Jyotish Sagar - May 2023Add to Favorites

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في هذه القضية

Jyotish Sagar’s May, 2023 issue has been published now. List of some published articles is given here :
1. Jyotish Sagar's 'New Venture' gotoastro.com
2. Jatoli is dear to Lord Shiva, here the 'sound of Damru' comes from the stones.
3. Kalyaneshwar Mahadev: Where water disappears as soon as it is offered on Shivlahari!
4. Achru Mata Temple: Mata talks to the devotees when the wishes are fulfilled!
5. A mysterious Dasha: Dasha of Shani in Venus and Dasha of Venus in Shani!
6. Ideal Couples Of Bollywood And The Influence Of Guru
7. Miraculous Yogas of Astrology: Learn how Shani-Mars-Ketu creates Technical Guru Yoga!
8. My stick fell on my head : Shani Dev is the nurturer of justice
9. Ketu effect and protection
10. How to make accurate predictions (Part-190): Effects of Rahu and Ketu in the eighth house of Aquarius ascendant
11. According to Ayurveda, the selection of favorable gems for health
12. Uttarakalamrit by Kalidas: First Kand Fourth Section: - Grahabhavaphalkhand: (Part-8) Bhavaphal
13. The role of Vastu in increasing heart attack in youth!
14. Helpful in reducing the pain of legs and knees: Elevated Trikonasana
15. The exercise that makes the forehead shiny is: Kapalbhati
16. The scientificity and greatness of sixteen sacraments
17. How to get rid of the fear of ghost?
18. Easy way to get rid of obstacles
19. Sarnath shows the social aspect of Mahatma Buddha
20. Mahakavi Rabindranath Thakur: Whose creations give the message of unity of world human!
21. The result of Ashwamedha Yagya is achieved by worshiping Mother Ganga.
22. Namami Punya-Nirjharini
23. Vatsavitri Amavasya, the festival of wishing for unbroken marriage
24. Pilgrimage: Kullu Dussehra is the meeting of the gods.

एक रहस्यमयी दशा: शुक्र में शनि की दशा और शनि में शुक्र की दशा!

चन्द्रमा की लग्न कर्क में तथा सूर्य की लग्न सिंह में शुक्र और शनि केन्द्रेश होते हैं तथा अपनी दशा-अन्तर्दशा में विशेष उन्नतिकारक नहीं होते। सामान्यतः इनका विपरीत फल प्राप्त होता है।

एक रहस्यमयी दशा: शुक्र में शनि की दशा और शनि में शुक्र की दशा!

2 mins

जानें शनि-मंगल-केतु कैसे निर्मित करते हैं तकनीकी गुरु योग!

जब मंगल, शनि एवं केतु का सम्बन्ध आपस में बन रहा हो, दृष्टि से देख रहे हों अथवा मंगल शनि की राशि में हो और शनि मंगल की राशि को देख रहे हों और केतु शनि पर अथवा मंगल पर अपनी दृष्टि डाल रहा हो, तब यह योग निर्मित होता है।

जानें शनि-मंगल-केतु कैसे निर्मित करते हैं तकनीकी गुरु योग!

3 mins

सोलह संस्कारों की वैज्ञानिकता और माहात्म्य

सनातन हिन्दू धर्म एक शाश्वत और प्राचीन धर्म है। यह एक वैज्ञानिक और विज्ञान आधारित धर्म होने के कारण निरन्तर विकास कर रहा है।

सोलह संस्कारों की वैज्ञानिकता और माहात्म्य

5 mins

मेरी लाठी मेरे सिर पर ही बरसी

सफल होने पर मनुष्य की मेहनत जिम्मेदार होती है और असफल होने पर वह भाग्य को जिम्मेदार मानता है जबकि भाग्य कर्म का ही परिणाम है।

