अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के नतीजों का भारत पर क्या असर होगा?
दो प्रमुख अंतरराष्ट्रीय घटनाएं हैं, जिनका बाजार को इंतजार था- अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के नतीजों का और चीन के अधिकारियों द्वारा घोषित किए जाने वाले राजकोषीय नीतिगत समर्थन का। मुझे लगता है कि चुनाव में पूरी मतगणना प्रक्रिया तक इंतजार करना हमेशा समझदारी होती है। मुझे लगता है कि कुल मिलाकर भारत-अमेरिकी संबंध बहुत मजबूत हो गए हैं। दोनों देशों के बीच एक रणनीतिक साझेदारी है और यह जारी रहेगी, चाहे कोई भी जीते। भारतीय अर्थव्यवस्था और भारतीय वित्तीय क्षेत्र आज अच्छी स्थिति में है और दूसरे देशों से आने वाले किसी भी तरह के झंझावात से निपटने के लिहाज से काफी सुदृढ़ है। वहां (अमेरिका में) क्या हो रहा है, हम मूकदर्शक हैं। हम देख रहे हैं। लेकिन जब हमारे घरेलू बाजार की बात आती है तो नियामक के रूप में हम मूकदर्शक नहीं हैं।
रुख में बदलाव के बाद बाजार को दिसंबर में ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद थी। हालांकि आपने हाल में अपनी टिप्पणी में कहा है कि ब्याज दरों में कटौती करना अभी जल्दबाजी होगी। आपकी टिप्पणी से क्या मतलब निकालना चाहिए?
Bu hikaye Business Standard - Hindi dergisinin November 07, 2024 sayısından alınmıştır.
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एनबीएफसी का नियामकों से करीबी समन्वय जरूरी
भारतीय रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर एम. राजेश्वर राव ने कहा कि वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) का वित्तीय नियामकों के साथ करीबी समन्वय स्थापित किए जाने की जरूरत है।
सी-पेस के तहत कंपनियों की निकासी में आई तेजी, लग रहे 70 से 90 दिन
चालू वित्त वर्ष में इस साल 15 नवंबर तक सेंटर फॉर प्रोसेसिंग एक्सीलेरेटेड कॉरपोरेट एक्जिट (सी-पेस) के तहत कुल 11,855 कंपनियों को हटा दिया गया है।
इक्विटी के जरिये रकम जुटाएंगे बैंक
चालू वित्त वर्ष के लिए सरकारी बैंकों को इक्विटी पूंजी जुटाने की मिली मंजूरी
प्रतिभाओं को आकर्षित करने में कर्नाटक अव्वल
भारत के सिर्फ नौ राज्य ही नेट टैलेंट पॉजिटिव यानी प्रतिभा के लिहाज से धनात्मक राज्य हैं और इनमें से कर्नाटक शीर्ष राज्य के तौर पर उभरा है जहां सबसे ज्यादा पॉजिटिव टैलेंट बेस है।
संसद के दोनों सदन दूसरे दिन भी बाधित
अदाणी मामले, मणिपुर समेत विभिन्न मुद्दों पर विपक्ष का भारी हंगामा, जेपीसी जांच की मांग पर अड़ा
मुख्यमंत्री की दौड़ से पीछे हटे शिंदे
आखिरकार एकनाथ शिंदे मान गए। इसी के साथ महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का मुख्यमंत्री बनने का रास्ता साफ हो गया।
शहरों को तैयार करने की दूरदर्शी योजना बने
शहर सिर्फ इमारतों का एक समूह नहीं है। शहर वास्तव में सामाजिक व्यवस्थाओं, सेवाओं, इमारतों के साथ-साथ बुनियादी ढांचे का गतिशील नेटवर्क होता है।
वित्तीय बाजार में प्रतिफल की चौथाई सदी
भारत ने विगत 25 वर्षों में जहां बेहतरीन वास्तविक रिटर्न दिया है, वहीं उच्च मूल्यांकन के कारण इसका टिकाऊ बने रहना मुश्किल प्रतीत होता है। बता रहे हैं आकाश प्रकाश
अमेरिकी जांच पर खुलासा अनिवार्य नहीं
अदाणी समूह की कंपनियों ने अमेरिकी एजेंसियों की जांच से जुड़े खुलासे के संबंध में शेयर बाजारों की ओर से मांगे गए स्पष्टीकरण का जवाब दिया है।
अपतटीय खनन की आज पहली नीलामी
भारत और फ्रांस के बीच पांच क्षेत्रों में सहयोग की अपील