भेंट वार्ता
अखंड भारत के बंगाल (वर्तमान में बांग्लादेश) में जन्मे पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित १२७ वर्षीय बाल ब्रह्मचारी स्वामी शिवानंदजी १५ दिसम्बर को मोटेरा-अहमदाबाद स्थित संत श्री आशारामजी आश्रम में पधारे। यहाँ सबसे पहले उन्होंने पूज्य बापूजी द्वारा शक्तिपात किये हुए बड़ बादशाह की परिक्रमा की, पूज्य बापूजी की तपःस्थली मोक्षकुटीर के दर्शन किये फिर पूज्यश्री के व्यासपीठ की आरती उतारी और दंडवत् प्रणाम किया।
व्यासपीठ में व्याप्त बापूजी के दिव्य आभामंडल से स्वामी शिवानंदजी अभिभूत हो गये। व्यासपीठ का सम्मान करते हुए वहाँ पर कुर्सी या गद्दी पर न बैठकर उन्होंने नीचे बिछी हुई चादर पर बैठना पसंद किया।
Bu hikaye Rishi Prasad Hindi dergisinin January 2024 sayısından alınmıştır.
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रूहानी सौदागर संत-फकीर
१५ नवम्बर को गुरु नानकजी की जयंती है। इस अवसर पर पूज्य बापूजी के सत्संग-वचनामृत से हम जानेंगे कि नानकजी जैसे सच्चे सौदागर (ब्रहाज्ञानी महापुरुष) समाज से क्या लेकर समाज को क्या देना चाहते हैं:
पितरों को सद्गति देनेवाला तथा आयु, आरोग्य व मोक्ष प्रदायक व्रत
एकादशी माहात्म्य - मोक्षदा एकादशी पर विशेष
ऐसी कल्पना आपका कल्याण कर देगी
बाबा कृष्ण बन जाते हैं, कृष्ण बाबा बन जाते हैं।
विलक्षण न्याय
विद्यार्थी संस्कार - पढ़िये-पढ़ाइये यह शिक्षाप्रद कथा
पूज्य बापूजी की रिहाई ही देश को विश्वगुरु बना सकती है
श्री अशोक सिंहलजी की जयंती पर हुए विशेष चर्चासत्र के कुछ अंश
गोपाष्टमी पर क्यों किया जाता है गायों का आदर-पूजन?
९ नवम्बर : गोपाष्टमी पर विशेष
कर्म करने से सिद्धि अवश्य मिलती है
गतासूनगतासुंश्च नानुशोचन्ति पण्डिताः ॥
अपने ज्ञानदाता गुरुदेव के प्रति कैसा अद्भुत प्रेम!
(गतांक के 'साध्वी रेखा बहन द्वारा बताये गये पूज्य बापूजी के संस्मरण' का शेष)
समर्थ साँईं लीलाशाहजी की अद्भुत लीला
साँईं श्री लीलाशाहजी महाराज के महानिर्वाण दिवस पर विशेष
धर्मांतरणग्रस्त क्षेत्रों में की गयी स्वधर्म के प्रति जागृति
ऋषि प्रसाद प्रतिनिधि।