शादी नहीं लिव इन का है जमाना
Grihshobha - Hindi|September Second 2023
शादी को ले कर आज की पीढ़ी की सोच बदल चुकी है तो इस की वजह क्या है? आखिर क्यों आज का युवा शादी न कर मुक्त जीवन जीना चाहता हैं...
आरती सक्सैना
शादी नहीं लिव इन का है जमाना

प्यार जिंदगी की वह जरूरत है जिस के बिना जीवन अधूरा सा लगता है. पैदा होने से ले कर मरने तक हम किसी न किसी रिश्ते में बंधे रहते हैं जो हमें प्यार का एहसास दिलाता है. फिर चाहे वह रिश्ता मांबाप के साथ हो, भाईबहिन के साथ हो या दोस्तों के साथ. इन सभी रिश्तों में एक रिश्ता वह होता है जो हमारे दिल के सब से करीब होता है और जिस की चाह हर युवा को होती है और वह रिश्ता होता है प्यार का रिश्ता. वह प्यार जिसे हम जिंदगीभर के लिए पाना चाहते हैं, जिस में में शादी कर के घर बसाना चाहते हैं और अपना खुद का परिवार बनाना चाहते हैं.

इस रिश्ते के बिना इंसान अपने आप को अधूरा महसूस करता है. ऐसे जीवनसाथी की चाह उस वक्त से हमारे दिल में शुरू हो जाती है जब हम जवानी की दहलीज पर कदम रखते हैं. उसी दौरान जहां लड़कियां सपनों के राजकुमार को पाने का सपना देखती हैं तो वहीं लड़के भी पत्नी के रूप में अपनी मनपसंद लड़की को पाने का ख्वाब देखने लगते हैं.

मगर जैसे जैसे उम्र बढ़ती है हमारे सामने कई चुनौतियां आती हैं जब हमारा सामना कड़ी सचाई जैसे संघर्ष से भरा जीवन, अच्छे कैरियर की चाह और भविष्य की चिंता असल जिंदगी में बांहें फैलाए स्वागत करती है तो हमें शादी के सही माने भी समझ में आने लगते हैं. तब ऐसा ही महसूस होता है कि ये इश्क नहीं आसां बस इतना समझ लीजिए एक आग का दरिया है और डूब के जाना है.

तब हमारी इच्छाएं सीमित थी

एक समय ऐसा भी था जब शादी को ले कर इतनी चिंताएं और परेशानियां नहीं थी क्योंकि हमारी इच्छाएं सीमित थीं. हम घर वालों के हिसाब से चलते थे. ज्यादातर अरैंज्ड मैरिज होती थी. तब शादी करना इतना मुश्किल भी नहीं था. उस दौरान शादी के माने भी अहम लगते थे. तब लगता था शादी सही उम्र में हो तो ही अच्छा है क्योंकि उस के बाद बच्चे पैदा करना और घर बसाना है शादी का मकसद होता था. लेकिन जैसेजैसे समय बीतने लगा चीजें भी बदलती गईं.

युवा पीढ़ी के विचारों में भी बदलाव आया. मांबाप भी सोचने लगे कि लड़का हो या लड़की शादी से पहले आत्मनिर्भर होना जरूरी है. उस के लिए पढ़ाई और कैरियर बनाना, आत्मनिर्भर बनना सब से महत्त्वपूर्ण है. 

Bu hikaye Grihshobha - Hindi dergisinin September Second 2023 sayısından alınmıştır.

Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.

Bu hikaye Grihshobha - Hindi dergisinin September Second 2023 sayısından alınmıştır.

Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.

GRIHSHOBHA - HINDI DERGISINDEN DAHA FAZLA HIKAYETümünü görüntüle
फिल्म वालों की शादी परदे पर कुछ हकीकत में कुछ
Grihshobha - Hindi

फिल्म वालों की शादी परदे पर कुछ हकीकत में कुछ

फिल्म इंडस्ट्री प्यार के लिए जान देने वाली प्रेमिका या प्रेमी की प्रेमगाथा फिल्मों में तो दिखाते हैं, मगर असल जिंदगी में इनका प्यार कैसा होता है, क्या जानना नहीं चाहेंगे.....

time-read
3 dak  |
September First 2024
बौलीवुड में ग्रुपबाजी बहुत है शबीना खान नृत्य निर्देशक
Grihshobha - Hindi

बौलीवुड में ग्रुपबाजी बहुत है शबीना खान नृत्य निर्देशक

एक नृत्य निर्देशक के रूप में शबीना ने न सिर्फ नाम बल्कि पैसा भी कमाया. जानिए, कुछ दिलचस्प बातें खुद उन्हीं से....

time-read
6 dak  |
September First 2024
ऐसे पाएं उभरी नीली नसों से छुटकारा
Grihshobha - Hindi

ऐसे पाएं उभरी नीली नसों से छुटकारा

टांगों व जांघों पर मकड़ीनुमा नीली नसों से कैसे नजात पाएं, जरूर जानिए...

time-read
4 dak  |
September First 2024
इस्तांबुल करीब से देखें इतिहास
Grihshobha - Hindi

इस्तांबुल करीब से देखें इतिहास

कुदरती नजरों और ऐतिहासिक धरोहरों को करीब से देखना चाहते हैं, तो इस्तांबुल की सैर पर जाइए...

time-read
10 dak  |
September First 2024
नकली बारिश राहत या नुकसान
Grihshobha - Hindi

नकली बारिश राहत या नुकसान

नकली बारिश कैसे होती है और इस के फायदे और नुकसान क्या हैं, एक बार जानिए जरूर...

time-read
6 dak  |
September First 2024
राजस्थानी जायकों की बात निराली
Grihshobha - Hindi

राजस्थानी जायकों की बात निराली

राजस्थान न सिर्फ पर्यटन के लिए, बल्कि अपने विशिष्ट पहनावे और खानपान के लिए भी खासा मशहूर है.....

time-read
5 dak  |
September First 2024
एक नई भाषा है इमोजी
Grihshobha - Hindi

एक नई भाषा है इमोजी

जब शब्द कम पड़ जाएं तो इमोजी उन्हें किस तरह पूरा कर देती है, क्या जानना नहीं चाहेंगे....

time-read
3 dak  |
September First 2024
डिजिटल अरैस्ट ठगी का नया तरीका
Grihshobha - Hindi

डिजिटल अरैस्ट ठगी का नया तरीका

आजकल ठगी का नया ट्रेंड चला है, जिसे औनलाइन अरेस्ट कहते हैं. क्या है यह और कैसे आप इस के शिकार बन सकते हैं, जानिए.....

time-read
2 dak  |
September First 2024
क्या पेरैंटस लव मैरिज के लिए तैयार नहीं हैं
Grihshobha - Hindi

क्या पेरैंटस लव मैरिज के लिए तैयार नहीं हैं

जब आप को हो गया हो प्यार मगर पेरैंट्स इस मैरिज के लिए न हों तैयार, तो फिर क्या करें....

time-read
6 dak  |
September First 2024
टेस्ट में टिवस्ट
Grihshobha - Hindi

टेस्ट में टिवस्ट

फ़ूड रेसिपीज

time-read
2 dak  |
September First 2024