मेरी लाठी मेरे सिर पर ही बरसी

2 mins

सारनाथ दिखाता है महात्मा बुद्ध का सामाजिक पहलू

जीवन में दो अतियाँ हैं: एक इन्द्रिय सुख और विलासिता की अति और दूसरी जीवन से विरक्ति एवं आत्मदमन की अति। तुम्हें इन दोनों ही अतियों से बचकर मध्यम मार्ग का चुनाव करना है।

सारनाथ दिखाता है महात्मा बुद्ध का सामाजिक पहलू

2 mins

न्याय के पोषक हैं शनिदेव

शनि, न्याय के देव हैं, लेकिन उनके बारे में कई तरह की शंकाएँ मन में रहती हैं। उन्हें 'क्रूर' तक कहा जाता है।

न्याय के पोषक हैं शनिदेव

3 mins

नमामि पुण्य-निर्झरिणी

गुप्तकालीन स्थापत्य कला में गंगा-यमुना अपने कर (हाथ) में पूर्ण कुम्भ के स्थान पर चँवर के साथ प्रदर्शित हैं। इन नदी मूर्तियों के चामरधारी मानवीय स्वरूप की कल्पना कुमारसम्भव में भी प्राप्य है।

नमामि पुण्य-निर्झरिणी

3 mins

आयुर्वेद के अनुसार आरोग्य हेतु अनुकूल रत्न का चयन

भारतीय ज्योतिष में रत्नों का विशेष महत्त्व है। कुल 84 रत्न और उपरत्न हमें पृथ्वी और समुद्र के गर्भ से प्राप्त होते हैं, जिनका मानव जीवन पर गहरा प्रभाव है।

आयुर्वेद के अनुसार आरोग्य हेतु अनुकूल रत्न का चयन

3 mins

अखण्ड सुहाग की कामना का पर्व - वटसावित्री अमावस्या

वटसावित्री का पर्व विवाहिताओं के लिए अखण्ड सुहाग की कामना का द्योतक है। सीता और सावित्री की संस्कृति वाले देश में वट अमावस्या स्त्रियों के अदम्य साहस को भी दर्शाती है।

अखण्ड सुहाग की कामना का पर्व - वटसावित्री अमावस्या

3 mins

देवताओं का मिलन-पर्व है कुल्लू दशहरा

कुल्लू दशहरा में रामलीला का मंचन नहीं होता वरन् पालकियों में सजे-धजे देवी-देवता पधारते हैं, जो भगवान् श्री रघुनाथ जी की रथयात्रा में शामिल होते हैं।

देवताओं का मिलन-पर्व है कुल्लू दशहरा

3 mins

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Jyotish Sagar Magazine Description:

الناشرJyotish Sagar Private Limited

فئةReligious & Spiritual

لغةHindi

تكرارMonthly

Jyotish Sagar is the most popular astrological monthly magazine in Hindi language. It is being published from March, 1997. This magazine covers most of branches of astrology like as : Classical Hindu Astrology, Modern Astrology, Krishnamurthi or KP Astrology, Jaimini Astrology, Career Astrology, Marriage Astrology, Medical Astrology, Remedial Astrology, Lal Kitab, Tajik or Annual Horoscopy, Palmistry, Numerology, Body Reading and Samudrik Shastra, Mundane Astrology, Electional or Muhurta Astrology, Vedic Astrology, Astrological Mathematics and Siddhant Jyotish or Hindu Astronomy etc. Detailed Panchanga (calendar), Monthly Ephemeris and Various type of Muhurta are also published in every issue. Monthly Horoscope (Rashiphal) and Tansitary Forecast are also attractive feature of Jyotish Sagar. Many permanent collums like as festival planner of the month, Ramcharitmans, Upanishad, Gita, Ravan Samhita, Puran Purush, Kabir Vaani, Chanakyodesh etc are other attractions of this magazine. Some articles are also published on Vastu, Tantra, Mantra and Yantra. Every year two Special issues on Deepavali are also published. More than four special issues are published per year.

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