बचना है परेशानी से तो मेडिकल इमरजेंसी के लिए पहले से इकट्ठी कर लें रकम
Business Standard - Hindi|December 02, 2024
अचानक आने वाले चिकित्सीय संकट में पैसा जुटाना काफी चुनौतीपूर्ण होता है, समझदारी इसी में है कि ऐसी मुश्किल घड़ी के लिए पहले से तैयारी कर लें।
संजय कुमार सिंह और कार्तिक जेरोम
बचना है परेशानी से तो मेडिकल इमरजेंसी के लिए पहले से इकट्ठी कर लें रकम

मेडिकल इमरजेंसी के लिए धन की व्यवस्था करना अक्सर एक कठिन काम होता है क्योंकि इसके लिए तत्काल एक बड़ी रकम जुटानी पड़ती है। ऐसे में परिवारों के लिए यह जरूरी है कि इस चुनौती से निपटने के लिए पहले से ही तैयारी कर ली जाए।

प्रमुख समस्याएं

भारत में चिकित्सा के लिए जेब से किए जाने वाले खर्च काफी अधिक हैं। अधिकतर मरीजों के पास कोई चिकित्सा बीमा कवर नहीं होता है। अगर चिकित्सा बीमा कवर है भी तो अक्सर वह भारी-भरकम खर्च को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं होता है। यहां तक कि पर्याप्त चिकित्सा बीमा कवर वाले लोगों को भी अपने घर के आसपास नेटवर्क अस्पताल न होने जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में उन्हें अपनी जेब से भुगतान करना पड़ता है और बाद में उसकी प्रतिपूर्ति लेनी पड़ती है।

डिजिस्पर्श के संस्थापक और मुख्य कार्याधिकारी सौरभ सोनी ने कहा, ‘भारतीय बीमा विनियामक एवं विकास प्राधिकरण (आईआरडीएआई) की पिछली वार्षिक रिपोर्ट के मुताबिक, कुल 70,000 करोड़ रुपये के पंजीकृत स्वास्थ्य बीमा दावों में से प्रतिपूर्ति वाले दावों की रकम करीब 28,000 करोड़ रुपये थी।’

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