Modern Kheti - Hindi - 15th July 2024Add to Favorites

Modern Kheti - Hindi - 15th July 2024Add to Favorites

انطلق بلا حدود مع Magzter GOLD

اقرأ Modern Kheti - Hindi بالإضافة إلى 9,000+ المجلات والصحف الأخرى باشتراك واحد فقط  عرض الكتالوج

1 شهر $9.99

1 سنة$99.99

$8/ شهر

(OR)

اشترك فقط في Modern Kheti - Hindi

سنة واحدة $6.99

يحفظ 73%

شراء هذه القضية $0.99

هدية Modern Kheti - Hindi

7-Day No Questions Asked Refund7 أيام بدون أسئلة
طلب سياسة الاسترداد

 ⓘ

Digital Subscription.Instant Access.

الاشتراك الرقمي
دخول فوري

Verified Secure Payment

تم التحقق من أنها آمنة
قسط

في هذه القضية

Social media benefit in Agricultural

भूमि सुधार आवश्यक नहीं तो 90 प्रतिशत भूमि होगी खराब

संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) ने एक सख्त चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि 2050 तक पृथ्वी की 90 प्रतिशत भूमि क्षरित हो सकती है। यह चिंताजनक भविष्यवाणी वैश्विक जैव विविधता और मानव जीवन के लिए एक बड़े खतरे को उजागर करती है।

भूमि सुधार आवश्यक नहीं तो 90 प्रतिशत भूमि होगी खराब

2 mins

कृषि में बढ़ रहा है इलेक्ट्रिक वाहनों का चलन

एक संधारणीय भविष्य बनाने के लिए विभिन्न क्षेत्रों के विभिन्न हितधारकों के सामूहिक प्रयास और सहयोग की आवश्यकता है। जबकि वाणिज्यिक कम्प्यूटर और यात्री वाहन हमेशा पर्यावरणविदों की आलोचना का सामना करते हैं जो लगातार स्वच्छ ऊर्जा की मांग करते हैं।

कृषि में बढ़ रहा है इलेक्ट्रिक वाहनों का चलन

3 mins

आलू में अकाल के लिए जिम्मेदार रोगाणु पेरु में हुआ था उत्पन्न

19वीं शताब्दी के महान आयरिश आलू अकाल के लिए जिम्मेदार रोगाणु की उत्पत्ति पेरू में हुई थी, जिसने ब्रिटिश शासित आयरलैंड में लाखों लोगों की जान ले ली थी और जिसके कारण विश्वभर में आयरिश लोगों का प्रवास हुआ था।

आलू में अकाल के लिए जिम्मेदार रोगाणु पेरु में हुआ था उत्पन्न

2 mins

सीमांत किसानों पर जलवायु परिवर्तन का प्रभाव

विकास खुफिया इकाई (डीआईयू) के सहयोग से समतामूलक विकास के लिए उद्यम मंच (एफईईडी) की ओर से सीमांत किसानों पर जलवायु परिवर्तन के प्रभाव पर तैयार की गई रिपोर्ट से पता चला है कि सर्वेक्षण में शामिल 60 प्रतिशत से अधिक सीमांत किसानों को पिछले पांच वर्षों में चरम मौसम की घटनाओं के कारण फसल का काफी नुकसान उठाना पड़ा है, जिनमें से आधे से अधिक ने गंभीर प्रभाव की बात कही है।

सीमांत किसानों पर जलवायु परिवर्तन का प्रभाव

1 min

फसलों के अनुसार खुद को ढाल रही हैं टिड्डिया

टिड्डियां गंध की मदद से फसलों को पहले से बेहतर तरीके से पहचान रही हैं तथा उनके अनुसार अपने आपको ढाल रही हैं। इस काम को वे अरबों से ज्यादा जीवों के झुंड में आसानी से कर सकती हैं। इस चिंताजनक बात का खुलासा यूनिवर्सिटी ऑफ कोंस्टांज के क्लस्टर ऑफ एक्सीलेंस कलेक्टिव बिहेवियर के शोधकर्ताओं द्वारा किया गया है।

फसलों के अनुसार खुद को ढाल रही हैं टिड्डिया

2 mins

कीटनाशकों के सुरक्षित भंडारण एवं विवेकपूर्ण उपयोग का तरीका

आधुनिक कृषि में कीटनाशकों का बहुत महत्व है। कीटनाशक उन रासायनिक या जैविक पदार्थों के मिश्रण को कहते हैं जो कि कीटों, बीमारियों व खरपतवारों आदि से फसलों को नुकसान से बचाने के लिए उपयोग किए जाते हैं।

कीटनाशकों के सुरक्षित भंडारण एवं विवेकपूर्ण उपयोग का तरीका

5 mins

बैंगन की खेती

बैंगन सोलेनैसी जाति की फसल है जो कि मूल रूप से भारत की फसल है। आमतौर पर इसकी खेती सब्जी के लिए की जाती है। हमारे देश के अलावा भी यह अन्य कई देशों की प्रमुख सब्जी की फसल है। बैंगन की फसल बाकी फसलों से ज्यादा सख्त होती है। इसके सख्त होने के कारण इसे शुष्क या कम वर्षा वाले क्षेत्रों में भी उगाया जा सकता है। यह विटामिन तथा खनिजों का अच्छा स्त्रोत है।

