हाल ही में ओडिशा में तीन ट्रेनों की टक्कर से हुए हादसे को स्वतंत्र भारत के रेल इतिहास में सबसे खराब दुर्घटनाओं में से एक माना जा रहा है जिसमें 275 लोगों की मौत हो गई और 1,100 से ज्यादा लोग घायल हो गए। इस रेल हादसे ने राष्ट्रीय स्तर पर सेवाएं देने वाले भारतीय रेलवे की सुरक्षा की कमी के संकेत दिए हैं। बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाने और सुरक्षा के लिए रिकॉर्ड बजट आवंटन के बावजूद, भारतीय रेलवे की रेल दुर्घटनाओं में वर्ष 2022-23 में 37 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इनमें से कई दुर्घटनाओं में मालगाड़ियों से जुड़े रेल हादसे शामिल थे जिनमें से अधिकांश मामलों में घायलों की सूचना नहीं मिली।
वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, एक या एक से अधिक तीन तरह के हालात में ट्रेन दुर्घटना बड़ी (कंसीक्वेंशियल) मानी जाती है जैसे कि दुर्घटना के बाद तीन घंटे से अधिक समय तक संचार स्थापित करने में विफलता (छह घंटे की आंशिक विफलता), रेल हादसे में 2 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान होना या लोगों की मौत होना।
Bu hikaye Business Standard - Hindi dergisinin June 05, 2023 sayısından alınmıştır.
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