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भारत में सूर्योपासना एवं सूर्य मंदिर
जीवन का आधार एवं शक्ति प्रदाता सूर्य है, ऐसा वर्णन करती अनेक ऋचाएं वेदों में आती हैं। भारतीय महाद्वीप में भी सूर्य उपासना की युगों पुरानी परंपरा के दर्शन सूर्य मंदिरों में होते हैं।
बड़ी अनोखी है कार्तिक स्नान की महिमा
हिन्दू धर्म में पूर्णिमा का महत्त्वपूर्ण स्थान है । बारह पूर्णिमाओं में कार्तिक पूर्णिमा का महत्त्व सर्वाधिक है | मान्यता है कि इस दिन गंगा स्नान करने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है।
पौष्टिक एवं संतुलित आहार से पाएं दीर्घायु
तन स्वस्थ तो मन भी स्वस्थ । और यह तभी संभव है जब व्यक्ति को पौष्टिक तथा संतुलित भोजन मिले।
धार से कम न हो जीवन की रफ्तार
चाकू, सूई, तलवार भी देते हैं वास्तुदोष धारदार वस्तुएं या हथियार कई बार हमारी सुख-समृद्धि एवं वैभव की बर्बादी का कारण भी बनती हैं।
देश का भविष्य हैं बच्चे: पंडित नेहरू
14 नवंबर को बाल दिवस मनाया जाए या फिर नेहरू जयंती, दोनों ही एक दूसरे के पर्याय बन चुके हैं। भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित नेहरू को जितना प्रेम अपने राष्ट्र से था उतना ही राष्ट्र के भविष्य कहे जाने वाले नन्हे-मुन्ने बच्चों से भी था। डालते हैं एक नजर इस आलेख से।
दान पुण्य का अक्षय फल देता अक्षय नवमी
कार्तिक शुक्ल नवम्यां तु अक्षय नवमी व्रतम् के मुताबिक हर साल की कार्तिक मास की शुक्लपक्ष को नवमी तिथि कहा जाता है। शास्त्रीय मान्यता के अनुसार इसमें किए जाने वाले कर्मों का फल अक्षय हो जाता है।
ताकि बनी रहे आंखों की ज्योति
यदि आंखें न हों... ये सोचकर ही दिमाग में अंधेरा छाने लगता है, आंखें हमारे शरीर का सबसे नाजुक अंग हैं। इसीलिए जरूरी है समय के साथ उनकी पूरी देख़भाल करना, जानिए कैसे ?
जब हों सर्दी जुकाम से परेशान
ठंड का मौसम आते ही सर्दी-जुकाम, बदन दर्द आदि बीमारियों से दो-चार होना पड़ता है | सावधानी बरतने व कुछ साधारण उपचार एवं खान-पान अपनाने पर इससे बचा जा सकता है तथा इसके लक्षणों को कम किया जा सकता है। कैसे, जानें इस लेख से।
छींक: शकुन या अपशकुन ?
यदि घर से निकलते समय छींक आ जाए या कोई सामने की ओर छींक दे तो अशुभ समझना चाहिए । यदि कोई कार्य करते हों तो उस स्थिति में न करें तो बेहतर होगा,
मुझे समझने के लिए तुम्हें दिवाना मस्ताना होना पड़ेगा ।
ओशो को समझने के लिए आपको विचार शून्य होना होगा। कुछ भूलना होगा। जब नजर पर कोई सामाजिक चश्मा न रहेगा तो ओशो आपको सामने खड़े मिलेंगे ।
सत्य-ओशो का सबसे बड़ा अपराध!