बैंगन की खेती

6 mins

कृषि में कार्बनिक खादों का महत्व

मिट्टी की उत्पादन क्षमता जिससे पौधों को सन्तुलित मात्रा में पोषक तत्व उपलब्ध होते रहें। कार्बनिक खादें जैसे, गोबर की खाद, कम्पोस्ट परम्परागत रूप से मृदा उर्वरा शक्ति में वृद्धि कर फसलों की अच्छी पैदावार लेने के लिए अच्छी मानी गई है।

कृषि में कार्बनिक खादों का महत्व

5 mins

कृषि विकास में सोशल मीडिया की भूमिका

मौजूदा युग में सूचना एवं टैक्नॉलोजी द्वारा अनेक ऐसी सूचनाओं का प्रसार हो रहा है जिस कारण घर बैठे किसानों को कृषि विषय की सलाह प्राप्त हो रही है। सूचना एवं संचार के उपलब्ध साधनों का प्रयोग कृषि की प्रगति को बढ़ाने में सहायक होता है और इस मेल का प्रत्येक व्यक्ति को लाभ होता है। इन साधनों का प्रयोग परामर्श सेवाएं देने एवं किसान, कृषि विशेषज्ञ एवं अन्य हिस्सेदारों के बीच संचार आसान बनाने के लिए किया गया है।

कृषि विकास में सोशल मीडिया की भूमिका

10 mins

मृदा परीक्षण फसल उत्पादकता एवं गुणवत्ता वृद्धि हेतु वरदान

पूरी दुनिया में बढ़ती हुई जनसंख्या का भरण पोषण कृषि पर ही निर्भर है, 1950 के बाद भारत समेत सम्पूर्ण विश्व में जनसंख्या में कुछ ज्यादा ही वृद्धि हुई है। इस बढ़ती हुई जनसंख्या ने हमें कृषि उत्पादन बढ़ाने के तौर तरीकों के बारे में सोचने पर मजबूर कर दिया जिसके फलस्वरूप हरित क्रांति का जन्म हुआ। हरित क्रांति में अधिक खाद्यान्न उत्पादन के लिये किसानों ने रासायनिक उर्वरकों, कृषि रसायनों और सिंचाई साधनों का अंधाधुंध प्रयोग किया जिससे मृदा स्वास्थ्य में भारी कमी आई है।

मृदा परीक्षण फसल उत्पादकता एवं गुणवत्ता वृद्धि हेतु वरदान

3 mins

बाजरे की खेती और पैदावार

अधिक बाजरे का उत्पादन और लाभ हेतु उन्नत प्रौद्योगिकियां अपना आवश्यक है। भारत दुनिया का अग्रणी बाजरा उत्पादक देश है। भारतवर्ष में लगभग 85 लाख हैक्टेयर क्षेत्र में बाजरे की खेती की जाती है, जिसमें से 87 प्रतिशत क्षेत्र राजस्थान, महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तर प्रदेश एवं हरियाणा राज्यों में है।

बाजरे की खेती और पैदावार

8 mins

स्वास्थ्य एवं स्वाद की पहचान बने जैविक कृषि उत्पाद

वर्तमान परिवेश में विश्व उपभोक्ता की जैविक कृषि उत्पादों में रूचि एवं मांग बढ़ रही है। लेकिन इसके विपरीत सर्वाधिक जैविक खेती का रकबा रखने वाला भारत उत्पादन एवं विश्व बाजार में अपने जैविक कृषि उत्पाद के विक्रय प्रदर्शन में कमतर साबित हो रहा है।

स्वास्थ्य एवं स्वाद की पहचान बने जैविक कृषि उत्पाद

2 mins

قراءة كل الأخبار من Modern Kheti - Hindi

Modern Kheti - Hindi Magazine Description:

الناشرMehram Publications

فئةBusiness

لغةHindi

تكرارFortnightly

Modern Kheti, as the name indicates, relates to the modern agricultural techniques; conservative and cash crops, allied professions and farm machinery through training programs or upcoming events on a national and international level. Introduced in 1987, it is the leading and most widely read agriculture based magazine throughout Northern India. Punjab and Haryana, extensively known as the food grain basket of India, has in almost every household Modern Kheti, as it caters to every aspect of farming like growing of seasonal crops, their problems & solutions, conservative and cash crop farming. It also covers – fishery, poultry dairy, bee keeping, floriculture, horticulture etc. The main aim of Modern Kheti is to keep up the spirit of farming, bond different regions and help agriculture grow. It inspires the youth to take up agriculture as farming with a lot of emphasis on organic and profitable farming. It keeps in mind the health and prosperity of all i.e. taking mankind and nature together. It is published Fortnightly in Punjabi and Hindi and covers the whole of Punjab, Haryana, Rajasthan, Himachal Pradesh, Uttaranchal etc. It is undoubtedly one of the best mediums trying to provide healthy information.

  • cancel anytime إلغاء في أي وقت [ لا التزامات ]
  • digital only رقمي فقط
MAGZTER في الصحافة مشاهدة الكل