजर आता है. वे उन के साथ खुश रहती हैं. लेकिन मध्य प्रदेश के जबलपुर में रहने वाले रमेश कुमार नामक युवक ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई कि पत्नी उस के सांवले रंग को ले कर ताने मारती है और अब उस ने अलग रहने का फैसला कर लिया है. वह उसे छोड़ कर चली गई है. रमेश की शिकायत पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज करने से पहले पत्नी के साथ परामर्श करना सही समझा है. उसे बुला कर मामला समझेगी.
यह मामला खुल कर सामने आ गया है. इसलिए उदाहरण के लिए इस को सामने रखा जा रहा है. समाज में कई पतिपत्नी ऐसे हैं जिन के बीच रंग एक बड़ी परेशानी बन रही है. लड़के के तो तमाम मामले हैं जहां सांवली पत्नी से उस को शिकायत होती है. वह तलाक की मांग कर लेता है. लड़की को बिना तलाक के छोड़ देता है, दूसरी पत्नी रख लेता है. बहुत सारे उदाहरण समाज में मौजूद हैं. पति के सांवले होने पर पत्नी उसे छोड़ दे, ऐसे मामले भी अब सामने आने लगे हैं.
लड़कियों की चाहत बढ़ रही है
Bu hikaye Sarita dergisinin August First 2024 sayısından alınmıştır.
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