डॉनल्ड ट्रंप के दोबारा अमेरिकी राष्ट्रपति बनने के बाद क्या घटित होगा इसे लेकर कई तरह की अटकलें लगाई गई थीं। सबसे अधिक चर्चा अमेरिकी व्यापार नीति और चीन की वस्तुओं पर लगने वाला शुल्क बढ़ाने (लगभग 60 फीसदी करने) की हो रही थी। अमेरिकी व्यापार नीति में अपने साझेदारों के साथ द्विपक्षीयता और बहुपक्षीय मानकों का उल्लंघन नया नहीं है। बहरहाल, ट्रंप के दूसरे कार्यकाल में संरक्षणात्मक टैरिफ में भारी और चयनित ढंग से इजाफा तथा संस्थानों के प्रति अवज्ञा का भाव आसियान देशों की अर्थव्यवस्थाओं के लिए खासतौर पर कठिन हालात बना सकता है।
चीन को नियंत्रित करना लंबे समय से अमेरिकी विदेश नीति का केंद्रीय बिंदु रहा है। बहरहाल, बीते दो दशकों में रणनीतिक पहलुओं की तुलना में आर्थिक पहलू कहीं अधिक मुखर रहे हैं। वैश्विक वित्तीय संकट के परोक्ष प्रभाव, वैश्विक व्यापारिक असंतुलन और विश्व अर्थव्यवस्था के केंद्र के पूर्व में स्थानांतरित होने के बीच बराक ओबामा ने 2011 'एशिया की ओर रुख' की रणनीति अपनाई। प्रशांत-पार साझेदारी (टीपीपी) इसका प्रमुख आर्थिक स्तंभ था। टीपीपी की परिकल्पना एक उच्च गुणवत्ता वाले महत्त्वाकांक्षी व्यापार समझौते के रूप में की गई थी जो उस वक्त की उदार अमेरिकी व्यापार नीति के अनुरूप था। वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में करीब 40 फीसदी योगदान के साथ समझौते में व्यापक एशिया प्रशांत क्षेत्र की 12 सदस्य अर्थव्यवस्थाओं के साथ आर्थिक एकीकरण के संभावित लाभ शामिल थे।
टीपीपी का ध्यान 'सीमाओं के पीछे' की नीतियों पर केंद्रित था और उसे इस तरह डिजाइन किया गया था कि वह बौद्धिक संपदा अधिकारों, श्रम अधिकारों और व्यापार एवं निवेश का माहौल सुनिश्चित कर सके। टीपीपी के पीछे प्रेरणा यह थी कि या तो चीन समझौते में शामिल होकर उच्च व्यापारिक नियमों का पालन करे और इस प्रक्रिया में अधिक खुली, पारदर्शी बाजार अर्थव्यवस्था बने या फिर तरजीही व्यापार और निवेश समझौतों से दूर हो जाए। टीपीपी पर फरवरी 2016 में हस्ताक्षर हुए।
Bu hikaye Business Standard - Hindi dergisinin November 30, 2024 sayısından alınmıştır.
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ट्रंप की 100% शुल्क बढ़ाने की धमकी बेजा
अमेरिका के नव-निर्वाचित राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप की ब्रिक्स देशों को यह चेतावनी अवास्तविक है कि यदि ब्रिक्स समूह अमेरिकी डॉलर का स्थान लेगा तो वे 100 प्रतिशत सीमा शुल्क लगा देंगे।
बचना है परेशानी से तो मेडिकल इमरजेंसी के लिए पहले से इकट्ठी कर लें रकम
अचानक आने वाले चिकित्सीय संकट में पैसा जुटाना काफी चुनौतीपूर्ण होता है, समझदारी इसी में है कि ऐसी मुश्किल घड़ी के लिए पहले से तैयारी कर लें।
मुख्यमंत्री पर भाजपा का फैसला मंजूर: शिंदे
शिवसेना नेता ने कहा, सरकार गठन को लेकर महायुति में मतभेद नहीं
भारत का पाकिस्तान में खेलना उचित नहीं
भारतीय उपमहाद्वीप के देशों के बीच क्रिकेट से जुड़े रिश्तों के टूटने में खेल से जुड़ा कोई विवाद शामिल नहीं है। इसे दो देशों और वहां घट रही घटनाओं से जोड़कर ही देखा जाना चाहिए।
नवंबर में जीएसटी बढ़ा 11.1%
रिफंड की संख्या काफी कम होने के कारण शुद्ध जीएसटी में हुआ इजाफा
अर्थव्यवस्था: सामान्यीकरण की ओर कदम
भारत ने पिछले तीन वर्षों में तेजी से वृद्धि की है जिसमें औसत वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि लगभग 8 प्रतिशत रही है। वित्तीय बाजारों ने वैश्विक स्तर की तुलना में इस शानदार प्रदर्शन पर बेहद उत्साह के साथ अपनी प्रतिक्रिया दी है। हाल में, वृद्धि की रफ्तार में कमी आई है जिसे हम सामान्यीकरण की प्रक्रिया के रूप में देखते हैं और यह वास्तव में विस्तार के स्थिर दर पर वापसी की तरह है। मजबूत वृद्धि के इस चरण के साथ कुछ क्षेत्रों में चिंताजनक अप्रत्यक्ष प्रभाव थे जिन्हें अब सावधानी पूर्वक व्यापक कदमों से नियंत्रित करने का लक्ष्य है।
रियल्टी फर्मों की दूसरी छमाही रहेगी मजबूत
नई परियोजनाएँ पेश करने की ठोस योजनाओं से पूरी होंगी वित्त वर्ष 2024-25 की पहली छमाही की उम्मीदें
10 महीने में जुटाए वीसी से 9.2 अरब डॉलर
भारतीय स्टार्टअप कंपनियों ने जनवरी से अक्टूबर 2024 के बीच 984 सौदों में 9.2 अरब डॉलर की रकम वेंचर कैपिटल (वीसी) से हासिल की है। जनवरी-अक्टूबर 2023 के मुकाबले इसमें 44.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
यात्री वाहनों की थोक बिक्री बढ़ी
नवंबर में घरेलू यात्री वाहनों की थोक बिक्री एक साल पहले की समान अवधि के मुकाबले करीब 4 फीसदी बढ़ी है। त्योहारी सीजन, शादी-विवाह का मौसम और देश के ग्रामीण इलाकों से जबरदस्त मांग की वजह से पिछले महीने करीब 3.5 लाख गाड़ियों की बिक्री हुई।
विप्रो एंटरप्राइजेज का राजस्व बढ़ा
अजीम प्रेमजी के नेतृत्व वाली विप्रो एंटरप्राइजेज ने कहा कि मार्च 2024 को समाप्त वित्त वर्ष में उसका एकीकृत परिचालन राजस्व 9.8 प्रतिशत बढ़कर 16,902 करोड़ रुपये हो गया।