इरफान रज्जाक प्रेस्टीज एस्टेट्स प्रोजेक्ट्स के सीएमडी हैं। उन्होंने एक छोटी शुरुआत से भारत के सबसे अमीर व्यक्तियों में से एक बनने तक का सफर तय किया है। बिजनेस की विरासत वाली फैमिली में जन्मे इरफान रज्जाक के पिता रज्जाक सत्तार ने 1950 में बेंगलुरु में एक छोटी सी कपड़े और सिलाई की दुकान से प्रेस्टीज ग्रुप की शुरुआत की थी । इरफान रज्जाक के नेतृत्व में प्रेस्टीज एस्टेट्स प्रोजेक्ट्स भारतीय रियल एस्टेट क्षेत्र में एक प्रमुख प्लेयर बनकर उभरी है। आवासीय, वाणिज्यिक, खुदरा और आतिथ्य क्षेत्रों में फैले विविध पोर्टफोलियो के साथ कंपनी ने 285 परियोजनाओं को पूरा किया है। इसकी 7.5 करोड़ वर्गफीट में फैली 54 परियोजनाएं चल रही हैं। आइए, यहां इरफान रज्जाक की सफलता के सफर के बारे में जानते हैं।
पिता के साथ सिलते थे कपड़े
इरफान रज्जाक का जन्म 1950 में बेंगलुरु में हुआ था। उनके पिता कपड़े सिलने का काम करते थे। इरफान के पिता ने ही प्रेस्टीज कंपनी की शुरुआत की थी, जिसे बाद में इरफान रज्जाक ने बहुत बड़ा बना दिया। इरफान भी पहले अपने पिता के साथ ही दर्जी का काम करते थे। एक महत्वपूर्ण मील के पत्थर में इरफान रज्जाक और उनके परिवार की संपत्ति 1 अरब डॉलर को पार कर गई, जो प्रेस्टीज एस्टेट्स प्रोजेक्ट्स के शेयरों में 60 प्रतिशत की बढ़ोतरी से प्रेरित थी।
कंपनी की सफलता
इसे डीएलएफ के बाद भारत की दूसरी सबसे बड़ी सूचीबद्ध प्रॉपर्टी फर्म के रूप में स्थापित करती है। प्रेस्टीज प्रॉपर्टीज के किरायेदारों में एपल, कैटरपिलर, अरमानी और लुई विटन जैसे ग्लोबल ब्रांड शामिल हैं।
कंपनी की मौजूदगी बढ़ाते चले गए
1990 में बेंगलुरु में अपनी दूसरी रियल एस्टेट परियोजना को बेचने के बाद रज्जाक के रिटायरमेंट की शुरुआती योजनाओं पर चर्चा होने लगी थी। इसके बावजूद रचनात्मकता और उद्यमिता के प्रति उनके जुनून ने प्रेस्टीज एस्टेट्स प्रोजेक्ट्स को एक रियल एस्टेट पावरहाउस के रूप में विकसित करना जारी रखा। प्रेस्टीज एस्टेट्स प्रोजेक्ट्स की उपस्थिति बेंगलुरु से आगे चेन्नई, कोच्चि, कालीकट, हैदराबाद और मुंबई जैसे शहरों तक फैली हुई है।
एडवेंचर स्पोर्ट्स के शौकीन
Bu hikaye Rising Indore dergisinin 28 August 2024 sayısından alınmıştır.
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बीआरटीएस के पांच चौराहों पर यातायात का सर्वे करेगा प्राधिकरण
इंदौर विकास प्राधिकरण के द्वारा बीआरटीएस के चौराहों पर यातायात का सर्वे किया जाएगा। इस सर्वे की रिपोर्ट के आधार पर इन चौराहों पर ब्रिज का निर्माण होगा। सरकार के द्वारा एलिवेटेड कॉरिडोर की योजना रद्द करने के बाद अब एक नई योजना आकार ले रही है। राज्य सरकार के द्वारा बीआरटीएस कॉरिडोर पर 5 चौराहे पर छोटे ब्रिज का निर्माण करने का सिद्धांत लिया गया है। इस फैसले के परिणाम स्वरूप अब इंदौर विकास प्राधिकरण के द्वारा इस कॉरिडोर के पास चौराहे पर यातायात का सर्वे कराया जाएगा।
फ्रीबीज पर खर्च हो रहे 22 हजार करोड़ कमाई का 10% ब्याज में जा रहा
मध्यप्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार शिक्षक दिवस के मौके पर 5 सितंबर को धार जिले के जीराबाद गांव के सरकारी स्कूल पहुंचे थे। कार्यक्रम के बाद जब वे जाने लगे तो इसी स्कूल की पूर्व छात्रा तानिया मालवीय ने उनकी गाड़ी रोक ली।
मध्य प्रदेश में विधानसभा सीटों के परीसमन की हलचल शुरू
मध्यप्रदेश की उन विधानसभा सीटों पर, जहां भाजपा पिछले कई चुनावों से हार रही है, पार्टी ने 2026 में होने वाले परिसीमन के जरिए जीत सुनिश्चित करने की रणनीति तैयार कर ली है। इसके लिए भाजपा ने जमीनी स्तर पर काम करना शुरू कर दिया है। परिसीमन के बाद, एक विधानसभा क्षेत्र में अधिकतम दो से सवा दो लाख मतदाताओं के आधार पर सीटों का पुनर्गठन किया जाएगा, जिससे प्रदेश की मौजूदा 230 विधानसभा सीटों की संख्या बढ़कर 275 से 280 तक पहुंच सकती है। भोपाल जिले में भी सीटों की संख्या 6 से बढ़ाकर 10 तक करने की संभावना है।
जमानत के आवेदनों पर शीघ्र सुनवाई न्यायालय को करना चाहिए...
