Jyotish Sagar Magazine - January 2024Add to Favorites

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In this issue

Jyotish Sagar’s January, 2024 issue has been published now. This issue is based on "Ram Mandir Ayodhya'.

लो तैयार हो गया 'रामलला' का नया भव्य मन्दिर

इन्तजार की घड़ियाँ समाप्त होने को हैं। उल्टी गिनती आरम्भ हो चुकी है। 22 जनवरी को मध्याह्न में रामलला अपने नए मन्दिर में दर्शन देंगे।

लो तैयार हो गया 'रामलला' का नया भव्य मन्दिर

4 mins

कुश से लेकर विवाद, शिलान्यास और उद्घाटन तक राम मन्दिर

वाल्मीकि रामायण के अनुसार अयोध्या नगरी की स्थापना मनु द्वारा की गई थी। विभिन्न राजाओं ने इस नगरी में निर्माण एवं विस्तार का कार्य किया। दशरथ जी ने भी यहाँ कई इमारतें बनवाईं।

कुश से लेकर विवाद, शिलान्यास और उद्घाटन तक राम मन्दिर

3 mins

ऐसा था रामयुग

रामयुग में सामान्यतः राजतन्त्रात्मक व्यवस्था का प्रचलन था। राजा को देवता सम माना जाता था और उसका राजत्व दैवीय था। वंशानुगत उत्तराधिकार का प्रचलन था।

ऐसा था रामयुग

6 mins

श्रीराम की वनवास यात्रा का भौगोलिक परिचय

भगवान् श्रीराम का यौवराज्याभिषेक कैकेयी के तीन वर माँगने के कारण न केवल स्थगित हुआ, वरन् उन्हें 14 वर्ष वनवास भी भोगना पड़ा। ये 14 वर्ष उन्होंने भ्राता लक्ष्मण एवं पत्नी सीता के साथ मध्य एवं दक्षिण भारत के दुर्गम वनों में व्यतीत किए।

श्रीराम की वनवास यात्रा का भौगोलिक परिचय

4 mins

लग्नानुसार ज्योतिष के महत्त्वपूर्ण सूत्र

मिथुन लग्न के जातकों को भाग्य में कमी का अनुभव होता है। बुध एवं शुक्र का सम्बन्ध सर्वाधिक शुभ फलदायक होता है। गुरु एवं शुक्र की युति दशम भाव में राजयोग के फल प्रदान करती है।

लग्नानुसार ज्योतिष के महत्त्वपूर्ण सूत्र

6 mins

भारत में सूर्योपासना एक विवेचना

वेद कहते हैं 'सूर्य आत्मा जगत: तस्थुषश्च' अर्थात् सूर्य समस्त चराचर जगत् की आत्मा हैतथा ‘असवादित्योब्रह्मः' अर्थात् सम्मुख आदित्य (सूर्य) 'ब्रह्म' है। वेदों में यद्यपि सूर्य की प्रधान देवों में गणना नहीं है, फिर भी वैदिक काल में सूर्यपूजा की विद्यमानता दृष्टिगोचर होती है। सविता (सूर्य) की उपासना में गायत्री मन्त्र सर्वविदित है। आज भी नित्य सन्ध्या वन्दन में गायत्री मन्त्र का जप किया जाता है। वेदों के अनुसार भगवान् सूर्य के रथ के सात घोड़े हैं, जो ज्योतिष की दृष्टि से 'वार' के प्रतीक हैं। कालगणना सूर्य की गति पर ही आधारित है।

भारत में सूर्योपासना एक विवेचना

4 mins

सूर्य-चन्द्रमा की युति एक विश्लेषण

चन्द्रमा के अस्त होने के बावजूद भी कई जातक जीवन में उच्चस्तरीय सफलता प्राप्त करते हुए देखे जाते हैं।

सूर्य-चन्द्रमा की युति एक विश्लेषण

5 mins

कर्मयोगी स्वामी विवेकानन्द जन्मपत्रिका विश्लेषण

गुरु महादशा में गुरु की अन्तर्दशा तथा शुक्र की प्रत्यन्तर्दशा में हुए शिकागो विश्व धर्म सम्मेलन में दिए गए व्याख्यानों से उन्हें अभूतपूर्व ख्याति प्राप्त हुई।

कर्मयोगी स्वामी विवेकानन्द जन्मपत्रिका विश्लेषण

10+ mins

सूर्योपासना का पर्व है मकर संक्रांति

प्रत्येक साल सूर्य भगवान् जब धनु राशि को छोड़कर मकर राशि में प्रवेश करते हैं, तब सूर्योपासना के रूप में 'मकर संक्रांति का पर्व की मनाया जाता है।

सूर्योपासना का पर्व है मकर संक्रांति

2 mins

निम्बार्क सम्प्रदाय में सूर्यदेव

आचार्य श्री ने रात्रि में सूर्यदेव का दर्शन कराया और यतिस्वरूप ब्रह्मा का आतिथ्य किया। यह देखकर ब्रह्मा जी विस्मित हुए और तत्काल प्रत्यक्ष स्वरूप में प्रकट होकर श्री आचार्यवर्य को 'निम्बार्क' नाम से सम्बोधित किया।

निम्बार्क सम्प्रदाय में सूर्यदेव

2 mins

जिन्हें गोविन्ददेव के साक्षात् दर्शन हुए!

कवि, परम भक्त और महान् निर्माता महाराजा सवाई प्रतापसिंह

जिन्हें गोविन्ददेव के साक्षात् दर्शन हुए!

3 mins

आइए चलें...महातीर्थ खजुराहो

खजुराहो में केवल एक मन्दिर नहीं है। वहाँ 25 मन्दिर हैं।

आइए चलें...महातीर्थ खजुराहो

1 min

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Jyotish Sagar Magazine Description:

PublisherJyotish Sagar Private Limited

CategoryReligious & Spiritual

LanguageHindi

FrequencyMonthly

Jyotish Sagar is the most popular astrological monthly magazine in Hindi language. It is being published from March, 1997. This magazine covers most of branches of astrology like as : Classical Hindu Astrology, Modern Astrology, Krishnamurthi or KP Astrology, Jaimini Astrology, Career Astrology, Marriage Astrology, Medical Astrology, Remedial Astrology, Lal Kitab, Tajik or Annual Horoscopy, Palmistry, Numerology, Body Reading and Samudrik Shastra, Mundane Astrology, Electional or Muhurta Astrology, Vedic Astrology, Astrological Mathematics and Siddhant Jyotish or Hindu Astronomy etc. Detailed Panchanga (calendar), Monthly Ephemeris and Various type of Muhurta are also published in every issue. Monthly Horoscope (Rashiphal) and Tansitary Forecast are also attractive feature of Jyotish Sagar. Many permanent collums like as festival planner of the month, Ramcharitmans, Upanishad, Gita, Ravan Samhita, Puran Purush, Kabir Vaani, Chanakyodesh etc are other attractions of this magazine. Some articles are also published on Vastu, Tantra, Mantra and Yantra. Every year two Special issues on Deepavali are also published. More than four special issues are published per year.

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