रमा और मनोज के रोजरोज के झगड़े से पासपड़ोस के लोग भी तंग आने लगे थे. दोनों की शादी को महज 3 साल ही हुए हैं और इन 3 सालों में दोनों के बीच प्यार कम फालतू के मुद्दों पर बहस ज्यादा देखने को मिलती है. रमा पब्लिक स्कूल में टीचर और मनोज सरकारी बैंक में मैनेजर दोनों को काम से जल्दी छुट्टी मिल जाती है, फिर भी दोनों साथ में समय नहीं बिता पाते.
दरअसल, मनोज जल्दी आ कर भी घर नहीं आता. अपने दोस्तों के साथ बाहर ही समय बिताता है. उस की यह आदत रमा को बिलकुल पसंद नहीं है. इसलिए रोज रात को दोनों की बीच तीखी नोकझोंक होती है. रविवार के दिन भी दोनों बाहर कम जाते हैं, जिस वजह से दोनों के बीच दूरी बढ़ने लगी थी. छोटीछोटी बातों से शुरू हुआ झगड़ा उन के जीवन पर हावी होता जा रहा था.
एक दिन रमा ने स्कूल से छुट्टी ले ली लेकिन मनोज के टिफिन के लिए वह सुबह जल्दी उठ गई. रमा रसोई में नाश्ता बना रही थी तभी मनोज रमा के पास आ कर कहने लगा, “मैं आज नाश्ता ले कर नहीं जाऊंगा."
इस बात पर रमा को बहुत गुस्सा आया. उस ने मनोज से कहा, “जब तुम बाहर ही रहते हो, बाहर ही खातेपीते हो तो मेरे साथ हो ही क्यों ? मैं सुबह जल्दी उठ कर नाश्ते की तैयारी में लगी हुई हूं. अगर नाश्ता नहीं ले जाना था तो रात को ही बता देते, " इतना बोल कर रमा गुस्से में रसोई से अपने कमरे में चली गई.
तभी मनोज भी कमरे में आया और रमा पर चिल्लाने लगा, “तुम्हें छोटी सी बात समझ नहीं आती. पता नहीं मैं ने शादी क्यों की."
शादी का नाम सुनते ही रमा ने भी पलट कर जवाब देना शुरू कर दिया, “सही कहा तुम ने, न जाने वह कैसा पंडित था जिस ने हमारी कुंडली देख कर 36 में से 32 गुण मिला दिए थे. गुण तो अब देखने को मिल रहे हैं."
हावी रहता है अंधविश्वास
रमा आज भी उस दिन को कोसती है जब मनोज की कुंडली के साथ उस की कुंडली का मिलान हो रहा था. पंडित ने दोनों की कुंडलियां देख कर तारीफों के पुल बांध दिए थे.
पंडित ने रमा की मां से कहा था, “आप की बेटी बहुत ही खुश रहेगी. दोनों के 32 गुण मिले हैं. इस आधार पर दोनों की आपस में खूब बनेगी."
Bu hikaye Grihshobha - Hindi dergisinin November Second 2023 sayısından alınmıştır.
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