सुप्रीम कोर्ट ने लंबे समय से जेल में बंद आरोपियों की जमानत को लेकर राहत भरा निर्णय पूर्व में भी दिया है। जमानत पर रिहाई को लेकर अहम फैसले में कहा है कि अपनी जमानत अर्जी पर शीघ्र सुनवाई हो, ये अभियुक्त का मौलिक अधिकार है। इस अधिकार को जघन्य अपराधों के मामलों में भी छीना या कम नहीं किया जा सकता है। कानून और न्यायिक प्रक्रिया में किसी भी अभियुक्त की जमानत पर रिहाई के लिए प्रतिबंधात्मक और कठोर प्रावधान संवैधानिक न्यायालय को भी ऐसे विचाराधीन कैदी को जमानत देने से नहीं रोक सकते जो लंबे समय से जेल में बंद है और ट्रायल का कोई अंत नजर नहीं आ रहा है।
इंदौर की हवा इतनी खराब कैसे हो गई?
देश में सातवीं बार नंबर वन आने वाले इंदौर शहर की सफाई, प्रदूषण आदि की वर्तमान स्थिति पर जब भी सवाल उठाए जाते हैं। जनप्रतिनिधि कान में रूई ठूंस लेते हैं।
नायता मुंडला का बस स्टैंड शुरू, अब कुमेडी की बारी
कलेक्टर आशीष सिंह की पहल पर नायता मुंडला में इंदौर विकास प्राधिकरण के द्वारा निर्मित किया गया बस स्टैंड आखिरकार शुरू हो गया है।
इंदौर में 4 नए पुलिस थाने की जरूरत...
शहर के सीमावर्ती क्षेत्रों में नए थाने की जरुरत महसूस हो रही है। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने रविवार को इंदौर से जुड़े विकास कार्यों व प्रोजेक्टों को लेकर चर्चा की थी। इसमें पुलिस विभाग के आला अफसरों ने भी नए थानों की जरूरत बताई है।
अरे यह तो कमाल हो गया...
इंदौर विकास प्राधिकरण में एक दिन में हुआ लीज नवीनीकरण के आवेदन का निपटारा
दोष किसका दोषी कौन?
इंदौर में लगभग 35 वर्ष पूर्व कैलाश विजयवर्गीय जी द्वारा पहले विधानसभा क्षेत्र 4 और फिर विधानसभा क्षेत्र 2 को भाजपा का गढ़ बनाने के बाद से लगभग सत्ता केंद्र भाजपा के हाथ में है। इन दोनों ही अजेय निर्वाचन क्षेत्र में स्थाई रूप से गौड़ एवं विजयवर्गीय परिवार का कब्जा है। इतना ही नहीं अन्य विधानसभा क्षेत्र में भी विजयवर्गीय समर्थक ही काबिज है। उस पर संघ ठन के लोगों का लगातार सक्रिय रहना यह बताता है कि भाजपा की मुख्य पाठशाला यह शहर है।
जब निष्ठा पर उठी उंगली तो देना पड़ा इस्तीफा...
इंदौर विकास प्राधिकरण के द्वारा नई घोषित की गई अहिल्यापथ योजना में प्राधिकरण के जिस अधिकारी के निष्ठा पर उंगली उठी उसे आखिरकार इस्तीफा देना पड़ा है। इसके साथ ही इस सड़क को लेकर शुरू हुए विवाद में एक नया मोड़ आ गया और अब अनैतिकता के आरोपों पर विराम लगने की स्थिति बन गई है। वैसे कलेक्टर आशीष सिंह और प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालन अधिकारी राम प्रकाश अहिरवार की पहल से पहले ही मंजूरी प्राप्त नक्शे बेमतलब हो गए थे।