ओशो का सबसे बड़ा अपराध शायद यही रहा कि उन्होंने किसी को बरगलाया नहीं, धोरवा नहीं दिया। ऐसे व्यक्ति दुनिया में बहुत कम ही होते हैं, इसीलिए उनके रिवलाफ सामाज में दुष्प्रचार फैलाया गया। लेकिन ओशो अपने मार्ग से डिगे नहीं, ऐसे व्यक्ति को अपना आदर्श मानना बेहद कठिन और साहसिक कृत्य है।
विशाल वटवृक्ष की तरह हैं ओशो
प्रस्तुत आलेख कुटास्थानंद जी द्वारा ओशो पर दिए गए प्रवचन का संक्षिप्त रूप है। इनकी आवाज जैन मुनि तरुण सागर जी से मिलती-जुलती है जिस कारण जनमानस में यह भ्रांति है कि यह प्रवचन तरुण सागर जी का है।
विरोध को श्रद्धा में बदलने की कीमिया है ओशो में
मुकेश कुमार कवि तथा लेखक हैं। प्रारंभ में ये ओशो के विरोधी रहे। 2008 में हृदय परिवर्तित हुआ और ओशो नव-संन्यास में दीक्षा ग्रहण की, नया नाम मिला स्वामी आनंद अमितेष
विमल कीर्ति: एक सम्राट बना ओशो का चौकीदार
25 जनवरी 1947 को जन्मे राजकुमार विमल कीर्ति जर्मनी के एक सम्राट के पुत्र और ब्रिटिश प्रिंस चार्ल्स के बहनोई थे। ओशो को उन्होंने जर्मनी में सुना और परिवार सहित ओशो कम्यून, पुणे में आकर सदा के लिए बस गए।
युवा वर्ग एवं भविष्य के लिए नई दृष्टि
अकसर यह कहा जाता है कि ' भारत का युवा वर्ग राह खो बैठा है। ' वस्तुस्थिति , यद्यपि यह है कि भारत का युवा वर्ग देखता है, जानता है कि जिस राह पर वह खड़ा है वह सरासर गलत है। परंतु विडंबना यह है कि क्या गलत है और क्यों गलत है उसे वह ठीक से बता नहीं पाता है, समझा नहीं पाता है।
चिरागों की तरह जलती हुई ओशो की आंखें
1964 में मैं जबलपुर आया हुआ था, महाराष्ट्र सरकार की ड्रॉइंग की एक परीक्षा देने के लिए जो मुंबई के सर जे जे इंस्टीट्यूट ऑफ अप्लाइड आर्ट्स में दाखिले के लिए जरूरी थी। अपने एक सम्बंधी के यहां ठहरा हुआ था।
मुझे कभी मृत मत समझना मैं सदा वर्तमान हूं
ओशो ने मृत्यु को उसी सहजता और हर्ष से वरण किया था जिस प्रकार से एक आम व्यक्ति जीवन को करता है। उन्होंने जगत को यही संदेश दिया कि मृत्यु के प्रति सदा जागरूक रहो, उसे वरण करो । आज ओशो भले ही अपना शरीर छोड़ चुके हों लेकिन अपने विचारों के माध्यम से वो आज विश्व में कहीं ज्यादा विस्तृत, विशाल रूप से मौजूद हैं।
मा आनंद शीला के भारत आगमन का अर्थ
34 वर्ष बाद मा आनंद शीला अपने देश भारत आई तो वह आते ही मीडिया-जगत पर छा गई। यह होना स्वाभाविक था क्योंकि एक वर्ष पहले ही ऑनलाइन स्ट्रीमिंग सेवा नेटफ्लिक्स पर रिलीज हुई 'वाइल्ड वाइल्ड कंट्री' ने 6 किश्तों में मुख्यतःशीला को केंद्र पर रखा था ।
महावीर को समझना हो तो ओशो को पढ़ो
प्रस्तुत आलेख श्री विकसित जैन मुनि के साक्षात्कार पर आधारित है । आइए , जानते हैं कि ओशो इस व्यक्ति के जीवन में कितने भीतर तक समाये हैं । इनका अद्भुत व्यक्तित्व जानकर निश्चित ही आप विस्मय से भर जाएंगे
प्रेम और विवाह
जिसके जीवन में प्रेम की कोई झलक नहीं है, उसके जीवन में परमात्मा के आने की कोई संभावना नहीं है। प्रेम के अतिरिक्त कोई रास्ता प्रभु तक नहीं पहुंच सकता।
नानक का धर्म नवीनतम है
नानक की 550 वीं जयंती एवं प्रकाश उत्सव पर प्रस्तुत है ओशो का विशेष प्रवचन जो उनकी 'एक ओंकार सतनाम' नामक पुस्तक में संकलित है ।
थैलियम की बूंदे
