एक साल के कार्यकाल में आपकी सरकार की क्या-क्या उपलब्धियां रहीं?
एक साल के भीतर हमारा पूरा जोर राज्य के प्रशासनिक ढांचे और सरकारी कामकाज में सुधार कर बेहतर कार्यसंस्कृति विकसित करने पर रहा। इसके अलावा, देश को विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने में मध्य प्रदेश का योगदान बढ़ाने के उद्देश्य से हमने अपने शासन के शुरुआती साल में राज्य का बजट 3.25 लाख करोड़ रुपये से बढ़ाकर अगले पांच साल में 7 लाख करोड़ रुपये करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। हम चरणबद्ध तरीके से अपनी मंजिल तक पहुंचेंगे और इसके लिए हमने वार्षिक लक्ष्य निर्धारित किए हैं। इन्हें हासिल करने के लिए सरकार अपने गैर जरूरी खर्चों में कटौती करेगी, जिससे राज्य की आय बढ़ाने में तो मदद मिलेगी ही, इससे समग्र वृद्धि का रास्ता भी साफ होगा। शपथ लेने के कुछ दिन के भीतर ही मैंने ऊर्जा समेत कई क्षेत्रों में सुधार के लिए कदम उठाए हैं। मौजूदा समय में हम किसानों को वार्षिक स्तर पर 15,000 करोड़ रुपये की सब्सिडी देते हैं, जो उनकी पूरी बिजली खपत की 93 प्रतिशत होती है। यदि सरकार ने हस्तक्षेप नहीं किया तो यह बोझ हर साल बढ़ता जाएगा। इससे निपटने के लिए हम अगले तीन साल में बिजली सब्सिडी को शून्य स्तर पर लाना चाहते हैं। विकल्प के तौर पर सरकार किसानों को सोलर पंप लगाने के लिए वित्तीय सहायता देगी, जिससे वे ऊर्जा के मामले में न केवल आत्मनिर्भर होंगे बल्कि फालतू बिजली सरकार को बेच सकेंगे। सरकार शहरी उपभोक्ताओं और किसानों को साधने की दोहरी रणनीति पर चल रही है। दोनों तरह के उपभोक्ताओं को वार्षिक स्तर पर कुल मिलाकर 25,000 से 26,000 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी जा रही है, जिसे हम खत्म करना चाहते हैं।
क्या इसका अर्थ यह लगाया जाए कि सरकार शुल्क में वृद्धि करेगी?
नहीं, नहीं…सरकार ऐसा कोई कदम उठाने नहीं जा रही।
तो क्या स्लैब को पुनर्व्यवस्थित कर रास्ता निकाला जाएगा?
हां, ऐसा किया जा सकता है, लेकिन इस पर भी अभी अमल नहीं किया जाएगा। कुछ समय के बाद जरूर इस तरफ बढ़ सकते हैं।
सीएम लाडली बहना योजना सरकार के खजाने पर बोझ बन गई है?
Bu hikaye Business Standard - Hindi dergisinin December 16, 2024 sayısından alınmıştır.
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'चुनाव जीते तो वृद्धों का निःशुल्क इलाज'
आम आदमी पार्टी (आप) के प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को घोषणा की कि दिल्ली में उनकी पार्टी के सत्ता में लौटने पर 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के निःशुल्क उपचार के लिए 'संजीवनी योजना शुरू की जाएगी। दिल्ली में विधानसभा चुनाव अगले साल फरवरी में प्रस्तावित है।
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राजधानी दिल्ली फिर गंभीर प्रदूषण की चपेट में
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बुधवार को एक बार फिर प्रदूषण तेजी से बढ़ा है। शहर में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) लगातार दूसरे दिन गंभीर श्रेणी में दर्ज किया गया। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक चार दिन के भीतर ही एक्यूआई दोगुने से अधिक पहुँच गया है। बीते 14 दिसंबर को यह जहाँ 193 पर था वहीं 18 तारीख को यह 445 पर दर्ज किया गया, जो इस माह में अब तक सबसे अधिक है। बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए राजधानी दिल्ली और आसपास के शहरों में ग्रैप-4 की पाबंदियां लागू कर दी गई हैं।
एसआईएफ से बढ़ेंगे विकल्प
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने तथाकथित 'स्पेशलाइज्ड इन्वेस्टमेंट फंड्स' या एसआईएफ को अधिसूचित किया है और कुछ माह पहले परिकल्पित इस नए परिसंपत्ति वर्ग के नियम कायदों को स्पष्ट किया है।
नेहरूवादी मानवतावाद और भारत का विकास
आजादी के बाद पहले डेढ़ दशक के नियोजित विकास की नीतियों को नेहरूवादी समाजवाद के बजाय नेहरूवादी मानवतावाद कहना बेहतर होगा। विस्तार से बता रहे हैं नितिन देसाई
संस्थाओं की रक्षा है राजनीति की बड़ी चुनौती
लगता है कि अमेरिका को अतिआत्मविश्वास का नतीजा भुगतना पड़ेगा। 2016 में जब डोनाल्ड ट्रंप पहली बार वहां के राष्ट्रपति चुने गए थे तभी से तर्क दिया जा रहा है कि जिस देश की संस्थाएं मजबूत और स्थिर हैं, उस देश की दिशा को स्थायी रूप से बदलने के बहुत कम रास्ते उनके पास हैं।
महामारी के बाद बहुत धीरे उबर रहे हैं लघु और मझोले उद्यम
वित्त वर्ष 2015 में जीडीपी में एमएसएमई की हिस्सेदारी 32.2 फीसदी थी, जो वित्त वर्ष 20 में घटकर 30.5 फीसदी रह गई। महामारी के दौरान वित्त वर्ष 2021 में यह और गिरकर 27.3 फीसदी पर आ गई
ट्रंप की हिटलिस्ट से बचा भारत, 2024 के आंकड़ों से चिंता
भारत कैलेंडर वर्ष 2023 में उन शीर्ष 10 देशों में शामिल नहीं है, जिनका अमेरिका से सर्वाधिक व्यापार घाटा था, लेकिन वह इस सूची में शामिल होने से बाल-बाल बचा है।