वाराणसी का नाम लेते ही मंदिरों और घाट के साथ जो नाम कौंधता है वह है बनारसी साड़ियों का। दशकों से बनारसी साड़ियां शादी-ब्याह और उत्सवों का अटूट हिस्सा रही हैं। बनारसी सिल्क के परिधान खास मौकों पर खूब पहने जाते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सांसद बनने के बाद से पिछले 10 साल में इस कारोबार का मिजाज भी बदल गया है। तेज विकास, चकाचौंध और पर्यटकों की बढ़ती आमद के बीच काम बढ़ा है मगर पीढ़ियों से इस काम में लगे कारोबारियों के सामने कंपनियों की चुनौती खड़ी हो गई है।
बनारसी सिल्क का कारोबार पीढ़ी-दर-पीढ़ी कारीगरों और बुनकरों पर ही टिका रहा है। देश-दुनिया के कारोबारी सीधे इन्हीं कारीगरों और बुनकरों को ठेके देते आए हैं और उनके रिश्ते भी पीढ़ियों से चल रहे हैं। लेकिन वाराणसी में इन कारोबारियों के लिए अब टाटा, बिड़ला, रिलायंस के सामने टिक पाना दुश्वार हो रहा है। यहां रथयात्रा इलाके के कुबेर कॉम्प्लेक्स में पिछले दिनों टाटा के परिधान ब्रांड तनाएरा का बड़ा केंद्र खुल गया है, जहां हथकरघा बुनकरों और गिरस्ता (बुनकरों से ठेके पर माल बनवाने वाले कारोबारी) का पंजीकरण हो रहा है। तनाएरा ने वाराणसी के रवींद्रपुरी में भी दफ्तर खोला है। आदित्य बिड़ला समूह के ब्रांड आद्यम और रिलायंस के स्वदेश के लिए रेशमी साड़ियों की खरीद सीधे वाराणसी के बुनकरों और गिरस्ता से हो रही है, जो उनके स्टोर या ऑनलाइन स्टोर पर बिक रही हैं।
Bu hikaye Business Standard - Hindi dergisinin October 21, 2024 sayısından alınmıştır.
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महाराष्ट्र में नई सरकार के लिए और बढ़ा इंतजार
चुनाव परिणाम आने के एक सप्ताह बाद भी महाराष्ट्र में सरकार का गठन नहीं हो पाया है। महायुति गठबंधन में शामिल दलों के बीच मुख्यमंत्री पद और विभाग बंटवारे को लेकर उसी दिन से रस्साकशी चल रही है और कई दौर की वार्ताओं के बावजूद मामला हल नहीं हुआ है।
संभल मस्जिद में सर्वेक्षण पर रोक
'उच्च न्यायालय का रुख स्पष्ट होने तक कार्यवाही न बढ़े'
यूपीआई खाते में रखें कम पैसा, घटेगा जालसाजी का अंदेशा
नकद के बगैर खरीदारी और भुगतान की सुविधा देने वाले यूनाइटेड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) ने आम लोगों की जिंदगी जितनी सरल की है, धोखाधड़ी की गुंजाइश भी उतनी ही बढ़ गई है। वित्त मंत्रालय से मिले आंकड़ों के मुताबिक चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में यानी सितंबर तक धोखाधड़ी की 6.32 लाख घटनाएं दर्ज की गई थीं, जिनमें लोगों को 485 करोड़ रुपये का चूना लग गया था।
जैव विविधता संकट पर आंख खोलने की जरूरत
भारत ने हाल ही में कोलंबिया के कैली में जैव विविधता से जुड़े अंतरराष्ट्रीय शिखर सम्मेलन (सीबीडी) के 16वें कॉन्फ्रेंस ऑफ पार्टीज (कॉप-16) में भाग लिया है।
यूपीआई धोखाधड़ी का मुकाबला
बीते कुछ वर्षों में डिजिटल भुगतान लेनदेन में उल्लेखनीय इजाफा देखने को मिला है। बहरहाल, देश के डिजिटल भुगतान परिदृश्य में इस असाधारण वृद्धि के साथ ही धोखाधड़ी के मामलों में भी इजाफा हुआ है।
ट्रंप का दूसरा कार्यकाल आसियान की दुविधा
अमेरिकी व्यापार नीति आसियान अर्थव्यवस्थाओं को चीन के साथ गहन रिश्ते बनाने की ओर धकेल सकती है। दोनों के बीच की मुश्किलों के बीच भी यह संभव है। बता रही हैं अमिता बत्रा
हिंदुजा लीलैंड फाइनैंस की नजर डॉलर बॉन्ड पर
हिंदुजा लीलैंड फाइनैंस की नजर इस वित्त वर्ष के अंत में डॉलर बॉन्ड जारी करके 30 से 50 करोड़ डॉलर जुटाने पर है।
जीएसटी दरें बढ़ाकर राजस्व बढ़ाएं
पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यन ने शुक्रवार को सुझाव दिया कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद को कर की दरें बढ़ाने पर गंभीरता से सोचना चाहिए। उन्होंने तर्क दिया कि इससे न केवल कर राजस्व बेहतर होगा बल्कि मुआवजा उपकर की एक बार समाप्ति होने की स्थिति में नया शुल्क लगाने की आवश्यकता भी खत्म हो जाएगी।
देश के बुनियादी उद्योगों का उत्पादन 3.1 फीसदी बढा
देश के आठ प्रमुख बुनियादी उद्योगों की उत्पादन वृद्धि अक्टूबर में सालाना आधार पर सुधर कर 3.1 प्रतिशत हो गई। सितंबर में यह आंकड़ा सुधरकर 2.4 प्रतिशत हुआ था।
दूसरी तिमाही में कृषि जीवीए हुआ बेहतर
अच्छे मॉनसून का असर ■ विशेषज्ञों की राय के मुताबिक इसने आने वाली तिमाहियों के बेहतर प्रदर्शन की नींव रखी