रोनाल्ड रीगन प्रशासन ने जब अपनी रूढ़िवादी, ईसाई नीतियों के प्रवाह में ओशो को अक्टूबर 1985 में अकारण गिरफ्तार किया तब किसे पता था कि सदियों पूर्व सुकरात को दिए गए जहर की घटना पुनः दोहराई जा रही थी। प्रस्तुत है ओशो रजनीश को जहर दिए जाने की इस घटना का एक शोधपूर्ण विवरण लेखिका सू एपलटन की कलम से।
ओशो ने दुनिया को हास्य से भर दिया
ओशो ने आधुनिक मनुष्य को हंसता, नाचता, गाता धर्म दिया। रोती बिलरवती तनावग्रस्त दुनिया को ठहाकों से भर दिया।
ओशो का वैज्ञानिक चिंतन
ओशो द्वारा दिए गए प्रवचन लगभग 650 हिंदी अंग्रेजी पुस्तकों में आबद्ध हैं। अब जबकि ओशो को दुनिया भर में स्वीकार किया जा चुका है, यह प्रासंगिक ही है कि उनकी विचार सरणी के उद्देश्य, महत्त्व, सार्थकता, वैज्ञानिक पक्ष आदि बिंदुओं को निष्पक्ष और स्पष्ट दृष्टिकोण से उकेरा जाए।
रामकृष्ण परमहंस- ईश्वरीय चेतना एवं धार्मिक सौहार्द के प्रवर्तक
महान संत, साधक, विचारक एवं सभी धर्मों की एकता पर बल देने वाले आध्यात्मिक गुरु रामकृष्ण परमहंस भारत की 19वीं शताब्दी के प्रमुख संतों में से एक हैं। मां काली के अनन्य भक्त श्री रामकृष्ण का मानना था कि धर्म अलग-अलग रास्ते हैं लेकिन ये सभी एक ही लक्ष्य तक लेकर जाते हैं।
मिजोरम की संस्कृति को जानें 'चपचार कुट के जरिए
उत्तर पूर्व भारत आज भी पूरी दुनिया के लिए एक पहेली की तरह है, पर्वतीय इलाकों में हरे-भरे जंगलों के पास, प्रदूषण और शोर-शराबे से दूर भारत का यह हिस्सा दुनिया के सबसे सुंदर स्थानों में से एक है। और यहीं है भारत का एक छोटा सा राज्य मिजोरम जिसकी जनसंख्या केवल 12 लारव है और जिसका अधिकतर भूभाग आज भी वन्य सम्पदा को समर्पित है। इसी मिजोरम में मार्च के महीने में राज्य के प्रमुरव उत्सवों में से एक 'चपचार कुट' मनाया जाता है। चलिए चपचार कुट के बहाने मिजोरम की संस्कृति के थोड़ा और करीब चलते हैं।
बीसवीं सदी का अप्रतिहत व्यक्तित्व
एक परमार्थ चेता संतहमारा देश धर्म प्रधान है। इसमें अनेक पंथ हैं, अनेक ग्रंथ हैं, अनेक साधना पद्धतियां हैं, अनेक धर्म प्रवक्ता और प्रशिक्षक हैं। समस्या है, हम कहां-कहां जाएं? सन् 1983 गुजरात यात्रा के दौरान एक प्रसिद्ध चिकित्सक ने आचार्यश्री महाप्रज्ञ से उक्त प्रश्न पूछा।
बांग्लादेश में भी देवी आराधना के हैं सब रंग
हिंदुस्तान के नक्शे पर सन् 1947 तक एकजुट रहा बांग्लादेश आज विश्व मानचित्र पर तो अलग है, लेकिन बात अगर हिंदू धर्म और आस्था की हो, तो यहां अल्पसंख्यक हिंदुओं में भी आस्था और भक्ति के वे सब रंग मौजूद हैं, जो हिंदुस्तान के हिंदुओं में हैं और यह सिद्ध करता है बांग्लादेश का ढाकेश्वरी मंदिर।
रूप-लावण्य के प्रति सजगता भी जरूरी
स्वास्थ्य और सौंदर्य के लिए आपकी जीवनशैली और रवान-पान काफी महत्त्व ररवता है । कुछ छोटे- मोटे उपायों को अपनाकर आप भी पा सकते हैं स्वस्थ एवं सुंदर शरीर। और ऐसे ही कुछ सुझाव शामिल हैं इस लेव में।
वसंत ऋतु में कैसे रहें नीरोग?
मौसम के अनुकूल भोजन हमारे तन-मन दोनों के लिए स्वास्थ्यप्रद है तो भला वसंत जैसे मनमोहक ऋतु में हम अपने रवान-पान से समझौता क्यों करें! इस मौसम में भी हमारा आहार कुछ ऐसा हो कि स्वास्थ्य एवं स्वाद दोनों का सामंजस्य बना रहे।