जो भी विद्यार्थी हैं, साधक हैं, शिष्य हैं, भक्त हैं अथवा जो भी अच्छाई फैलाना चाहते हैं उनके लिए सेवा के लिए यह युग सुवर्ण सत्संग की बातें, झूठे आरोपों की सच्चाई प्रकट करने की बातें सोशल मीडिया पर ट्विटर आदि द्वारा और ऋषि प्रसाद, ऋषि दर्शन, लोक कल्याण सेतु द्वारा समाज तक पहुँचाने की सेवा में लोग लगे हैं, मुझे इस बात की बड़ी प्रसन्नता है और होगी भी।
जो सही जगह पर समय नहीं लगाता वह गलत जगह पर समय बरबाद करके ही रहेगा। गुरु नानकदेवजी कहते हैं :
जिनि सेविआ तिनि पाइआ...
श्रीकृष्ण कहते हैं : मुझे वैकुंठ उतना प्रिय नहीं है जितना सत्संग प्रिय है - गीता मे हृदयं पार्थ...।
संत कबीरजी बोलते हैं:
राम परवाना' भेजिया, वाचत कबिरा रोय।
क्या करूँ तुम्हरे वैकुंठ को, जहाँ साध संगत नहीं होय ॥
तो मेरे प्यारे साधकों के मन में जो उदासीनता थी... 'झूठा आरोप है, अच्छा नहीं हुआ, अपन क्या करें ?..' ऐसा करके बैठ जाते थे, अब उनमें भी सक्रियता आयी है कि 'छोटे-मोटे लोग भी अपना प्रचार करते हैं तो यहाँ तो करोड़ों-करोड़ों साधकों का समुदाय है, हम क्यों पीछे हटेंगे !'
१. बुलावा पत्र २. पढ़कर
बापू के बच्चे, नहीं रहेंगे कच्चे ! ॐ ॐ ॐ...
ट्वीट करने में भी कच्चे नहीं, और सोशल मीडिया के दूसरे साधनों के सदुपयोग में भी कच्चे नहीं। और आजकल श्री योग वेदांत सेवा समितियों, साधकपरिवारों और युवा सेवा संघों के सम्मेलनों के आयोजनों में भी सफल हो रहे हैं, शाबाश है ! जो ऋषि प्रसाद, लोक कल्याण सेतु समाज तक पहुँचाते हैं, सदस्य बनाते हैं अथवा कैसे भी लोगों को सत्संग-सेवा का लाभ दिलाते हैं वे धनभागी हैं ! कुटुम्ब का एक व्यक्ति भी बदलता है या अपने वास्तविक स्वरूप आत्मदेव की तरफ आता है, जिस देव की महिमा का वर्णन भगवान शिवजी करते हैं उस आत्म-परमात्मदेव के रास्ते चलता है तो वह तो धन्य हो जाता है, उसका कुटुम्ब और आस-पड़ोस भी धन्य होने लगता है।
Bu hikaye Rishi Prasad Hindi dergisinin December 2022 sayısından alınmıştır.
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रूहानी सौदागर संत-फकीर
१५ नवम्बर को गुरु नानकजी की जयंती है। इस अवसर पर पूज्य बापूजी के सत्संग-वचनामृत से हम जानेंगे कि नानकजी जैसे सच्चे सौदागर (ब्रहाज्ञानी महापुरुष) समाज से क्या लेकर समाज को क्या देना चाहते हैं:
पितरों को सद्गति देनेवाला तथा आयु, आरोग्य व मोक्ष प्रदायक व्रत
एकादशी माहात्म्य - मोक्षदा एकादशी पर विशेष
ऐसी कल्पना आपका कल्याण कर देगी
बाबा कृष्ण बन जाते हैं, कृष्ण बाबा बन जाते हैं।
विलक्षण न्याय
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९ नवम्बर : गोपाष्टमी पर विशेष
कर्म करने से सिद्धि अवश्य मिलती है
गतासूनगतासुंश्च नानुशोचन्ति पण्डिताः ॥
अपने ज्ञानदाता गुरुदेव के प्रति कैसा अद्भुत प्रेम!
(गतांक के 'साध्वी रेखा बहन द्वारा बताये गये पूज्य बापूजी के संस्मरण' का शेष)
समर्थ साँईं लीलाशाहजी की अद्भुत लीला
साँईं श्री लीलाशाहजी महाराज के महानिर्वाण दिवस पर विशेष
धर्मांतरणग्रस्त क्षेत्रों में की गयी स्वधर्म के प्रति जागृति
ऋषि प्रसाद प्रतिनिधि।