बीजमंत्रों की अद्भुत शक्ति
बीजमंत्रों का अर्थ समझना-समझाना जरूरी नहीं है लेकिन उनके उच्चारण से होनेवाले लाभ अद्भुत हैं। जैसे ॐकार के जप से रक्षण शक्ति, गति शक्ति, कांति शक्ति, प्रीति शक्ति, अवगम शक्ति प्रवेश अवति शक्ति आदि १९ शक्तियाँ विकसित होती हैं । ७ बार ॐकार का उच्चारण करने से शरीर के सातों केन्द्रों पर सात्त्विक प्रभाव पड़ता है। इसके उच्चारण से अशांति-तनाव दूर होने लगते हैं।
विद्यार्थी जीवन में 'गं गं गणपतये नमः ।' इस मंत्र का जप करने से बुद्धिशक्ति, संयमशक्ति का विकास होता है। 'गं' बीजमंत्र है।
एकाएक मुसीबत या कोई तकलीफ आ गयी है, किसीने टोना-टोटका किया है तो डरने की जरूरत नहीं है। गुरुगीता का पाठ करो, भगवान या गुरु के श्रीचित्र के सामने बैठ के प्रार्थना करो और 'टं' बीजमंत्र का जप चालू कर दो । १०१५ मिनट जपो, मुसीबत भागती जायेगी। केवल 'टं टं टं...' की रट लगा दो बस ! फिर जो भी निर्णय होंगे और जहाँ भी जाओगे मुसीबत 'टं टं' होती जायेगी, बिल्कुल पक्की बात है!
बच्चा रोता है, दूध नहीं पीता है अथवा ऐसा- वैसा है तो कागज पर ११ बार टं' लिखकर उसके दायें हाथ में बाँध दो । ७ या ९ दिन तक बँधा रहने दो । उसका रोना-धोना, यह - वह – सब शांत हो जायेगा।
Bu hikaye Rishi Prasad Hindi dergisinin November 2022 sayısından alınmıştır.
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