बच्चों के इंस्टा अकाउंट पर रहेगी नजर

कुछ समय से भारत में बच्चों और किशोरों में आपराधिक प्रवृत्ति में खासी बढ़ोतरी देखी जा रही है. नाबालिग बच्चों द्वारा बलात्कार की घटनाओं को अंजाम देना, स्कूलों में बम होने की झूठी सूचनाएं फैलाना, मारपीट, चोरी या जरा जरा सी बात पर घर से भाग जाने के अलावा उन में बढ़ती आत्महत्या की प्रवृत्ति पेरेंट्स और टीचर्स के लिए डर का सबब बनी हुई हैं. इस की सब से बड़ी वजह इंटरनेट को माना जा रहा है. तकनीक का विकास अगर तरक्की के लिए आवश्यक है तो कुछ मानों में इस के दुष्परिणाम भी देखने को मिल रहे हैं.
आज बच्चे इंटरनेट पर बहुत कुछ ऐसा देख रहे हैं जो उन की उम्र के अनुरूप नहीं है. लिहाजा, इस का बुरा प्रभाव उन के मस्तिष्क और उन के व्यवहार पर पड़ रहा है. कोरोना की आपदा ने हर बच्चे को मोबाइल फोन सौंप दिया. अब वे फोन के लती हो चुके हैं. फोन पर वे दिनरात क्या देख रहे हैं, इस की निगरानी हर वक्त उन के मातापिता नहीं कर सकते.
फोन अब सिर्फ ऑनलाइन पढ़ाई के लिए नहीं रहे बल्कि इन पर बच्चे अश्लील पिक्चर्स देख रहे हैं, अपराध सीरियल या फिल्में देख रहे हैं, बम बनाने के तरीके सीख रहे हैं, स्कूल बंद करवाने के लिए अफवाहें फैलाने के लिए मेल भेज रहे हैं, ऑनलाइन बॉयफ्रेंड्स या गर्लफ्रेंड्स बना रहे हैं, उन से अश्लील चैट कर रहे हैं, ऑनलाइन सट्टा लगा रहे हैं आदि.
काफी समय से भारत सरकार इस कोशिश में थी कि किसी तरह बच्चों में इंटरनेट की उपलब्धता पर नियंत्रण हो और उन में बढ़ती आपराधिक प्रवृत्ति को रोका जा सके. वे ऐसे कंटेंट से दूर रहें जो उन के कोमल मन पर बुरा प्रभाव छोड़ते हैं या उन्हें अपराध के लिए उकसाते हैं. इस के लिए फेसबुक और इंस्टाग्राम जैसे इंटरनेट मीडिया प्लेटफॉर्म्स का संचालन करने वाली कंपनी मेटा से भी बातचीत चल रही थी. अब मेटा के इंस्टाग्राम टीन अकाउंट्स की सुविधा को भारत में भी शुरू करने की घोषणा हो गई है.
Bu hikaye Sarita dergisinin March Second 2025 sayısından alınmıştır.
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